कुल्लू: बीते महीने 31 अगस्त की रात को कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटा था. जिसके कारण मलाणा पंचायत में भारी तबाही मची थी. मलाणा पावर प्रोजेक्ट का क्षतिग्रस्त होने से भारी नुकसान हुआ था. मलाणा पंचायत का पुल और सड़कें दोनों टूट गई हैं. जिसके कारण आपदा के एक महीने बाद भी ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पीने को नहीं मिल रहा साफ पानी
एक और जहां सड़क सुविधा ना होने से ग्रामीणों को जरूरी सामान पीठ पर उठा कर ले जाना पड़ रहा है. वहीं, सबसे ज्यादा दिक्कत लोगों को पीने के पानी की आ रही है. पीने के पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिलने पहुंचा और समस्या के जल्द समाधान की मांग की.
युवक मंडल महादेव के प्रधान भगत सिंह ने बताया, "बार बार प्रशासन की और से हमें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. जबकि हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. गांव में आपदा को आए हुए एक महीने का समय बीत जाने के बाद अभी तक लोगों को पीने के लिए साफ पीने का पानी नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों के घर सहित खेती योग्य जमीन भी बाढ़ में बह गई है और लोग रोज दिक्कतों का सामना कर रहे हैं." ऐसे में ग्रामीणों ने मांग उठाई है कि प्रशासन और सरकार उन्हें जमीन के बदले जमीन मुहैया करवाए और मलाणा पंचायत को जल्द से जल्द सड़क सुविधा से जोड़ा जाए.
मलाणा पावर प्रोजेक्ट पर लगे आरोप
मालाणा पंचायत के चोहकी गांव के ग्रामीणों ने मलाणा परियोजना प्रबंधन पर भी लोगों की मदद न करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि मलाणा पावर परियोजना एक महीने बाद भी गांव में पेयजल आपूर्ति को बहाल करने की बजाए सिर्फ बहाने बना रही है. जिसे चलते लोगों को मजबूरन मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. जिसके चलते लोगों ने प्रशासन को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि उनकी समस्या का समाधान किया जाए, नहीं तो वो लोग चक्का जाम करने और धरना करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया, "राहत कार्य को पूरा किया जा रहा है और बिजली की लाइन भी वहां के लिए रिपेयर किया जा रही है. जल्द ही गांव में हालात सामान्य होंगे."