रांची: झारखंड की खूंटी सीट भगवान बिरसा मुंडा की धरती कही जाती है. यहां बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की चूलें हिला दी थीं. खूंटी का पूरा इलाका कभी घोर नक्सल प्रभावित था. खूंटी लोकसभा क्षेत्र चार जिलों में फैला हुआ है. इसमें 6 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
खूंटी लोकसभा क्षेत्र में खरसावां, तमाड़, तोरपा, सिमडेगा, कोलेबिरा और खूंटी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. यहां आदिवासियों की जनसंख्या ज्यादा है. यही वजह है कि लोकसभा क्षेत्र जनजातीय लोगों के लिए आरक्षित है.
खूंटी लोकसभा सीट का इतिहास
खूंटी लोकसभा क्षेत्र की जब भी बात होगी तो कड़िया मुंडा की बात जरूर होगी. क्योंकि कड़िया मुंडा ने यहां तीन या चार बार नहीं बल्कि 8 बार जीत हासिल की है. शुरुआती दौर में यहां से जयपाल सिंह मुंडा ने भी तीन बार लगातार जीत हासिल की थी. 1952, 1957 और फिर 1962 में जयपाल सिंह मुंडा ने यहां से जीत हासिल की. हालांकि कड़िया मुंडा ने इस लोकसभा सीट को एक अभेद्य किले के रूप में बदल दिया. फिलहाल यहां से अर्जुन मुंडा सांसद हैं और केंद्र में आदिवासी मामलों के मंत्री के अलावा कृषि मंत्री हैं.
खूंटी लोकसभा सीट के इतिहास को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि यह बीजेपी का एक अभेद्य किला है. हालांकि 2019 में अर्जुन मुंडा और कांग्रेस के कालीचरण मुंडा के बीच जिस तरह की टक्कर थी वह निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है. हालांकि पीएम मोदी के खूंटी आने और अर्जुन मुंडा के केंद्रीय मंत्री रहते क्षेत्र में कई विकास योजना लाने के बाद बीजेपी एक बार फिर मजबूत साबित हो सकती है.
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