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पीजीआईएमएस रोहतक ने रचा इतिहास! दो मरीजों में सफलतापूर्वक किया किडनी ट्रांसप्लांट

Kidney Transplant Rohtak PGI: पीजीआईएमएस रोहतक में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट की सफलतापूर्वक सर्जरी हुई है. संस्थान के डॉक्टरों की इस उपलब्धि पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डोनर के परिवार को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की. महिला डोनर के अंगों से तीन मरीजों की जान बचाई जा सकी है.

Rohtak Organ Transplant
Rohtak Organ Transplant
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 7, 2024, 1:21 PM IST

पीजीआईएमएस रोहतक ने रचा इतिहास! दो मरीजों में सफलतापूर्वक किया किडनी ट्रांसप्लांट

रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट की सफलतापूर्वक सर्जरी हुई है. संस्थान के डॉक्टरों की टीम ने ब्रेन डेड डोनर मरीज की दोनों किडनी को 2 जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किया है. इसके अलावा डोनर मरीज के लीवर को भी ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली भेज दिया गया. संस्थान के डॉक्टरों की इस उपलब्धि पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डोनर के परिवार को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की. गौरतलब है कि 43 वर्षीय महिला को 30 जनवरी को ब्रेन हेमरेज होने के चलते पीजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था.

ब्रेन हेमरेज से हुई थी डोनर महिला की मौत: डॉक्टर ईश्वर सिंह और डॉक्टर गोपाल की निगरानी में आईसीयू में उनका इलाज चला. इलाज के बाद पाया गया कि मरीज ब्रेन डेड लग रही है, ऐसे में उन्होंने डेथ सर्टिफिकेट कमेटी को अपना अलर्ट भेजा. इस पर निदेशक डॉक्टर एसएस लोहचब और चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुंदन मित्तल ने तुरंत प्रभाव से कमेटी बनाकर मरीज की क्लीनिकल जांच और परीक्षण समेत सभी मेडिकल जांच करने के आदेश दिए. जिसमें कमेटी ने पाया कि मरीज ब्रेन डेड हो चुका है.

महिला ने की बेटी ने किया अंगदान का फैसला: मरीज के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद सोटो की तरफ से नोडल अधिकारी डॉक्टर सुखबीर सिंह, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीप्ति, मोहन फाउंडेशन की प्रोजेक्ट लीडर रेणु कुमारी व आईईसी कंसलटेंट राजेश कुमार ने परिजनों से संपर्क किया और उन्हें अंगदान के बारे में बताया. इस पर महिला की बेटी ने अपनी मां की यादों को जिंदा रखने का फैसला किया और किडनी, लीवर, हृदय और आंखें दान करने की सहमति प्रदान की. स्टेट ऑर्गन टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के जरिए ये सूचना भेजी गई. तुरंत प्रभाव से हरियाणा व अन्य राज्यों में अलर्ट भेजा गया.

तीन मरीजों की बचाई गई जान: अलग-अलग अस्पतालों की टीमें अंग लेने के लिए पीजीआईएमएस रोहतक पहुंची. फिर हरियाणा के लिए 2 मरीजों को पीजीआईएमएस बुलाया गया. इन मरीजों का पहले से ही यहां इलाज चल रहा था. डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक ब्रेन डेड मरीज की दोनों किडनी इन दो मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दी. खास बात ये रही कि डॉक्टरों की टीम डोनर का लीवर भी सफलतापूर्वक निकालने में सफल रही. इसके बाद पुलिस प्रशासन से बातचीत कर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आईएलबीएस दिल्ली भेज दिया गया. जिससे एक मरीज की जान भी बच गई.

इन अंगों को किया जा सकता है डोनेट: इस प्रकार इन डॉक्टरों ने 3 लोगों को जीवनदान दिया है. गौरतलब है कि किडनी ट्रांसप्लांट (रीनल ट्रांसप्लांट) एक जटिल और जीवन रक्षक प्रक्रिया है. अब तक ये सुविधा सिर्फ हरियाणा राज्य के निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध थी. जिस पर 8 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की लागत आती है, जबकि पीजीआईएमएस रोहतक में ट्रांसप्लांट पर मामूली खर्च आएगा. स्टेट ऑर्गन टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल अधिकारी डॉक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि मृत व्यक्ति की किडनी, लीवर, फेफड़ा, हृदय, पैंक्रियास और आंत को डोनेट किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि अंगदान करके किसी की जिंदगी को नई उम्मीद से भर सकते हैं. आईजीआईएमएस के निदेशक डॉक्टर एसएस लोहचब ने कहा कि अंगदान को लेकर और अधिक जागरूक होना होगा. उन्होंने बताया कि देश में हजारों लोगों को ऑर्गन की जरूरत है और ये अंगदान के माध्यम से ही मिल सकते हैं. ऐसे में हमें अंगदान के लिए खुद को रजिस्टर्ड करवाना चाहिए और अन्य लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए. हेल्थ यूनिवर्सिटी की वीसी डॉक्टर अनीता सक्सेना ने डॉक्टरों की इस उपलब्धि पर खुशी जताई है.

