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डिजाइन के अनुसार तय समय में किचन नहीं बनाई, हिन्दवेयर होम व अन्य पर लगाया 1.11 लाख रुपए हर्जाना - District consumer court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 8:13 PM IST

जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग ने हिन्दवेयर होम रिटेल व ईवोव मेघा होम पर 1.11 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. परिवाद के अनुसार दोनों कंपनियों ने डिजाइन के अनुसार तय समय में किचन नहीं बनाई थी.

District consumer court
जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-द्वितीय ने डिजाइन के अनुसार किचन में तय समय में फर्नीचर व एसेसरीज नहीं लगाने के मामले में हिन्दवेयर होम रिटेल व ईवोव मेघा होम पर 1.11 लाख रुपए का हर्जाना लगाया गया है. वहीं किचन बनवाने में खर्च की गई राशि 1.50 लाख रुपए भी 9 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया है. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश अनोखी देवी के परिवाद पर दिए.

परिवाद में बताया गया कि उसने अपने मकान की किचन बनवाने और उसमें फर्नीचर व एसेसरीज लगाने का काम विपक्षी को 1,40,314 रुपए में दिया था. यह काम तय डिजाइन के अनुसार 7 सप्ताह की अवधि में पूरी किया जाना था. इसके बावजूद तय अवधि में डिजाइन के अनुसार किचन का काम ही पूरा नहीं हुआ. वहीं जो भी काम किया, उसमें भी कई तरह की गलतियां थीं. किचन का फर्नीचर ठीक नहीं था और ट्रे सही नहीं खुल रही थी.

पढ़ें: होम लोन नहीं चुकाने पर ग्राहक का फ्लैट सीज करना करना गलत, बिल्डर पर लगाया हर्जाना - District Consumer Commission

इसके अलावा गेट भी सही तरीके से बंद नहीं हो रहे थे. एसेसरीज की इंस्टालेशन भी ठीक ढंग से नहीं थी और फिटिंग ढीली होकर कई जगह से खुल गई थी. ऐसे में विपक्षी की ओर से किचन तैयार करने में लापरवाही व सेवादोष किया है. जबकि उसने अपनी पुरानी किचन को तुड़वाकर उसकी जगह नई किचन का काम विपक्षी की देखरेख में करवाने के लिए उसे राशि दी थी. इसलिए उसे किचन बनवाने पर खर्च की गई राशि हर्जा-खर्चा सहित दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने विपक्षी को किचन पर खर्च की गई राशि ब्याज व हर्जाने सहित देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-द्वितीय ने डिजाइन के अनुसार किचन में तय समय में फर्नीचर व एसेसरीज नहीं लगाने के मामले में हिन्दवेयर होम रिटेल व ईवोव मेघा होम पर 1.11 लाख रुपए का हर्जाना लगाया गया है. वहीं किचन बनवाने में खर्च की गई राशि 1.50 लाख रुपए भी 9 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया है. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश अनोखी देवी के परिवाद पर दिए.

परिवाद में बताया गया कि उसने अपने मकान की किचन बनवाने और उसमें फर्नीचर व एसेसरीज लगाने का काम विपक्षी को 1,40,314 रुपए में दिया था. यह काम तय डिजाइन के अनुसार 7 सप्ताह की अवधि में पूरी किया जाना था. इसके बावजूद तय अवधि में डिजाइन के अनुसार किचन का काम ही पूरा नहीं हुआ. वहीं जो भी काम किया, उसमें भी कई तरह की गलतियां थीं. किचन का फर्नीचर ठीक नहीं था और ट्रे सही नहीं खुल रही थी.

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इसके अलावा गेट भी सही तरीके से बंद नहीं हो रहे थे. एसेसरीज की इंस्टालेशन भी ठीक ढंग से नहीं थी और फिटिंग ढीली होकर कई जगह से खुल गई थी. ऐसे में विपक्षी की ओर से किचन तैयार करने में लापरवाही व सेवादोष किया है. जबकि उसने अपनी पुरानी किचन को तुड़वाकर उसकी जगह नई किचन का काम विपक्षी की देखरेख में करवाने के लिए उसे राशि दी थी. इसलिए उसे किचन बनवाने पर खर्च की गई राशि हर्जा-खर्चा सहित दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने विपक्षी को किचन पर खर्च की गई राशि ब्याज व हर्जाने सहित देने के आदेश दिए हैं.

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