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Exclusive: कोटा जिला प्रशासन की अनोखी पहल, सोनू-मोनू, चिंटू-मिंटू.. कुछ ऐसा होगा पेड़ों का नामकरण, बर्थ सर्टिफिकेट भी होगा जारी - Kota district administration

कोटा में इस बार खास अभियान आयोजित होगा. जिला प्रशासन हर पौधे को नाम देने की तैयारी कर रहा है. साथ ही हर पेड़ का बर्थ सर्टिफिकेट भी प्रशासन जारी करेगा. ऐसे में कोटा में लगने वाले पौधों के नाम चिंटू-मिंटू या सोनू-मोनू भी सुनने को मिल सकते हैं.

KOTA DISTRICT ADMINISTRATION
पेड़ों का बर्थ सर्टिफिकेट (फोटो : ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 29, 2024, 6:31 AM IST

पेड़ों का बर्थ सर्टिफिकेट (वीडियो : ईटीवी भारत)

कोटा. सभी मौसम में पेड़ मददगार होते हैं, जहां पर अधिक पेड़ होते हैं, अच्छी बारिश व गर्मी से भी बचाव की संभावना वहां ज्यादा होती है. इसलिए सरकार हर बार अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर जोर देती है. इस बार भी मानसून काल में प्रदेशभर में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा, लेकिन कोटा में इस बार खास अभियान आयोजित होगा. जिला प्रशासन पहल करते हुए इस बार हर पौधे को नाम देगा. हर पेड़ का बर्थ सर्टिफिकेट भी जारी होगा. इस दौरान पौधों के नाम चिंटू-मिंटू या सोनू-मोनू भी सुनने को मिल सकते हैं. नामकरण पौधारोपण करने और उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर होगा.

कोटावासी पौधे को अपना स्वयं का नाम देकर उसकी देखरेख भी कर सकते हैं. जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि इस बार पौधारोपण अभियान में लाखों पौधे लगाने की उनकी योजना है. इस संबंध में प्रशासनिक और जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमें तय हुआ है कि इस बार सघन पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा. लोगों को इससे जोड़ने, यूनिक व रोचक बनाने के लिए पौधों के सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- बंद पड़ी खानों में 5 लाख पौधे लगाएगी भजनलाल सरकार, रखरखाव को लेकर तय होगी जिम्मेदारी - Mining Department Initiative

जिस दिन पौधारोपण, उस दिन ही डेट ऑफ बर्थ : डॉ. गोस्वामी ने कहा कि वर्तमान में भयंकर लू और गर्मी पड़ रही है. हम देख सकते हैं कि जहां पेड़ कम है, वहां गर्मी ज्यादा है. सरकार के माध्यम से पौधारोपण करेंगे, उस पौधे को एक नाम दिया जाएगा. जिस दिन पौधारोपण होगा, उस दिन डेट ऑफ बर्थ का एक ऑनलाइन सर्टिफिकेट जनरेट किया जाएगा. उसमें एक रजिस्टर मेंटेन करेंगे. पौधे की पूरे साल कैसे केयर की गई है, यह भी इंद्राज किया जाएगा. लोग अपने पौधे का फोटो ऑनलाइन अपलोड कर जिला प्रशासन से उसका बर्थ सर्टिफिकेट यानी रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा ले सकेंगे.

घर में जितने सदस्य, उतने लगाए पौधें : डॉ. गोस्वामी ने कहा कि सभी लोगों से अनुरोध है कि घर में जितने सदस्य हैं, सभी एक पौधा जरूर लगाएं और इसका नामकरण भी करें. यह प्रतिज्ञा करें कि उसे पौधे की केयर की जाएगी. ज्यादा संख्या में पौधे लगाने से एक दिन वो पेड़ बन जाएंगे. उनकी प्रॉपर केयर करनी होगी. सभी विभागों से हमने चर्चा कर ली है, यह वृक्षारोपण आने वाले बारिश के सीजन में किया जाएगा.

