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कोलकाता रेप-मर्डर केस; लखनऊ में सड़क पर उतरे रेजिडेंट डॉक्टर, बिना इलाज लौट रहे मरीज - Resident doctors on strike

कोलकाता रेप मर्डर मामले को लेकर रेजिडेंट डाॅक्टर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में ओपीडी सेवाएं बंद होने के कारण मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं. डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीज बिना इलाज किए है अस्पताल से वापस लौट रहे है.

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कोलकाता रेप मर्डर को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 1:46 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 10:50 PM IST

रेजिडेंट डाॅक्टर सड़कों पर प्रदर्शन (Video Credit- ETV Bharat)

लखनऊ: कोलकाता रेजिडेंट डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में देशभर में रेजीडेंट डॉक्टरों का आक्रोश उफान पर है. बीती 8 और 9 अगस्त की रात हुई यह घटना अब और तूल पकड़ रहा है. देशभर में चिकित्सा सेवाएं बाधित हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर, नर्स एवं चिकित्सा कर्मचारी भी इसमें शामिल हो गए हैं. राजधानी लखनऊ में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया के अलावा जिला अस्पताल बलरामपुर एवं सिविल अस्पताल में भी इसका असर दिखाई दे रहा है.

शुक्रवार को जहां केजीएमयू के गेट नंबर 2 पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन शुरू किया. वहीं, बलरामपुर जिला अस्पताल एवं सिविल अस्पताल में भी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया. सुबह के समय कुछ घंटे ओपीडी का पर्चा नहीं बन रहा था. कुछ घंटे बाद जब पर्चा बनना शुरू हुआ तो पर्चा बनने के लिए मरीजों का तांता लग गया. परेशान मरीज ओपीडी के बाहर पर्चा लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन इस दौरान ओपीडी के अंदर विशेषज्ञ मौजूद नहीं रहे.

दो घंटे नहीं बना पर्चा: कोलकाता में हुए रेप मर्डर मामले को समर्थन देने के लिए अब जिला अस्पतालों के भी रेजिडेंट डॉक्टर एवं कर्मचारी शामिल हो गए हैं. जहां पहले बड़े मेडिकल संस्थानों में इलाज प्रभावित था. वहीं, अब जिला अस्पतालों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को बलरामपुर जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं. वहीं, पर्चा काउंटर के बाहर मरीजों का तांता लग गया. पर्चा काउंटर के बाहर मरीज पर्चा बनवाने के लिए खड़े रहे. लेकिन, कर्मचारी और रेजिडेंट डॉक्टर बहिष्कार पर है, जिसके कारण एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ. हताश होकर मरीज वापस घर लौट रहे हैं.

अलग कानून की कर रहे मांग: बता दें, कि वर्तमान में जो प्रदर्शन चल रहा है, वह न्याय के लिए है. इसके अलावा रेजिडेंट डॉक्टर की मांग है कि जिस तरह से मेडिकल कैंपस में यह घटना हुई है, उसको देखते हुए नए कानून बनाया जाए. नए कानून इतने सख्त हो कि दोबारा इस तरह की घटना न हो. जिस कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, वहां पर कैसे कोई महिला डॉक्टर काम कर सकती हैं. जब तक इस पर सरकार कोई कड़े नियम नहीं बनाती तब तक चिकित्सा व्यवस्था बहाल नहीं होगी.

इसे भी पढ़े-कोलकाता रेप-मर्डर, रेजिडेंट डाॅक्टर और छात्र हड़ताल पर, अंबेडकरनगर में ओपीडी बंद, मरीज परेशान - Ambedkarnagar doctors on strike

अस्पतालों के बाहर बैठे रहते हैं गुंडे : बलरामपुर अस्पताल में प्रदर्शन कर रही महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने ईटीवी भारत को बताया कि कई बार हम देखते हैं कि अस्पताल के बाहर कुछ गुंडे हर वक्त बैठे रहते हैं. कई बार अस्पताल के बाहर ही शराब की बोतलें भी पड़ी रहती है. सुरक्षा व्यवस्था की बात करें त, चाहे वह कोई भी अस्पताल हो वहां पर इस तरह की हरकतें होती है. महिला रेजिडेंट ने कहा कि बात अगर हम बलरामपुर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की करें तो यहां पर सुरक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं है. कई बार नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करना होता है तो खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. अस्पताल प्रशासन को और सरकार को अब इसके बारे में सोचना चाहिए.



