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CM केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत की आस, जमानत पर सुनवाई कल - KEJRIWAL BAIL CASE

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 25, 2024, 8:51 PM IST

Kejriwal bail case will heard in SC on 26 June: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. उससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगा दी.

सीएम केजरीवाल की जमानत मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 26 जून को सुनवाई
सीएम केजरीवाल की जमानत मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 26 जून को सुनवाई (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगा दी. इसके बाद उनको अब सुप्रीम कोर्ट से आस है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार यानी 26 जून को इस मामले पर सुनवाई होगी. केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि हमने पहले ही अंतरिम रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. आज का फैसला भी उसी तर्ज पर है, क्योंकि हमने पहले ही अंतरिम रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिसकी चुनौती कल के लिए सूचीबद्ध है. आज हम इस आदेश की एक प्रति के साथ सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर रहे हैं कि इस पर विचार किया जाना चाहिए.

मंगलवार को हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वेकेशन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के जमानत देने के आदेश पर रोक लगाते हुए कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दस्तावेजों का "उचित मूल्यांकन" नहीं किया. जमानत आदेश का विरोध करने वाली ईडी की दलीलों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.

हाईकोर्ट ने की कड़ी टिप्पणीः हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने विवादित आदेश पारित करते समय रिकॉर्ड पर प्रस्तुत सामग्री/दस्तावेजों और ईडी द्वारा उठाए गए तर्कों और धारा 439(2) के तहत याचिका में उठाए गए कथनों/आधारों का उचित मूल्यांकन नहीं किया, जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है. 34 पन्नों के आदेश में जस्टिस जैन ने कहा कि प्रत्येक अदालत का यह दायित्व है कि वह पक्षों को अपना-अपना मामला पेश करने के लिए पर्याप्त अवसर दे और इस मामले में भी ED को केजरीवाल की जमानत अर्जी पर दलीलें पेश करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए था.

न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि ट्रायल जज ने न केवल धन शोधन निरोधक एजेंसी द्वारा लिखित प्रस्तुतियों में दिए गए तर्कों पर चर्चा और विचार नहीं किया, बल्कि जमानत देते समय धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत "दोहरी शर्त" की आवश्यकता के संबंध में भी चर्चा नहीं की और अपना दृष्टिकोण दर्ज नहीं किया. पीएमएलए की धारा 45 के तहत, किसी आरोपी को "दोहरी शर्तों" के अधीन जमानत दी जा सकती है कि अदालत को प्रथम दृष्टया यह विश्वास हो कि वह ऐसे अपराध का दोषी नहीं है और अभियोजक को जमानत के लिए आवेदन का विरोध करने का अवसर दिया गया है.

बता दें, अवकाशकालीन न्यायाधीश नियाय बिंदु की अध्यक्षता वाली ट्रायल कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. ED ने अगले ही दिन यानी 21 जून को हाईकोर्ट का रुख किया और तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश "एकतरफा" और "गलत पक्ष" वाला था और उसे मामले पर बहस करने का पर्याप्त अवसर दिए बिना पारित किया गया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने जमानत पर स्टे लगा दिया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने भी की है टिप्पणीः वहीं, हाईकोर्ट के स्टे लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वोच्य न्यायलय ने कुछ अहम टिप्पणी की और मामले पर 26 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि ED की स्थगन याचिका पर आदेश सुरक्षित रखते हुए केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाने का हाईकोर्ट का तरीका 'असामान्य' था.सामान्यतः स्थगन आदेश सुनवाई के तुरंत बाद 'तत्काल' पारित किए जाते हैं. सुरक्षित नहीं रखा जाता.

शराब घोटाले में केजरीवाल से जुड़े मामले में अब तक क्या-क्या हुआ

  1. नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति पेश की.
  2. जुलाई 2022: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की.
  3. अगस्त 2022: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में मामले दर्ज किए.
  4. सितंबर 2022: दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को रद्द कर दिया.
  5. अक्टूबर 2023 से मार्च 2024: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में केजरीवाल को नौ समन जारी किए, लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए.
  6. 21 मार्च: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया. इसके तुरंत बाद ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता को गिरफ्तार कर लिया.
  7. 10 मई: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी. कहा कि उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा.
  8. 20 जून: ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को नियमित जमानत दी.
  9. 21 जून: ईडी ने ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया. उच्च न्यायालय ने एजेंसी की याचिका पर नोटिस जारी किया, स्थगन के मुद्दे पर घोषणा होने तक जमानत आदेश को निलंबित कर दिया.
  10. 25 जून: उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी.