अपनी मर्जी से दें पौधे को नाम, पट्टीका भी लगाएं : डॉ. गोस्वामी ने कहा कि पौधे का कोई भी नाम, जैसे रविंद्र या अजय हो सकता है. कोई भी नाम रखा जा सकता है. पौधारोपण करने वाला व्यक्ति अपनी मर्जी से उसको नाम दे सकता है. हम कोशिश करेंगे कि कोटा में 5 से 10 लाख पौधे लगाएं जाएं. उनका रजिस्टर में एंट्री करके हम डाटा मेंटेन करेंगे. हर 3 महीने में उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी होगी. संबंधित पौधे पर नामकरण करते हुए उसकी पट्टीका भी लगा सकेंगे.

पेड़ों का बर्थ सर्टिफिकेट (वीडियो : ईटीवी भारत)

कोटा. सभी मौसम में पेड़ मददगार होते हैं, जहां पर अधिक पेड़ होते हैं, अच्छी बारिश व गर्मी से भी बचाव की संभावना वहां ज्यादा होती है. इसलिए सरकार हर बार अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर जोर देती है. इस बार भी मानसून काल में प्रदेशभर में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा, लेकिन कोटा में इस बार खास अभियान आयोजित होगा. जिला प्रशासन पहल करते हुए इस बार हर पौधे को नाम देगा. हर पेड़ का बर्थ सर्टिफिकेट भी जारी होगा. इस दौरान पौधों के नाम चिंटू-मिंटू या सोनू-मोनू भी सुनने को मिल सकते हैं. नामकरण पौधारोपण करने और उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर होगा.

कोटावासी पौधे को अपना स्वयं का नाम देकर उसकी देखरेख भी कर सकते हैं. जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि इस बार पौधारोपण अभियान में लाखों पौधे लगाने की उनकी योजना है. इस संबंध में प्रशासनिक और जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमें तय हुआ है कि इस बार सघन पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा. लोगों को इससे जोड़ने, यूनिक व रोचक बनाने के लिए पौधों के सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- बंद पड़ी खानों में 5 लाख पौधे लगाएगी भजनलाल सरकार, रखरखाव को लेकर तय होगी जिम्मेदारी - Mining Department Initiative

जिस दिन पौधारोपण, उस दिन ही डेट ऑफ बर्थ : डॉ. गोस्वामी ने कहा कि वर्तमान में भयंकर लू और गर्मी पड़ रही है. हम देख सकते हैं कि जहां पेड़ कम है, वहां गर्मी ज्यादा है. सरकार के माध्यम से पौधारोपण करेंगे, उस पौधे को एक नाम दिया जाएगा. जिस दिन पौधारोपण होगा, उस दिन डेट ऑफ बर्थ का एक ऑनलाइन सर्टिफिकेट जनरेट किया जाएगा. उसमें एक रजिस्टर मेंटेन करेंगे. पौधे की पूरे साल कैसे केयर की गई है, यह भी इंद्राज किया जाएगा. लोग अपने पौधे का फोटो ऑनलाइन अपलोड कर जिला प्रशासन से उसका बर्थ सर्टिफिकेट यानी रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा ले सकेंगे.

घर में जितने सदस्य, उतने लगाए पौधें : डॉ. गोस्वामी ने कहा कि सभी लोगों से अनुरोध है कि घर में जितने सदस्य हैं, सभी एक पौधा जरूर लगाएं और इसका नामकरण भी करें. यह प्रतिज्ञा करें कि उसे पौधे की केयर की जाएगी. ज्यादा संख्या में पौधे लगाने से एक दिन वो पेड़ बन जाएंगे. उनकी प्रॉपर केयर करनी होगी. सभी विभागों से हमने चर्चा कर ली है, यह वृक्षारोपण आने वाले बारिश के सीजन में किया जाएगा.

अपनी मर्जी से दें पौधे को नाम, पट्टीका भी लगाएं : डॉ. गोस्वामी ने कहा कि पौधे का कोई भी नाम, जैसे रविंद्र या अजय हो सकता है. कोई भी नाम रखा जा सकता है. पौधारोपण करने वाला व्यक्ति अपनी मर्जी से उसको नाम दे सकता है. हम कोशिश करेंगे कि कोटा में 5 से 10 लाख पौधे लगाएं जाएं. उनका रजिस्टर में एंट्री करके हम डाटा मेंटेन करेंगे. हर 3 महीने में उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी होगी. संबंधित पौधे पर नामकरण करते हुए उसकी पट्टीका भी लगा सकेंगे.

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