केजीएमयू के गेट नंबर 2 से शुरू हुआ प्रदर्शन : बता दें कि पिछले चार दिन से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं रेजिडेंट डॉक्टर की मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की जाए और साथ ही इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो इसको लेकर कड़े कानून बनाया जाए. केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज इलाज करने के मरीज लिए आते हैं. ऐसे में ओपीडी सेवाएं बंद होने के कारण मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं और अपने जिला वापस लौट रहे हैं. डॉक्टर के इस प्रदर्शन में मरीज को इलाज के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

इमरजेंसी पर उमड़ी भीड़: मेडिकल कॉलेज के अलावा अब जिला अस्पतालों में भी प्रदर्शन का असर देखने को मिल रहा है. ओपीडी बाधित होने के कारण इमरजेंसी में मरीज का तांता लग गया है. अस्पताल की ओपीडी खाली दिखाई दी. वहीं, इमरजेंसी में इलाज करने के लिए आए मरीजों ने कहा कि ओपीडी में दिखाने के लिए दो दिन पहले डॉक्टर ने कहा था लेकिन ओपीडी बंद है. जिसके कारण इमरजेंसी में दिखाना पड़ रहा है और यहां पर काफी भीड़ है. वहीं, ओपीडी के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. मरीज ने कहा कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठे हैं.

प्रयागराज में 24 घंटे के लिए सभी चिकित्सा सेवाएं बन्द: प्रयागराज कल यानी शनिवार को अगर मरीज को शहर के किसी अस्पताल में ले जा रहे हैं तो भूल कर भी ना जाएं. क्योंकि, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में शनिवार को 24 घंटे आपातकालीन और आंतरिक रोगी सेवाओं को छोड़कर सभी चिकित्सा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है. अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी चिकित्सक आक्रोशित हैं और शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. 17 अगस्त को 24 घंटे पूरी सेवाएं बंद करने के बाद शाम को एक विशाल संयुक्त रूप से कैंडल मार्च के द्वारा निकाला जाएगा.

शाहजहांपुर में शनिवार को हड़ताल पर रहेंगे डॉक्टर

शाहजहांपुर: कोलकाता में डॉक्टर की हत्या के बाद से आईएमए की ओर से देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है. शाहजहांपुर में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया है. शनिवार सुबह 6 बजे से लेकर अगले दिन यानि रविवार सुबह 6 बजे तक सभी प्राइवेट अस्पताल हड़ताल पर रहेंगे. सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही काम करेगी. IMA ने मांग की है कि डॉक्टर पर हो रहे हमले को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाना चाहिए और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए दोषियों को जल्द सजा सुनाई जाना चाहिए.

यह भी पढ़े-कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर, BHU में चौथे दिन भी हड़ताल जारी; काली पट्टी बांध प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक, वापस लौट रहे मरीज - BHU strike Kolkata rape murder

रेजिडेंट डाॅक्टर सड़कों पर प्रदर्शन (Video Credit- ETV Bharat)

लखनऊ: कोलकाता रेजिडेंट डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में देशभर में रेजीडेंट डॉक्टरों का आक्रोश उफान पर है. बीती 8 और 9 अगस्त की रात हुई यह घटना अब और तूल पकड़ रहा है. देशभर में चिकित्सा सेवाएं बाधित हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर, नर्स एवं चिकित्सा कर्मचारी भी इसमें शामिल हो गए हैं. राजधानी लखनऊ में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया के अलावा जिला अस्पताल बलरामपुर एवं सिविल अस्पताल में भी इसका असर दिखाई दे रहा है.

शुक्रवार को जहां केजीएमयू के गेट नंबर 2 पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन शुरू किया. वहीं, बलरामपुर जिला अस्पताल एवं सिविल अस्पताल में भी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया. सुबह के समय कुछ घंटे ओपीडी का पर्चा नहीं बन रहा था. कुछ घंटे बाद जब पर्चा बनना शुरू हुआ तो पर्चा बनने के लिए मरीजों का तांता लग गया. परेशान मरीज ओपीडी के बाहर पर्चा लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन इस दौरान ओपीडी के अंदर विशेषज्ञ मौजूद नहीं रहे.

दो घंटे नहीं बना पर्चा: कोलकाता में हुए रेप मर्डर मामले को समर्थन देने के लिए अब जिला अस्पतालों के भी रेजिडेंट डॉक्टर एवं कर्मचारी शामिल हो गए हैं. जहां पहले बड़े मेडिकल संस्थानों में इलाज प्रभावित था. वहीं, अब जिला अस्पतालों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को बलरामपुर जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं. वहीं, पर्चा काउंटर के बाहर मरीजों का तांता लग गया. पर्चा काउंटर के बाहर मरीज पर्चा बनवाने के लिए खड़े रहे. लेकिन, कर्मचारी और रेजिडेंट डॉक्टर बहिष्कार पर है, जिसके कारण एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ. हताश होकर मरीज वापस घर लौट रहे हैं.

