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जानिए कौन थे महान राजा मेदिनीराय? जिनके नाम पर डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का होगा नामकरण - great king Medinirai

डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का नया नाम मेदिनीराय रेलवे स्टेशन होगा. राज्य सरकार की तरफ से इसकी सहमति मिल गई है. ऐसे में यह जान लीजिए कि आखिर कौन थे मेदिनीराय, जिनके नाम स्टेशन का नाम रखा जा रहा है.

Know who was the great king Medinirai
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 6, 2024, 10:15 AM IST

पलामूः राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मेदिनीराय रेलवे स्टेशन करने की सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी है. 2019 में गृह मंत्रालय ने पलामू जिला प्रशासन से यह पूछा था कि डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर क्यों नहीं मेदिनीराय रेलवे स्टेशन कर दिया जाए.

दरअसल डाल्टनगंज को 18 वीं सदी में कर्नल डाल्टन ने बसाया था. एक दशक पहले डाल्टनगंज का नाम बदलकर मेदिनीनगर कर दिया गया. राज्य सरकार के सभी नोटिफिकेशन में डाल्टनगंज का नाम मेदिनीनगर लिखा जाता है, लेकिन केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में डाल्टनगंज लिखा जाता है.

कौन थे महान चेरो राजा मेदिनीराय जिनके नाम पर बसा है शहर, अब रेलवे स्टेशन होगा

झारखंड में सभी इलाकों में एक कहावत चर्चित है धनी धनी राजा मेदिनीय घर-घर बाजे मथनिया. यह कहावत चेरो वंश के महान राजा मेदिनीराय के शासन और उनके वैभव को बताता है. कहा जाता है कि राजा मेदिनीराय के शासन काल में कोई भी व्यक्ति कष्ट में नहीं था. राजा मेदिनीराय का साम्राज्य दक्षिण में गया, हजारीबाग और सरगुजा तक फैला हुआ था. राजा मेदिनीराय ने 1658 से लेकर 1674 तक शासन किया था. राजा मेदिनीराय का शासन काल चेरो राजवंश का स्वर्णिम काल माना जाता है.

राजा मेदिनीराय खुद भेष बदलकर जनता का सुख-दुख जानने के लिए बाहर निकलते थे. इतिहास में दर्ज है कि 1660 में मुगल शासक ने राजा मेदिनीराय के किले पर आक्रमण किया था. इस दौरान राजा मेदिनीराय ने सरगुजा के इलाके में शरण ली थी. कुछ दिनों बाद राजा मेदिनीराय ने अपने पराक्रम के बदौलत वापस साम्राज्य खड़ा कर लिया था. राजा मेदिनीराय ने अपने पूरे साम्राज्य में कृषि और पशुपालन को बढ़ावा दिया था. जिससे चेरो राजवंश का यह सबसे समृद्धशाली कार्यकाल माना गया.

पलामूः राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मेदिनीराय रेलवे स्टेशन करने की सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी है. 2019 में गृह मंत्रालय ने पलामू जिला प्रशासन से यह पूछा था कि डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर क्यों नहीं मेदिनीराय रेलवे स्टेशन कर दिया जाए.

दरअसल डाल्टनगंज को 18 वीं सदी में कर्नल डाल्टन ने बसाया था. एक दशक पहले डाल्टनगंज का नाम बदलकर मेदिनीनगर कर दिया गया. राज्य सरकार के सभी नोटिफिकेशन में डाल्टनगंज का नाम मेदिनीनगर लिखा जाता है, लेकिन केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में डाल्टनगंज लिखा जाता है.

कौन थे महान चेरो राजा मेदिनीराय जिनके नाम पर बसा है शहर, अब रेलवे स्टेशन होगा

झारखंड में सभी इलाकों में एक कहावत चर्चित है धनी धनी राजा मेदिनीय घर-घर बाजे मथनिया. यह कहावत चेरो वंश के महान राजा मेदिनीराय के शासन और उनके वैभव को बताता है. कहा जाता है कि राजा मेदिनीराय के शासन काल में कोई भी व्यक्ति कष्ट में नहीं था. राजा मेदिनीराय का साम्राज्य दक्षिण में गया, हजारीबाग और सरगुजा तक फैला हुआ था. राजा मेदिनीराय ने 1658 से लेकर 1674 तक शासन किया था. राजा मेदिनीराय का शासन काल चेरो राजवंश का स्वर्णिम काल माना जाता है.

राजा मेदिनीराय खुद भेष बदलकर जनता का सुख-दुख जानने के लिए बाहर निकलते थे. इतिहास में दर्ज है कि 1660 में मुगल शासक ने राजा मेदिनीराय के किले पर आक्रमण किया था. इस दौरान राजा मेदिनीराय ने सरगुजा के इलाके में शरण ली थी. कुछ दिनों बाद राजा मेदिनीराय ने अपने पराक्रम के बदौलत वापस साम्राज्य खड़ा कर लिया था. राजा मेदिनीराय ने अपने पूरे साम्राज्य में कृषि और पशुपालन को बढ़ावा दिया था. जिससे चेरो राजवंश का यह सबसे समृद्धशाली कार्यकाल माना गया.

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