मुजफ्फरपुर: पूर्व पार्षद विजय झा के घर सहित आठ ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी शुक्रवार देर रात तक जारी थी. इसी क्रम में मुशहरी थाना क्षेत्र के बड़ी कोठिया गांव स्थित विवेकानंद किड्स कोचिंग सेंटर में मुसहरी पुलिस ने इनकम टैक्स विभाग की सूचना पर छापेमारी की. विद्यालय के कार्यालय स्थित आलमीरा से पांच पिस्तौल और एक खाली मैगजीन बरामद किया गया था. अब मिल रही जानकारी के अनुसार विजय झा को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
लगातार मिलते रहे जमीन के कागजात: अहले सुबह आयकर विभाग की छापेमारी से इलाके में सन्नाटा पसर गया. आयकर अधिकारियों के साथ आये पुलिस बल आवास के अंदर और बाहर मौजूद थे. इस दौरान मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया. पूर्व वार्ड पार्षद के कार्यालय सहित विवाह भवन में भी जाकर अधिकारियों की टीम ने अलमारी सहित कागजात की जांच की. अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करने गये अधिकारी अन्य टीमों को कागजात की जानकारी देते रहे. छापेमारी करने आये एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम ने एक-एक कागज का मुआयना किया. जमीन के कागजात देख अधिकारी भी दंग रह गये.
चुनाव में तो नहीं होना था पैसे का इस्तेमालः इस दौरान जमीन के मामले में परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की गयी. छापेमारी की सूचना मिलने पर विजय झा के आवास पर निजी कार्यालय पर सन्नाटा पसरा रहा. विजय झा को जानने वाले लोग एक दूसरे से आयकर विभाग की कार्रवाई की जानकारी ले रहे थे. आयकर विभाग की टीम 80 लाख कैश मिलने पर पूर्व पार्षद से पूछताछ की. लेकिन वह कोई ठोस जबाव नहीं दे सके. आयकर विभाग की टीम जब्त रकम के बारे में तहकीकात कर रही है कि कहीं इस रकम का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव के दौरान तो नहीं होना था.
सूदखोरी का बड़ा नेटवर्कः आयकर विभाग की कार्रवाई की जद में आने वाले मालीघाट तीन कोठिया निवासी विजय झा ने कथित रूप से जमीन कब्जा और सूदखोरी के धंधे का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा है. कई जगहों पर जमीन कब्जा के लिए मारपीट का आरोप लग चुका है. नगर निगम में मेयर चुनाव के वक्त वार्ड पार्षदों की खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगा है. नगर निगम में पाइपलाइन के काम की अनियमितता को लेकर भी विपक्षी गुट ने विजय झा पर कई आरोप लगाए हैं.
मेयर चुनाव में खर्च करने को लेकर था सुर्खियों मेंः बीते माह विजय झा को नगर थाने की पुलिस ने नशे की हालत में गिरफ्तार किया था. ब्याज के रुपए की माफी के लिए दुष्कर्म करने का आरोप युवती ने लगाया था. इसमें कार्रवाई के लिए कलेक्ट्रेट पर कई दिनों तक धरना प्रदर्शन व अनशन किया गया. बाद में मामले में सुलह हो गयी. वार्ड में गहरी पैठ से वह खुद पार्षद बना और दो बार उसकी पत्नी सीमा झा भी पार्षद बनीं. नगर निगम चुनाव के समय डिप्टी मेयर के पद से विजय झा ने चुनाव लड़ा. कई पार्षदों को नेपाल तक का दौरा कराया गया था. मेयर चुनाव में करोड़ों रुपये के खर्च को लेकर भी विजय झा सुर्खियों में रहा है.
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