ये भी पढ़ें- गोहाना: BPS मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 13 मरीजों का हुआ सफल ऑपरेशन, किसी के भी नहीं निकालने पड़े अंग

ये भी पढ़ें- SPECIAL : दिल की बीमारी के इलाज में वरदान साबित हो सकती है नई तकनीक

पीजीआईएमएस रोहतक ने रचा इतिहास! दो मरीजों में सफलतापूर्वक किया किडनी ट्रांसप्लांट

रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट की सफलतापूर्वक सर्जरी हुई है. संस्थान के डॉक्टरों की टीम ने ब्रेन डेड डोनर मरीज की दोनों किडनी को 2 जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किया है. इसके अलावा डोनर मरीज के लीवर को भी ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली भेज दिया गया. संस्थान के डॉक्टरों की इस उपलब्धि पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डोनर के परिवार को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की. गौरतलब है कि 43 वर्षीय महिला को 30 जनवरी को ब्रेन हेमरेज होने के चलते पीजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था.

ब्रेन हेमरेज से हुई थी डोनर महिला की मौत: डॉक्टर ईश्वर सिंह और डॉक्टर गोपाल की निगरानी में आईसीयू में उनका इलाज चला. इलाज के बाद पाया गया कि मरीज ब्रेन डेड लग रही है, ऐसे में उन्होंने डेथ सर्टिफिकेट कमेटी को अपना अलर्ट भेजा. इस पर निदेशक डॉक्टर एसएस लोहचब और चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुंदन मित्तल ने तुरंत प्रभाव से कमेटी बनाकर मरीज की क्लीनिकल जांच और परीक्षण समेत सभी मेडिकल जांच करने के आदेश दिए. जिसमें कमेटी ने पाया कि मरीज ब्रेन डेड हो चुका है.

महिला ने की बेटी ने किया अंगदान का फैसला: मरीज के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद सोटो की तरफ से नोडल अधिकारी डॉक्टर सुखबीर सिंह, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीप्ति, मोहन फाउंडेशन की प्रोजेक्ट लीडर रेणु कुमारी व आईईसी कंसलटेंट राजेश कुमार ने परिजनों से संपर्क किया और उन्हें अंगदान के बारे में बताया. इस पर महिला की बेटी ने अपनी मां की यादों को जिंदा रखने का फैसला किया और किडनी, लीवर, हृदय और आंखें दान करने की सहमति प्रदान की. स्टेट ऑर्गन टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के जरिए ये सूचना भेजी गई. तुरंत प्रभाव से हरियाणा व अन्य राज्यों में अलर्ट भेजा गया.

तीन मरीजों की बचाई गई जान: अलग-अलग अस्पतालों की टीमें अंग लेने के लिए पीजीआईएमएस रोहतक पहुंची. फिर हरियाणा के लिए 2 मरीजों को पीजीआईएमएस बुलाया गया. इन मरीजों का पहले से ही यहां इलाज चल रहा था. डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक ब्रेन डेड मरीज की दोनों किडनी इन दो मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दी. खास बात ये रही कि डॉक्टरों की टीम डोनर का लीवर भी सफलतापूर्वक निकालने में सफल रही. इसके बाद पुलिस प्रशासन से बातचीत कर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आईएलबीएस दिल्ली भेज दिया गया. जिससे एक मरीज की जान भी बच गई.

इन अंगों को किया जा सकता है डोनेट: इस प्रकार इन डॉक्टरों ने 3 लोगों को जीवनदान दिया है. गौरतलब है कि किडनी ट्रांसप्लांट (रीनल ट्रांसप्लांट) एक जटिल और जीवन रक्षक प्रक्रिया है. अब तक ये सुविधा सिर्फ हरियाणा राज्य के निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध थी. जिस पर 8 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की लागत आती है, जबकि पीजीआईएमएस रोहतक में ट्रांसप्लांट पर मामूली खर्च आएगा. स्टेट ऑर्गन टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल अधिकारी डॉक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि मृत व्यक्ति की किडनी, लीवर, फेफड़ा, हृदय, पैंक्रियास और आंत को डोनेट किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि अंगदान करके किसी की जिंदगी को नई उम्मीद से भर सकते हैं. आईजीआईएमएस के निदेशक डॉक्टर एसएस लोहचब ने कहा कि अंगदान को लेकर और अधिक जागरूक होना होगा. उन्होंने बताया कि देश में हजारों लोगों को ऑर्गन की जरूरत है और ये अंगदान के माध्यम से ही मिल सकते हैं. ऐसे में हमें अंगदान के लिए खुद को रजिस्टर्ड करवाना चाहिए और अन्य लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए. हेल्थ यूनिवर्सिटी की वीसी डॉक्टर अनीता सक्सेना ने डॉक्टरों की इस उपलब्धि पर खुशी जताई है.

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