ये भी पढ़ें : केजरीवाल को नहीं मिली जमानत, हाईकोर्ट ने कहा- बेल देते समय ट्रायल कोर्ट ने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया -

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को नहीं मिली राहत, याचिका पर 26 जून को होगी सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के आदेश पर रोक लगा दी. इसके बाद उनको अब सुप्रीम कोर्ट से आस है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार यानी 26 जून को इस मामले पर सुनवाई होगी. केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि हमने पहले ही अंतरिम रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. आज का फैसला भी उसी तर्ज पर है, क्योंकि हमने पहले ही अंतरिम रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिसकी चुनौती कल के लिए सूचीबद्ध है. आज हम इस आदेश की एक प्रति के साथ सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर रहे हैं कि इस पर विचार किया जाना चाहिए.

मंगलवार को हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वेकेशन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के जमानत देने के आदेश पर रोक लगाते हुए कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दस्तावेजों का "उचित मूल्यांकन" नहीं किया. जमानत आदेश का विरोध करने वाली ईडी की दलीलों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.

हाईकोर्ट ने की कड़ी टिप्पणीः हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने विवादित आदेश पारित करते समय रिकॉर्ड पर प्रस्तुत सामग्री/दस्तावेजों और ईडी द्वारा उठाए गए तर्कों और धारा 439(2) के तहत याचिका में उठाए गए कथनों/आधारों का उचित मूल्यांकन नहीं किया, जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है. 34 पन्नों के आदेश में जस्टिस जैन ने कहा कि प्रत्येक अदालत का यह दायित्व है कि वह पक्षों को अपना-अपना मामला पेश करने के लिए पर्याप्त अवसर दे और इस मामले में भी ED को केजरीवाल की जमानत अर्जी पर दलीलें पेश करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए था.

न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि ट्रायल जज ने न केवल धन शोधन निरोधक एजेंसी द्वारा लिखित प्रस्तुतियों में दिए गए तर्कों पर चर्चा और विचार नहीं किया, बल्कि जमानत देते समय धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत "दोहरी शर्त" की आवश्यकता के संबंध में भी चर्चा नहीं की और अपना दृष्टिकोण दर्ज नहीं किया. पीएमएलए की धारा 45 के तहत, किसी आरोपी को "दोहरी शर्तों" के अधीन जमानत दी जा सकती है कि अदालत को प्रथम दृष्टया यह विश्वास हो कि वह ऐसे अपराध का दोषी नहीं है और अभियोजक को जमानत के लिए आवेदन का विरोध करने का अवसर दिया गया है.

बता दें, अवकाशकालीन न्यायाधीश नियाय बिंदु की अध्यक्षता वाली ट्रायल कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. ED ने अगले ही दिन यानी 21 जून को हाईकोर्ट का रुख किया और तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश "एकतरफा" और "गलत पक्ष" वाला था और उसे मामले पर बहस करने का पर्याप्त अवसर दिए बिना पारित किया गया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने जमानत पर स्टे लगा दिया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने भी की है टिप्पणीः वहीं, हाईकोर्ट के स्टे लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वोच्य न्यायलय ने कुछ अहम टिप्पणी की और मामले पर 26 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि ED की स्थगन याचिका पर आदेश सुरक्षित रखते हुए केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाने का हाईकोर्ट का तरीका 'असामान्य' था.सामान्यतः स्थगन आदेश सुनवाई के तुरंत बाद 'तत्काल' पारित किए जाते हैं. सुरक्षित नहीं रखा जाता.

शराब घोटाले में केजरीवाल से जुड़े मामले में अब तक क्या-क्या हुआ

  1. नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति पेश की.
  2. जुलाई 2022: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की.
  3. अगस्त 2022: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में मामले दर्ज किए.
  4. सितंबर 2022: दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को रद्द कर दिया.
  5. अक्टूबर 2023 से मार्च 2024: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में केजरीवाल को नौ समन जारी किए, लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए.
  6. 21 मार्च: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया. इसके तुरंत बाद ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता को गिरफ्तार कर लिया.
  7. 10 मई: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी. कहा कि उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा.
  8. 20 जून: ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को नियमित जमानत दी.
  9. 21 जून: ईडी ने ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया. उच्च न्यायालय ने एजेंसी की याचिका पर नोटिस जारी किया, स्थगन के मुद्दे पर घोषणा होने तक जमानत आदेश को निलंबित कर दिया.
  10. 25 जून: उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी.

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