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जल्द शुरू होगा बिजली महादेव रोपवे निर्माण, 80 पेड़ों का होगा कटान - KULLU BIJLI MAHADEV

कुल्लू में 7 हेक्टेयर भूमि पर करीब 3 किलोमीटर तक बिजली महादेव रोपवे का निर्माण होगा. जिससे सैलानी 10 मिनट में बिजली महादेव पहुंच सकेंगे.

Kullu Bijli Mahadev Ropeway
कुल्लू बिजली महादेव रोपवे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 13, 2024, 8:57 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की खराहल घाटी में स्थित बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे निर्माण का काम जल्द ही शुरू होने वाला है. बिजली महादेव रोपवे निर्माण को लेकर कंपनी अब यहां पहुंच गई है. मोहल के नेचर पार्क से जल्द इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. वन विभाग ने भी इसका पूरा सर्वे कर लिया है और निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कंपनी को पेड़ों के कटान और जमीन से संबंधित राशि भी विभाग को सौंपनी होगी. ये राशि देने के बाद ही कंपनी बिजली महादेव रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर पाएगी. बिजली महादेव रोपवे के निर्माण से सैलानी आसानी से बिजली महादेव पहुंच सकेंगे और यहां पर्यटन कारोबार को भी काफी फायदा होगा.

निर्माण कंपनी को सरकार को देने होंगे 6 करोड़ रुपए

बिजली महादेव रोपवे निर्माण के दायरे में 7 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है. जिसके चलते कंपनी को इस जमीन की एवज में 35 लाख रुपए सरकार के पास जमा करवाने होंगे. इसके अलावा एनपीबी के रूप में 42 लाख रुपए, 80 पेड़ जिनमें 10 चीड़ और 70 पौधे देवदार के शामिल हैं. उसकी कीमत भी वन विभाग के द्वारा 5 करोड़ रुपए से अधिक तय की गई है. ऐसे में यह सारी राशि कंपनी को निर्माण कार्य शुरू करने से पहले केंद्र सरकार के खाते में जमा करना होगी. उसके बाद ही यह निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा. गौरतलब है कि किसी भी प्रोजेक्ट कार्य को शुरू करने से पहले उस प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाली जमीन, पेड़-पौधों और अन्य संपदा का मूल्य सरकार के पास जमा करना होता है. बिजली महादेव प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली जमीन, पेड़ और अन्य संपदा की एवज में कंपनी की ओर से सरकार को 6 करोड़ रुपए जमा करवाने होंगे. जिसमें सीए, एनपीबी और पेड़ों की कीमत शामिल है.

बढ़ सकती है रोपवे निर्माण की लागत!

बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भूमि पूजन कर चुके हैं. 5 मार्च 2024 को भूमि पूजन होने के बाद कंपनी अभी तक ये औपचारिकताएं पूरी नहीं कर पाई है. ऐसे में प्रोजेक्ट निर्माण की कीमत बढ़ सकती है. हालांकि वर्तमान में रोपवे निर्माण की लागत करीब 283 करोड़ रुपए है, लेकिन अगर कंपनी इसी तरह औपचारिकताओं में उलझी रही तो निर्माण की लागत बढ़ सकती है.

10 मिनट में पहुंचेंगे बिजली महादेव

मोहल से बिजली महादेव मंदिर के पास ये रोपवे 2.33 किलोमीटर लंबा होगा. जिसमें 2 स्पैन होंगे. रोपवे के जरिए पर्यटक 10 मिनट में बिजली महादेव पहुंच सकेंगे. जबकि सड़क के जरिए जिला मुख्यालय कुल्लू से करीब 15 किलोमीटर का सफर करने के बाद डेढ़ किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है.

डीएफओ एंजल चौहान ने बताया, "बिजली महादेव रोपवे के निर्माण को लेकर कंपनी को 6 करोड़ की राशि सरकार के खाते में जमा करनी होगी. उसके बाद ही पर्यावरण एवं प्रदूषण मंत्रालय की ओर से कार्य को शुरू करने की फाइनल अप्रूवल मिलेगी. कंपनी उसके बाद ही कार्य को शुरू कर सकती है."

