पटनाः कोलकता रेप मर्डर कांड के विरोध में देश भर में चिकित्सक आक्रोशित हैं. बिहार में चिकित्सक लगातार चौथे दिन कार्य बहिष्कार पर हैं. ओपीडी के साथ साथ इमरजेंसी सेवा बुरी तरह प्रभावित है. मरीज को एडमिट नहीं लिया जा रहा है. आईजीआईएमएस में किसी को ब्रेन हेमरेज हुआ है तो किसी का 90 परसेंट किडनी डैमेज है. इसके बावजूद मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. एंबुलेंस में ब्रेन हेमरेज के मरीज लेटे रहे लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.
ब्रेन हेमरेज के मरीज को नहीं लिए भर्तीः यही नजारा आईजीआईएमएस में शुक्रवार की देर रात देखने को मिला. समस्तीपुर से एंबुलेंस में अपने बेटे को लेकर शुक्रवार देर रात आईजीआईएमएस पहुंची रवीना काफी लाचार नजर आई. बेटे की हालत पर आंखों में आंसू थे और अस्पताल के सिस्टम से पूरी तरह हताश नजर आ रही थी. इसके बेटे को ब्रेन हेमरेज हुआ है. समस्तीपुर से पटना रेफर कर दिया गया है लेकिन आईजीआईएमएस में एंबुलेंस में बैठे हुए हैं. डॉक्टर भर्ती नहीं ले रहे हैं.
"समस्तीपुर में डॉक्टरों ने बताया है कि ब्रेन हेमरेज हो गया है. वहां से डॉक्टर ने पटना लेकर जाने को कहा. आईजीआईएमएस आए हैं. यहां कोई एडमिट नहीं ले रहा है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर लोग हड़ताल पर हैं." -रविना, मरीज के परिजन
'एक घंटे बाद भी नहीं कर पाए एडमिट': सड़क हादसे में घायल मां को लेकर पहुंचा बेटा लाचार दिखा. मधेपुरा से पहुंचे सोनू कुमार ने बताया कि रोड एक्सीडेंट में उनकी मां के सिर में चोट आ गई है. स्थिति सीरियस है. कहा कि आईजीआईएमएस लेकर आए हुए हैं और एडमिट करने के लिए 1 घंटे से परेशान हैं लेकिन एडमिट नहीं लिया जा रहा है. बताया कि इमरजेंसी का रजिस्ट्रेशन काउंटर तो खुला है लेकिन अंदर कोई एडमिट नहीं ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि डॉक्टर हड़ताल पर है.
"मां का एक्सीडेंट हो गया है. सिर में चोट है. इलाज के लिए आईजीआईएमएस लेकर आए हैं लेकिन डॉक्टर भर्ती नहीं ले रहे हैं. कह रहे हैं कि सभी हड़ताल पर हैं." -सोनू कुमार, मधेपुरा से आए मरीज के परिजन
खुद से ऑक्सीजन ऑपरेट करते दिखे परिजनः सहरसा से आए हुए मोहम्मद इमरान इमरजेंसी वार्ड में अपने मरीज का देखभाल करते नजर आए. ऑक्सीजन मास्क के फ्लो को खुद से मेंटेन करते हुए दिखाई दिए. इमरजेंसी वार्ड से बाहर आकर मोहम्मद इमरान ने बताया कि उनके जीजा के फेफड़े में 90% से अधिक पानी जमा हो गया है. सांस लेने में परेशानी हो रही है. हृदय की भी समस्या है. इमरजेंसी आईसीयू से इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है लेकिन पिछले दो दिनों से डॉक्टर नहीं देख रहे हैं.
"गुरुवार दोपहर से शुक्रवार देर रात तक वार्ड में डॉक्टरों ने राउंड नहीं लिया है. नर्सेज आकर देख ले रही हैं. मरीज की परेशानी बढ़ रही है. इसे देखने के लिए डॉक्टर नहीं आ रहे हैं. 14 अगस्त से ही यह दिक्कत शुरू हुई है. डॉक्टर मरीज के हेल्थ की मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं." -मोहम्मद इमरान, सहरसा निवासी
भाई का 90 प्रतिशत किडनी खराबः वैशाली से अपने भाई को दिखाने आई हुई कोमल कुमारी ने बताया कि उनके भाई जनरल वार्ड में एडमिट हैं. स्थिति बिगड़ रही है. पैर की हड्डी का इलाज कराने के लिए यहां एडमिट किए थे. गलत दवा देने के कारण 90 प्रतिशत किडनी खराब हो गई. अस्पताल में डायलिसिस हो रहा था. एक बार हुआ लेकिन दूसरा डायलिसिस नहीं हो पा रहा है. कहा कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं.
"भाई का पूरा पेट फुला हुआ है. 2 दिन से पेशाब नहीं हुआ है. पूरे परिवार परेशान हैं. डॉक्टर से गुहार लगा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. 2 दिन से डॉक्टरों ने उनके भाई को देखा भी नहीं है. कहते हैं कि कहीं और लेकर जाइये यहां इलाज नहीं हो पाएगा." -कोमल कुमारी, किडनी मरीज के परिजन
जूनियर डॉक्टर मनाने का प्रयासः अस्पताल का प्रबंधन का कहना है कि इमरजेंसी में एडमिट लिया जा रहा है. जूनियर डॉक्टर्स कोलकाता की घटना से दुखी हैं लेकिन उन्हें समझा बुझा कर वार्ड में ड्यूटी के लिए आग्रह कर रहे हैं. इमरजेंसी आईसीयू में सीनियर डॉक्टर मरीज को देख रहे हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज होने के नाते जूनियर डॉक्टर के इमरजेंसी बहिष्कार से इमरजेंसी कार्य थोड़ा प्रभावित हुआ है. जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा.
क्या है मामला? कोलकता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप की घटना के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. इस घटना से पूरे देश के डॉक्टरों में आक्रोश हैं. पिछले 4 दिनों से पूरे देश के साथ साथ बिहार में हड़ताल जारी है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
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