चंडीगढ़: हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव होगा. जिसके चलते चुनाव आयोग द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे जिनमें से कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट एक है और यहां पर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. बीजेपी द्वारा कुरुक्षेत्र लोकसभी सीट पर नवीन जिंदल को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं, आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन द्वारा डॉ. सुशील गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है. इंडियन नेशनल लोक दल द्वारा अभय चौटाला को कुरुक्षेत्र के चुनावी रण में उतारा गया है. जबकि जेजेपी ने पाला राम सैनी को प्रत्याशी बनाया है. जिसके चलते कुरुक्षेत्र हॉट सीट बनी हुई है.
कांग्रेस का चुनाव चिन्ह न दिखने का कारण: आपको बता दें कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के पक्ष में आई हुई है. जिसके चलते यहां पर आम आदमी पार्टी द्वारा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है. लेकिन अब तक के लोकसभा चुनाव का इतिहास रहा है की पहली बार कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर मतदान करने के दौरान ईवीएम पर लोगों को कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नहीं दिखाई देगा. क्योंकि इंडिया गठबंधन के तहत यहां आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी खड़ा हुआ है.
कांग्रेस ने ज्यादातर किया कब्जा: आंकड़ों की बात करें तो कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी सांसद बना है. लेकिन उसके बावजूद भी इंडिया गठबंधन के तहत कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट को आम आदमी पार्टी को दे दिया है. जिसके बाद अब तक के लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार होगा. जब लोग मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पर जाएंगे और उस दौरान उनको ईवीएम पर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नहीं मिलेगा. बता दें कि अभी तक कुल आठ सांसद कांग्रेस पार्टी के चुने गए हैं.
कुरुक्षेत्र सीट का इतिहास: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट को पहले कैथल लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था. कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट का गठन 1977 में हुआ था. पहली बार कैथल लोकसभा सीट पर चुनाव 1957 में हुआ था. उसके बाद कैथल लोकसभा सीट पर 1961,1967,1971 को चुनाव हुए थे. पहले चार लोकसभा चुनाव कैथल लोकसभा सीट के रूप में हुए. बता दें कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट 1977 लोकसभा चुनाव में अस्तित्व में आई. 1973 में कुरुक्षेत्र को जिला बनाया गया. उसके बाद 1977 के चुनाव से इस सीट को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के नाम से जाने जाना लगा.
कुरुक्षेत्र सीट पर सांसदों का इतिहास: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट को पहले कैथल लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था और कैथल लोकसभा सीट के नाम से पहली बार चुनाव 1957 में हुआ. जिसमें कांग्रेस पार्टी के मूलचंद जैन सांसद चुने गए. 1957 से लेकर 1962 तक वह यहां पर सांसद रहे हैं. कैथल लोकसभा सीट पर दूसरी बार चुनाव 1962 में हुआ. जहां पर देवीदत पूरी कांग्रेस से सांसद चुने गए. तीसरा चुनाव 1667 में हुआ. जहां पर गुलजारीलाल नंदा कांग्रेस सांसद चुने गए. चौथा चुनाव 1971 में हुआ जिसमें गुलजारीलाल नंदा कांग्रेस सांसद चुने गए थे.
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आई. जिसके बाद जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े रघुवीर सिंह 1977 से लेकर 1980 तक यहां के सांसद रहे. फिर 1980 से जनता पार्टी से मनोहर लाल सैनी 1984 तक सांसद रहे. सन 1984 में कांग्रेस पार्टी से सरदार हरपाल सिंह यहां से सांसद चुने गए, जो 1989 तक सांसद रहे. इसके बाद फिर गुरदयाल सिंह सैनी जनता दल पार्टी से 1989 से लेकर 1991 तक सांसद रहे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी से तारा सिंह 1991 से लेकर 1996 तक सांसद रहे. हरियाणा विकास पार्टी से ओपी जिंदल 1996 से लेकर 98 तक यहां के सांसद रहे. इनके बाद इनेलो से क्लासो सैनी 1998 से लेकर 1999 तक तथा 1999 से लेकर 2004 तक संसद रही. फिर कांग्रेस से नवीन जिंदल 2004 से लेकर 2009 तक और 2009 से लेकर 2014 तक सांसद रहे. 2014 में यहां पर भारतीय जनता पार्टी से राजकुमार सैनी सांसद चुने गए, जो 2019 तक सांसद रहे. 2019 में भारतीय जनता पार्टी से नायब सैनी सांसद चुने गए, जो अब तक सांसद हैं, देखने वाली बात यह होगी कि 2024 लोकसभा चुनाव में यहां से जनता किसको अपना सांसद चुनती है.