ये भी पढ़ें: HC ने हिमाचल विधानसभा पर लगाई 50 हजार रुपये की कॉस्ट, ये है मामला

ये भी पढ़ें: विरोध के बावजूद बिजली महादेव रोपवे को मिली मंजूरी, 283 करोड़ की लागत से बनकर होगा तैयार

कुल्लू: जिला कुल्लू की खराहल घाटी में स्थित बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे निर्माण का काम जल्द ही शुरू होने वाला है. बिजली महादेव रोपवे निर्माण को लेकर कंपनी अब यहां पहुंच गई है. मोहल के नेचर पार्क से जल्द इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. वन विभाग ने भी इसका पूरा सर्वे कर लिया है और निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कंपनी को पेड़ों के कटान और जमीन से संबंधित राशि भी विभाग को सौंपनी होगी. ये राशि देने के बाद ही कंपनी बिजली महादेव रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर पाएगी. बिजली महादेव रोपवे के निर्माण से सैलानी आसानी से बिजली महादेव पहुंच सकेंगे और यहां पर्यटन कारोबार को भी काफी फायदा होगा.

निर्माण कंपनी को सरकार को देने होंगे 6 करोड़ रुपए

बिजली महादेव रोपवे निर्माण के दायरे में 7 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है. जिसके चलते कंपनी को इस जमीन की एवज में 35 लाख रुपए सरकार के पास जमा करवाने होंगे. इसके अलावा एनपीबी के रूप में 42 लाख रुपए, 80 पेड़ जिनमें 10 चीड़ और 70 पौधे देवदार के शामिल हैं. उसकी कीमत भी वन विभाग के द्वारा 5 करोड़ रुपए से अधिक तय की गई है. ऐसे में यह सारी राशि कंपनी को निर्माण कार्य शुरू करने से पहले केंद्र सरकार के खाते में जमा करना होगी. उसके बाद ही यह निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा. गौरतलब है कि किसी भी प्रोजेक्ट कार्य को शुरू करने से पहले उस प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाली जमीन, पेड़-पौधों और अन्य संपदा का मूल्य सरकार के पास जमा करना होता है. बिजली महादेव प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली जमीन, पेड़ और अन्य संपदा की एवज में कंपनी की ओर से सरकार को 6 करोड़ रुपए जमा करवाने होंगे. जिसमें सीए, एनपीबी और पेड़ों की कीमत शामिल है.

बढ़ सकती है रोपवे निर्माण की लागत!

बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भूमि पूजन कर चुके हैं. 5 मार्च 2024 को भूमि पूजन होने के बाद कंपनी अभी तक ये औपचारिकताएं पूरी नहीं कर पाई है. ऐसे में प्रोजेक्ट निर्माण की कीमत बढ़ सकती है. हालांकि वर्तमान में रोपवे निर्माण की लागत करीब 283 करोड़ रुपए है, लेकिन अगर कंपनी इसी तरह औपचारिकताओं में उलझी रही तो निर्माण की लागत बढ़ सकती है.

10 मिनट में पहुंचेंगे बिजली महादेव

मोहल से बिजली महादेव मंदिर के पास ये रोपवे 2.33 किलोमीटर लंबा होगा. जिसमें 2 स्पैन होंगे. रोपवे के जरिए पर्यटक 10 मिनट में बिजली महादेव पहुंच सकेंगे. जबकि सड़क के जरिए जिला मुख्यालय कुल्लू से करीब 15 किलोमीटर का सफर करने के बाद डेढ़ किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है.

डीएफओ एंजल चौहान ने बताया, "बिजली महादेव रोपवे के निर्माण को लेकर कंपनी को 6 करोड़ की राशि सरकार के खाते में जमा करनी होगी. उसके बाद ही पर्यावरण एवं प्रदूषण मंत्रालय की ओर से कार्य को शुरू करने की फाइनल अप्रूवल मिलेगी. कंपनी उसके बाद ही कार्य को शुरू कर सकती है."

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