रायपुर : नवा रायपुर में सीएम साय कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई है.इस बैठक में प्रदेश के विकास और योजनाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुहर लगी. बैठक में आगामी राज्योत्सव और धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा भी हुई.इसके अलावा डाटा एंट्री ऑपरेटर के मानदेय और प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने पर जोर दिया गया.इसी के साथ पंचायत शिक्षक संवर्ग में अनुकंपा नियुक्ति और मीसा बंदियों की मृत्यु होने पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है.
- मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में सहकारी समितियों में काम करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को 18420 रूपए प्रतिमाह के मान से कुल 12 माह का मानदेय भुगतान का निर्णय लिया गया.इस पर कुल 60 करोड़ 54 लाख रूपए का व्यय भार आएगा.इसके भुगतान के लिए राशि मार्कफेड को दी जाएगी.
- विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित प्रकरणों को जनहित में न्यायालय से वापस लिए जाने के संबंध में गठित मंत्रिपरिषद की उपसमिति द्वारा अनुशंसित 49 प्रकरणों को माननीय न्यायालय से वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया है.
- मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (अराजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2021 के नियम 8 (2) में सूबेदार/उप निरीक्षक संवर्ग/प्लाटून कमाण्डर के पद पर नियुक्ति हेतु भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2024 में केवल एक बार के लिए अभ्यार्थियों की निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.सभी छूटों को मिलाकर अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी.
- राज्य के सभी ग्राम पंचायतों के प्रत्येक घर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रामीण पेयजल संचालन एवं संधारण नियम, 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया. इसके तहत पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति अपने दायित्वों के साथ-साथ ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के संचालन एवं संधारण का कार्य भी देखेगी. ग्राम सभा के अनुमोदन से जल प्रभार का निर्धारण के अलावा नए कनेक्शन का निर्णय, वित्तीय प्रबंधन, मरम्मत, पेयजल गुणवत्ता का निर्धारण एवं शिकायतों का निराकरण करेगी.
- दिवंगत शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों के अनुकम्पा हेतु पात्र आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. इसके तहत ऐसे शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारी जिनकी मृत्यु सेवाकाल में हो गई थी और जिनके आश्रित नियमानुसार अनुकम्पा हेतु पात्र है, उन्हें छत्तीसगढ़ शिक्षक (पंचायत) संवर्ग नियम 2018 के आधार पर पात्रता अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी.ऐसी स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग से पद पूर्ति के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पद प्रदाय करने के पूर्व के आदेश को शिथिल करने का निर्णय भी लिया गया है. ताकि दिवंगत के पात्र आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जा सके.
- लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डी.आई.आर. राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरूद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम, 2008 में संशोधन का अनुमोदन किया गया.जिसके तहत दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों का राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्ठि की जाएगी तथा अंत्येष्ठि के लिए उनके परिवार को 25 हजार रूपए की सहायता राशि दी जाएगी.
- देशी/विदेशी मदिरा बोतलों पर चस्पा किये जाने हेतु Excise Adhesive Label (Hologram) होलोग्राम में अधिक सुरक्षात्मक फीचर्स उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के उपक्रम भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक रोड (महाराष्ट्र) से होलोग्राम क्रय करने का निर्णय लिया गया.
- छत्तीसगढ़ राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत स्टील डाउन स्ट्रीम प्रोजेक्ट्स, एथेनॉल इकाईयों एवं कोर सेक्टर के सीमेंट उद्योगों के लिये विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण का अनुमोदन किया गया.
- छत्तीसगढ़ में आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के दौरान राजकीय सम्मान दिया जाएगा. कैबिनेट ने इसके लिए लोक नायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/भारत रक्षा नियम (डीआईआर) राजनीतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम, 2008 में संशोधन को मंजूरी दी. 1975-77 के आपातकाल के दौरान मीसा के तहत हिरासत में लिए गए लोगों को उनके निधन के बाद अंतिम संस्कार के दौरान राजकीय सम्मान दिया जाएगा. उनके परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी मिलेगी.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में करीब 350 मीसा बंदी हैं. इस साल फरवरी में, नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार ने मीसा के तहत बंदियों के लिए पेंशन योजना को बहाल कर दिया, जिसे 2019 में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान रोक दिया गया था. मीसा के तहत बंदियों के लिए पेंशन योजना पहली बार राज्य में 2008 में बीजेपी शासन के दौरान शुरू की गई थी.मीसा बंदियों (लोकतंत्र सेनानी) को तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10,000 रुपये से 25,000 रुपये प्रति माह तक पेंशन दी जाती थी.