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ED के समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर 15 मई को सुनवाई - Kejriwal plea against ED summons

Kejriwal plea against ED summons : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए लिस्ट में शामिल कर लिया है. याचिका में उन्होंने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जारी किए गए समन को चुनौती दी है.

केजरीवाल की याचिका पर,15 मई को सुनवाई
केजरीवाल की याचिका पर,15 मई को सुनवाई
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 22, 2024, 5:57 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए लिस्ट में शामिल कर दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती दी है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने AAP नेता केजरीवाल को ईडी से पेश किए गए जवाब पर अपना उत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया. अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट के दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद 21 मार्च को जांच एजेंसी ईडी ने गिरफ्तार किया था.

उत्पाद शुल्क 'घोटाला में ईडी के समन के खिलाफ केजरीवाल की याचिका को उच्च न्यायालय ने 15 मई के लिए सूचीबद्ध किया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका को सोमवार को 15 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें जारी किया था.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने आप नेता को ईडी द्वारा प्रस्तुत जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद 21 मार्च को एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी को केजरीवाल ने एक अलग याचिका में चुनौती दी थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था और उनकी अपील वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

इस मामले में सुवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी कि याचिका फिलहाल निरर्थक हो गई है क्योंकि केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि ईडी का हलफनामा इस शुरुआती मुद्दे से जुड़ा है कि यह मामला अब कैसे निरर्थक हो गया है. जांच एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि अपनी गिरफ्तारी को केजरीवाल ने एक अलग याचिका में चुनौती दी थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और उनकी अपील मौजूदा वक्त में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

न्यायमूर्ति मनोज जैन ने पूछा कि मामले में अब क्या बचा है. केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह ईडी के रुख पर एक प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी द्वारा की गई प्रारंभिक कार्रवाई कानून (पीएमएलए) के अनुसार नहीं थी. अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील ने प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इसे दो सप्ताह में पूरा किया जाए."

AAP के राष्ट्रीय संयोजक ने ईडी द्वारा जारी नौवें समन के मद्देनजर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया था. उच्च न्यायालय की पीठ ने 20 मार्च को ईडी को स्थिरता के संबंध में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. याचिका का अगले दिन, उसने ईडी से केजरीवाल की गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर भी जवाब देने को कहा, और कहा कि "इस स्तर पर" वह उन्हें कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं है. केजरीवाल को उसी शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि मामले के अन्य आरोपी उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ और आप को रिश्वत मिली. केजरीवाल ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी, पूछताछ और जमानत देने के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है. उन्होंने कई मुद्दे उठाएं हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कोई राजनीतिक दल मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के तहत आता है.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल को झटकाः दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने की मांग वाली याचिका खारिज की, जुर्माना भी लगाया

इसमें आरोप लगाया गया कि पीएमएलए के तहत मनमानी प्रक्रिया का इस्तेमाल आम चुनावों के लिए गैर-स्तरीय खेल का मैदान बनाने के लिए किया जा रहा है ताकि "केंद्र में सत्तारूढ़ दल के पक्ष में चुनावी प्रक्रिया को आसान किया जा सके. याचिकाकर्ता को सत्तारूढ़ दल का मुखर आलोचक और विपक्षी भारत गुट का भागीदार बताते हुए याचिका में दावा किया गया कि केंद्र सरकार के नियंत्रण में होने के कारण ईडी को "हथियारबंद" कर दिया गया है.

राजनैतिक दबाव में आकर झूठे और गलत बयान दे रहे..., CM केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुपरिटेंडेंट को लिखा लेटर

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए लिस्ट में शामिल कर दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती दी है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने AAP नेता केजरीवाल को ईडी से पेश किए गए जवाब पर अपना उत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया. अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट के दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद 21 मार्च को जांच एजेंसी ईडी ने गिरफ्तार किया था.

उत्पाद शुल्क 'घोटाला में ईडी के समन के खिलाफ केजरीवाल की याचिका को उच्च न्यायालय ने 15 मई के लिए सूचीबद्ध किया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका को सोमवार को 15 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें जारी किया था.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने आप नेता को ईडी द्वारा प्रस्तुत जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद 21 मार्च को एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी को केजरीवाल ने एक अलग याचिका में चुनौती दी थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था और उनकी अपील वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

इस मामले में सुवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी कि याचिका फिलहाल निरर्थक हो गई है क्योंकि केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि ईडी का हलफनामा इस शुरुआती मुद्दे से जुड़ा है कि यह मामला अब कैसे निरर्थक हो गया है. जांच एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि अपनी गिरफ्तारी को केजरीवाल ने एक अलग याचिका में चुनौती दी थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और उनकी अपील मौजूदा वक्त में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

न्यायमूर्ति मनोज जैन ने पूछा कि मामले में अब क्या बचा है. केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह ईडी के रुख पर एक प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी द्वारा की गई प्रारंभिक कार्रवाई कानून (पीएमएलए) के अनुसार नहीं थी. अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील ने प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इसे दो सप्ताह में पूरा किया जाए."

AAP के राष्ट्रीय संयोजक ने ईडी द्वारा जारी नौवें समन के मद्देनजर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया था. उच्च न्यायालय की पीठ ने 20 मार्च को ईडी को स्थिरता के संबंध में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. याचिका का अगले दिन, उसने ईडी से केजरीवाल की गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर भी जवाब देने को कहा, और कहा कि "इस स्तर पर" वह उन्हें कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं है. केजरीवाल को उसी शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि मामले के अन्य आरोपी उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ और आप को रिश्वत मिली. केजरीवाल ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी, पूछताछ और जमानत देने के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है. उन्होंने कई मुद्दे उठाएं हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कोई राजनीतिक दल मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के तहत आता है.

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इसमें आरोप लगाया गया कि पीएमएलए के तहत मनमानी प्रक्रिया का इस्तेमाल आम चुनावों के लिए गैर-स्तरीय खेल का मैदान बनाने के लिए किया जा रहा है ताकि "केंद्र में सत्तारूढ़ दल के पक्ष में चुनावी प्रक्रिया को आसान किया जा सके. याचिकाकर्ता को सत्तारूढ़ दल का मुखर आलोचक और विपक्षी भारत गुट का भागीदार बताते हुए याचिका में दावा किया गया कि केंद्र सरकार के नियंत्रण में होने के कारण ईडी को "हथियारबंद" कर दिया गया है.

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