रांची: लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड की 14 लोकसभा सीट पर राजनीतिक दलों ने अपने अपने योद्धाओं को उतार दिया है. चुनावी महाभारत में झारखंड की एक लोकसभा सीट राजमहल ऐसी है. जहां मौजूदा सांसद विजय हांसदा विरोधियों के साथ-साथ अपनों के बनाए चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं.
प्रचंड मोदी लहर में भी दो बार से राजमहल सीट जीत कर झामुमो की झोली में डालने वाले युवा सांसद विजय हांसदा के लिए इस बार संसद पहुंचने की राह आसान नहीं दिख रही. एक ओर उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे संथाल के कद्दावर और आदिवासी नेताओं में से एक ताला मरांडी से हैं. दूसरी ओर बोरियो से झामुमो के ही विधायक लोबिन हेंब्रम, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही सीपीएम के उम्मीदवार गोपीन सोरेन से है.
राजमहल संसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक खास कर मुस्लिम मतदाताओं की आबादी अच्छी खासी है. ऐसे में अगर ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार की ओर मुस्लिम वोटरों का झुकाव होता है. ऐसा अगर होता है तो झामुमो के युवा प्रत्याशी विजय हांसदा के लिए इस बार चुनावी वैतरणी पार करना आसान नहीं होगा.
एक नजर 2014 और 2019 में राजमहल लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
लोकसभा चुनाव - 2014
- विजेता- विजय हांसदा
- पार्टी- JMM
- वोट प्राप्त- 3 लाख 79 हजार 507.
- उप विजेता- हेमलाल मुर्मू
- पार्टी- BJP
- वोट प्राप्त- 3 लाख 38 हजार 170.
- तीसरे स्थान पर- अनिल मुर्मू
- पार्टी- जेवीएम (पी)
- वोट प्राप्त- 97 हजार 374.
- चौथे स्थान पर- ज्योतिन सोरेन
- पार्टी- सीपीएम
- वोट प्राप्त- 58 हजार 034.
- पांचवे स्थान पर- NOTA
- वोट प्राप्त- 19 हजार 875.
लोकसभा चुनाव - 2019
- विजेता- विजय हांसदा
- पार्टी- JMM
- वोट प्राप्त- 5 लाख 07 हजार 830.
- उप विजेता- हेमलाल मुर्मू
- पार्टी- BJP
- वोट प्राप्त- 4 लाख 08 हजार 635.
- तीसरे स्थान पर- गोपीन सोरेन
- पार्टी- सीपीएम
- वोट प्राप्त- 35 हजार 586.
- चौथे स्थान पर- मोनिका किस्कू
- पार्टी- AITC
- वोट प्राप्त- 17 हजार 427.
- पांचवे स्थान पर- NOTA
- वोट प्राप्त- 12 हजार 919.
मुस्लिम और आदिवासी वोट बंटा तो बढ़ जाएगी विजय हांसदा की मुश्किल
झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि 2014 और 2019 में राजमहल सीट नरेंद्र मोदी के प्रभाव से दूर रहा था, उस वक्त अच्छे अंतर से विजय हांसदा की जीत हुई थी. इस बार न सिर्फ अपने ही दल के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम चुनाव मैदान में हैं. बल्कि AIMIM ने रणनीति के तहत अनुसूचित जनजाति के पॉल सोरेन को मैदान में उतारा है. अगर 33 फीसदी मुस्लिम मतदाता और लगभग 37 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के वोटों में बिखराव हुआ तो झामुमो प्रत्याशी की राह मुश्किल हो सकती है.
राजमहल भाजपा जीतेगी- शिवपूजन पाठक
राजमहल संसदीय सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ताला मरांडी की जीत की भविष्यवाणी करते हुए झारखंड भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि राजमहल लोकसभा सीट झामुमो के लिए कोई अजेय सीट नहीं है. भाजपा पहले भी राजमहल लोकसभा सीट जीती है और इस बार भी जीतेगी. शिवपूजन पाठक ने कहा कि हम राजमहल सीट बागी के बल पर नहीं बल्कि जनता के सहयोग से जीतने जा रहे हैं. जिन कमी खामियों से 2014 और 2019 में भाजपा की हार हुई थी, उसे समीक्षा कर दूर कर लिया गया है.
भाजपा को खुश होने की जरूरत नहीं, पूरे साहिबगंज में झामुमो बहुत मजबूत- विनोद पांडेय
साहिबगंज में झामुमो को बेहद मजबूत बताते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि वहां की जनता का झामुमो से लगाव और प्यार का सबूत 04 जून को दिखेगा जब बड़े वोटों के अंतर से झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा की जीत होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे लाख चक्रव्यूह रच लें उसका कोई असर नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में भी भाजपा ने चक्रव्यूह रचा था लेकिन नतीजा क्या हुआ यह सब जानते हैं.
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