बलरामपुर रामानुजगंज: आदिवासी बहुल केरता गांव में संस्कृति विभाग के सहयोग से जय शकुंतला वेलफेयर फाउण्डेशन ने कर्मा पूजन त्योहार का आयोजन किया. इस मौके पर कर्मा लोक नृत्य और लोक गीत कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ. कर्मा पूजन कार्यक्रम में जनजातीय समाज के लोग मांदर की थाप पर जमकर झूमे. आयोजन का मकसद आदिवासी परंपरा और संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना और उसका प्रसार करना था. आयोजन में शामिल होने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे.
कर्मा पूजन का मकसद आदिवासी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन: कर्मा पूजन नृत्य संगीत कार्यक्रम की संयोजिका डॉ आस्था महंत ने जानकारी देते हुए कहा कि ''संस्कृति विभाग के सहयोग से जय शकुंतला वेलफेयर फाउण्डेशन बलरामपुर जिले में संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण का काम कर रही है. इससे पहले हमने बलरामपुर के भनौरा में तीज कार्यक्रम मनाया था. आज हमने ग्रामीण स्थान केरता गांव को चुना और यहां कर्मा पूजा का आयोजन किया.
''इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि बाहरी कल्चर के प्रभाव में आकर यहां कर्मा पूजा की संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. इस संस्कृति को बचाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है ताकि ट्राइबल संस्कृति बची रहे. यहां माइग्रेशन भी ज्यादा है. अगर जल-जंगल-जमीन सुरक्षित रहेगा उनकी भावनाएं सुरक्षित रहेंगी तो वह अपने घर को छोड़कर कहीं दूसरी जगह नहीं जाएंगे''. - डॉ आस्था महंत, संयोजिका
बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टोलियों को किया गया सम्मानित: कर्मा पूजन कार्यक्रम मे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टोलियों को सम्मानित भी किया गया. जीतने वाली टीम को नकद राशि और कपड़े सम्मान स्वरुप बांटे गए. कर्मा पूजन का आदिवासी संस्कृति और परंपरा में अपना अलग स्थान रखता है. केरता गांव में हुए इस आयोजन में हजारों युवा शामिल हुए.