कोटा: राजस्थान में कोटा शहर के नांता इलाके में ट्रेंचिंग ग्राउंड के नजदीक एक निजी स्कूल की बस पलटने का मामला सामने आया है. इस हादसे में बस में सवार एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार से पांच बच्चों को ज्यादा चोट लग गई है. वहीं, अन्य बच्चों को हलकी-फुलकी चोट आई है. उपचार के लिए बच्चों को निजी अस्पताल ले जाया गया है, जहां पर उनका उपचार चल रहा है.
घटना के बाद मौका स्थल पर अफरा-तफरी मच गई. घटनास्थल के आसपास मौजूद लोगों ने इन बच्चों को तुरंत बाहर निकालना शुरू किया और अधिकांश बच्चों को सकुशल बाहर निकाला. इस दौरान कुछ बच्चे लहूलुहान हालत में बाहर निकाले गए, जिन्हें ज्यादा चोट लगी थी. बस में करीब एक दर्जन बच्चे सवार थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद कोटा दौरे पर आए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने बच्चों से कुशलक्षेम पूछी.
शेष अन्य बच्चों के उचित इलाज के लिए भी उन्होंने निर्देशित किया है. दूसरी तरफ घटना की जानकारी मिलने के बाद कोटा कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी और सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन सहित बड़ी संख्या में अधिकारी अस्पताल पहुंचे. घटना की सूचना मिलने पर पेरेंट्स, स्कूल संचालक से लेकर पुलिस भी मौके पर पहुंची. इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है, साथ ही आसपास की बस्ती के लोग भी बड़ी संख्या में मौके पर एकत्रित हो गए थे.
मौके पर पहुंचे नांता थाना अधिकारी नवल किशोर शर्मा ने बताया कि घटना सोमवार दिन में 1 बजे के आसपास हुई. बस कुन्हाड़ी विकास नगर स्थित एक प्राइवेट स्कूल की है. स्कूल से छुट्टी होने के बाद बच्चों को छोड़ने जा रही थी. नांता तिराहे से थोड़ी पहले ही यह हादसा हुआ, जिसमें बस अनियंत्रित होकर पलट गई और सड़क से करीब 7 से 8 फीट नीचे गिर गई, जिसे जेसीबी की मदद से सीधा करवाया गया. वहीं, बच्चों को भी अस्पताल भेज दिया गया है. यह हादसा कैसे हुआ. इस बाल वाहिनी में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे या नहीं, इस संबंध में भी जांच की जाएगी.
इस दुर्घटना में घायल और मृतक अधिकांश रीको पर्यावरण इंडस्ट्रीज एरिया में रहने वाले कामगारों के बच्चे हैं. इनमें मृतक कोटा जिले के अयाना थाना इलाके के लक्ष्मीपुरा निवासी 14 वर्षीय लोकेश पुत्र बृजमोहन है. जबकि 20 घायल हैं, जिनमें 11 वर्षीय अभिषेक पुत्र तेजमल, 13 वर्षीय अमित पुत्र प्रमोद, 9 वर्षीय रविंद्र पुत्र तेजमल, 9 वर्षीय वर्षा पुत्री हीरालाल, 13 वर्षीय दिलीप पुत्र रघुवीर, 8 वर्षीय सिद्धार्थ पुत्र रघुवीर, 13 वर्षीय मोहबीद पुत्र रजाक, 14 वर्षीय रविंद्र पुत्र मनोज, 8 वर्षीय आशा पुत्री आत्माराम, 12 वर्षीय गौरव पुत्र राजू, 12 वर्षीय करण पुत्र पहलवान और 9 वर्षीय शिवास पुत्र मुकेश शामिल हैं.
बस में सवार थे 30 से ज्यादा बच्चे, ड्राइवर की थी गलती : सब इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम में ड्राइवर की गलती सामने आई है. वह घटना होने के बाद मौके से गायब हो गया था. लोगों के डर के चलते उसने ऐसा किया होगा. इस बस के नीचे बच्चे दब गए थे, जिन्हें निकालना उसकी जिम्मेदारी थी. इस मामले में फिलहाल ड्राइवर फरार है. ऐसे में उसके खिलाफ जिस भी तरह की रिपोर्ट परिजन देंगे, मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इस बस में करीब 30 से ज्यादा बच्चे सवार थे. बस की क्या क्षमता थी?, इस मामले में भी जांच की जाएगी. मृत बालक के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
देर रात उठाया परिजनों ने शव, दिनभर चला हंगामा : स्कूल बस हादसे में परिजनों ने मृतक छात्र लोकेश के शव को सोमवार देर रात उठाया. परिजनों का कहना है कि उन्हें आर्थिक सहायता और परिवार में एक जाने को नौकरी दी जाए. इस दौरान तहसीलदार राजवीर यादव और पुलिस उपाध्यक्ष द्वितीय गंगासहाय शर्मा मौके पर मौजूद रहे. वहीं, समझाइश के लिए भारतीय जनता पार्टी के देहात जिला अध्यक्ष प्रेम गोचर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन परिजन स्कूल संचालक को बुलाने की बात पर अड़े रहे. काफी ज्यादा जद्दोजहद के बाद पुलिस ने पूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके अलावा सरकारी राहत भी दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजनों व प्रशासन के बीच सहमति बनी. डीएसपी गंगासहाय शर्मा का कहना है कि तहसीलदार राजवीर यादव और प्रेम गोचर ने परिजनों से बात की है. इसके बाद परिजन शव उठाने के लिए तैयार हुए हैं.