अलग कानून की कर रहे मांग: बता दें, कि वर्तमान में जो प्रदर्शन चल रहा है, वह न्याय के लिए है. इसके अलावा रेजिडेंट डॉक्टर की मांग है कि जिस तरह से मेडिकल कैंपस में यह घटना हुई है, उसको देखते हुए नए कानून बनाया जाए. नए कानून इतने सख्त हो कि दोबारा इस तरह की घटना न हो. जिस कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, वहां पर कैसे कोई महिला डॉक्टर काम कर सकती हैं. जब तक इस पर सरकार कोई कड़े नियम नहीं बनाती तब तक चिकित्सा व्यवस्था बहाल नहीं होगी.

इसे भी पढ़े-कोलकाता रेप-मर्डर, रेजिडेंट डाॅक्टर और छात्र हड़ताल पर, अंबेडकरनगर में ओपीडी बंद, मरीज परेशान - Ambedkarnagar doctors on strike

अस्पतालों के बाहर बैठे रहते हैं गुंडे : बलरामपुर अस्पताल में प्रदर्शन कर रही महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने ईटीवी भारत को बताया कि कई बार हम देखते हैं कि अस्पताल के बाहर कुछ गुंडे हर वक्त बैठे रहते हैं. कई बार अस्पताल के बाहर ही शराब की बोतलें भी पड़ी रहती है. सुरक्षा व्यवस्था की बात करें त, चाहे वह कोई भी अस्पताल हो वहां पर इस तरह की हरकतें होती है. महिला रेजिडेंट ने कहा कि बात अगर हम बलरामपुर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की करें तो यहां पर सुरक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं है. कई बार नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करना होता है तो खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. अस्पताल प्रशासन को और सरकार को अब इसके बारे में सोचना चाहिए.



केजीएमयू के गेट नंबर 2 से शुरू हुआ प्रदर्शन : बता दें कि पिछले चार दिन से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं रेजिडेंट डॉक्टर की मांग है कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की जाए और साथ ही इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो इसको लेकर कड़े कानून बनाया जाए. केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज इलाज करने के मरीज लिए आते हैं. ऐसे में ओपीडी सेवाएं बंद होने के कारण मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं और अपने जिला वापस लौट रहे हैं. डॉक्टर के इस प्रदर्शन में मरीज को इलाज के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

इमरजेंसी पर उमड़ी भीड़: मेडिकल कॉलेज के अलावा अब जिला अस्पतालों में भी प्रदर्शन का असर देखने को मिल रहा है. ओपीडी बाधित होने के कारण इमरजेंसी में मरीज का तांता लग गया है. अस्पताल की ओपीडी खाली दिखाई दी. वहीं, इमरजेंसी में इलाज करने के लिए आए मरीजों ने कहा कि ओपीडी में दिखाने के लिए दो दिन पहले डॉक्टर ने कहा था लेकिन ओपीडी बंद है. जिसके कारण इमरजेंसी में दिखाना पड़ रहा है और यहां पर काफी भीड़ है. वहीं, ओपीडी के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. मरीज ने कहा कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठे हैं.

प्रयागराज में 24 घंटे के लिए सभी चिकित्सा सेवाएं बन्द: प्रयागराज कल यानी शनिवार को अगर मरीज को शहर के किसी अस्पताल में ले जा रहे हैं तो भूल कर भी ना जाएं. क्योंकि, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में शनिवार को 24 घंटे आपातकालीन और आंतरिक रोगी सेवाओं को छोड़कर सभी चिकित्सा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है. अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी चिकित्सक आक्रोशित हैं और शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. 17 अगस्त को 24 घंटे पूरी सेवाएं बंद करने के बाद शाम को एक विशाल संयुक्त रूप से कैंडल मार्च के द्वारा निकाला जाएगा.

शाहजहांपुर में शनिवार को हड़ताल पर रहेंगे डॉक्टर

शाहजहांपुर: कोलकाता में डॉक्टर की हत्या के बाद से आईएमए की ओर से देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है. शाहजहांपुर में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया है. शनिवार सुबह 6 बजे से लेकर अगले दिन यानि रविवार सुबह 6 बजे तक सभी प्राइवेट अस्पताल हड़ताल पर रहेंगे. सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही काम करेगी. IMA ने मांग की है कि डॉक्टर पर हो रहे हमले को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाना चाहिए और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए दोषियों को जल्द सजा सुनाई जाना चाहिए.

यह भी पढ़े-कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर, BHU में चौथे दिन भी हड़ताल जारी; काली पट्टी बांध प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक, वापस लौट रहे मरीज - BHU strike Kolkata rape murder

Last Updated : Aug 16, 2024, 10:50 PM IST
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