नैनीतालः कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने नैनीताल बलियानाले पर किए जा रहे सुरक्षात्मक और विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया. बलिया नाले में भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के लिए आईआईटी के निर्देशन में सिंचाई विभाग द्वारा सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं. कुमाऊं आयुक्त ने कार्यदायी संस्था व संबंधित अभियंता को कार्य की उच्च गुणवत्ता और कार्य को सफाई के साथ करने के लिए निर्देशित किया. दीपक रावत ने कार्य के मास्टर प्लान का भी अध्ययन किया.
मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग ने बताया कि बलियानाले की तरफ भूस्खलन से पहाड़ी का ढाल अधिक हो गया है जिस कारण निकटवर्ती आवासीय परिवारों के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. इसीलिए यहां पूर्व में संचालित जीआईसी इंटर कॉलेज को भी अन्यंत्र कॉलेज में प्रतिस्थापित कर संचालित कर विद्यार्थियों को शिक्षण दिया जा रहा है. भूस्खलन के कारण दरकी पहाड़ी को स्थायित्व प्रदान करने के लिए सेल्फ ड्रिलिंग एंकरिंग, पायलिंग, शॉर्टकिट, रेनफॉरेस्टमेंट, जिओ टेक्सटाइल और स्लोप के माध्यम से पहाड़ी का ढलान कम करने का कार्य किया जा रहा है. इस कार्य को भौगोलिक परिस्थिति के दृष्टिगत कई भागों में वितरित कर किया जा रहा है.
वहीं बलियानाला क्षेत्र में हो रहे कार्य में लापरवाही को लेकर आयुक्त दीपक रावत ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों और काम कर रहे ठेकेदार को जमकर फटकार भी लगाई. साथ ही अलग-अलग चरण में हो रहे काम का गहनता से निरीक्षण किया. इस दौरान दीपक रावत ने खुद निर्माण कार्य में प्रयोग हो रही सामग्री की गुणवत्ता की जांच को लेकर कई स्थानों पर खुदाई भी करवाई.
दीपक रावत ने कहा कि बलियानाला नैनीताल के अस्तित्व के लिए बेहद अहम है. लिहाजा, इसके कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर काम में लापरवाही होती मिली तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.
ये भी पढ़ेंः जल जीवन मिशन योजना पर भारी लापरवाही, नैनीताल और कालाढूंगी विधायक ने अफसरों पर लगाए आरोप