कोटा. मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग के लिए कोटा प्रसिद्ध है. यहां से सफलता का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है, लेकिन बीते काफी समय से कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड और यहां के संस्थानों ने दूसरे शहरों में भी अपनी ब्रांच खोल दी है. जिसका असर कोटा की अर्थव्यवस्था पर भी नजर आने लगा है. कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के आने से जो इकोनॉमी 6500 करोड़ के आसपास 2022 में पहुंच गई थी, इसमें इस साल गिरावट होकर यह आधी रह जाएगी. इसका असर कोटा के आम नागरिक से लेकर हर व्यक्ति की जेब पर नजर आएगा. इसी इकोनॉमी के चलते हर व्यापार से लेकर सर्विस सेक्टर भी कमजोर रहेगा.
2022 में 6500 करोड़ के आसपास थी कोटा कोचिंग की इकोनॉमी : साल 2022 में 2.5 लाख विद्यार्थी कोटा में कोचिंग करने आए थे. इसमें 2500 करोड़ रुपये के करीब फीस के जरिए कोचिंग संस्थानों को यहां पर मिल रहे थे. इसके बाद 2800 करोड़ रुपये कोचिंग, पीजी और मैस को स्टूडेंट से मिल रहे थे. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन, डेली नीड, रेस्टोरेंट, जूस सेंटर, रेडीमेड, स्टेशनरी और अन्य दुकानों पर औसत 50 हजार सालाना खर्च विद्यार्थी कर रहे थे. ऐसे में 2022 में यह 1200 करोड़ रुपये इन खर्चों में व्यय हो रहे थे. ऐसे में यह खर्च करीब 6500 करोड़ के आसपास था.
2024 में आधी रह जाएगी यह इकोनॉमी : साल 2024 में अब तक करीब 1.2 लाख विद्यार्थी कोटा में कोचिंग करने आए हैं. इस बार संस्थाओं ने भारी डिस्काउंट और रियायत भी दी है. ऐसे में फीस 1200 करोड़ रुपये कोचिंग संस्थानों को यहां पर मिलेंगे. इसके बाद 1200 करोड़ रुपये कोचिंग, पीजी और मैस को स्टूडेंट को मिलेंगे. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन, डेली नीड, रेस्टोरेंट, जूस सेंटर, रेडीमेड, स्टेशनरी और अन्य दुकानों पर औसत 50 हजार सालाना खर्च किए विद्यार्थी कर रहे थे. ऐसे में 2022 में यह 600 करोड़ रुपये इन खर्चों में व्यय होंगे. ऐसे में यह खर्च करीब 3000 करोड़ के आसपास रहने की उम्मीद है.
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हर बाजार हो रहा है प्रभावित : कोटा कोचिंग के चलते ही हर मार्केट प्रभावित हो रहा है, क्योंकि शहर में दो से ढाई लाख बच्चे ज्यादा आने पर उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर मार्केट जुटा रहता था. ऐसे में कोचिंग स्टूडेंट के कमी के चलते उनसे सीधे जुड़े हॉस्टल, पीजी, मैस और कोचिंग प्रभावित नहीं हुए हैं. यहां काम करने वाले स्टाफ के अलावा अप्रत्यक्ष रूप से कई व्यापार और लोग भी इनके जरिए रोजगार ले रहे थे. कम बच्चों के होने के चलते इन सब पर असर पढ़ने लगा है. होटल इंडस्ट्री, ऑटो, टैक्सी, शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर, सब्जी, फ्रूट का व्यापार बड़े स्तर पर चल रहे है, यह भी प्रभावित हो रहे हैं.
कोचिंग अर्थव्यवस्था से जुड़े Facts :
- 2022 में औसत प्रति स्टूडेंट फीस 1.2 लाख रुपए सालाना थी.
- साल 2024 में डिस्काउंट और फीस में रियायत के बाद औसत प्रति स्टूडेंट फीस 1 लाख सालाना रह गई.
- 2022 में जहां हॉस्टल का औसत किराया 12 से 15 हजार रुपये प्रति माह के बीच था, जबकि पीजी में 5 हजार था.
- 2024 में यह किराया 8000 से भी कम हो गया, पीजी में 2500 पहुंच गया है किराया.
- साल 2022 में जहां पर बच्चों की संख्या 2.5 लाख थी.
- साल 2024 में यह संख्या 1.2 लाख के आसपास