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'बाबू जी मैं खिचड़ी पर छुट्टी लेकर घर आ रहा हूं'; बेटे के आखिरी शब्द यादकर फफक रहे पिता, घर पर गूंज रही पत्नी-मां की चीत्कार - JAMMU KASHMIR BANDIPORA ACCIDENT

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा हादसे में शहीद हो गया कानपुर का पवन यादव, आज दोपहर में एयरपोर्ट पहुंचेगा पार्थिव शरीर.

घर पर परिजनों की चीख-पुकार, शोक में डूबा गांव.
घर पर परिजनों की चीख-पुकार, शोक में डूबा गांव. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 7:11 AM IST

कानपुर : 'बाबू जी मैं खिचड़ी पर छुट्टी लेकर घर आ रहा हूं, अम्मा की तबीयत ठीक है?, मैं इस समय ड्यूटी पर हूं. मैं बाद में बात करूंगा बाबूजी'. अंतिम बार सेना के जवान पवन यादव की अपने पिता सत्येंद्र यादव से बस इतनी ही बात हो पाई थी. इसे यादकर पिता फफक पड़ते हैं. घर पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव के लोग भी गमगीन हैं. लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले. आज दोपहर में शहीद का पार्थिव शरीर चकेरी एयरपोर्ट पहुंचने की संभावना है. इसके बाद सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

आज एयरपोर्ट पहुंचेगा शहीद का शव. (Video Credit; ETV Bharat)

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में शनिवार की दोपहर हुए हादसे में सेना में तैनात कानपुर का जवान पवन यादव भी शहीद हो गया था. पवन यादव बिल्हौर तहसील क्षेत्र के शिवराजपुर के गांव दुर्गापुर के निवासी थे. परिवार में पत्नी सुषमा के अलावा 2 बच्चे तेजस व तनवी हैं. उनके शहीद होने की खबर गांव में पहुंची तो यहां की हर गली शोक में डूब गई. परिजनों की चीत्कार ने लोगों की आंखों को नम कर दिया.

बेटे के आने का था इंतजार, पहुंची मौत की खबर : पिता मोबाइल पर बेटे की तस्वीर देखकर दहाड़े मारकर रो पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि बेटे से कुछ दिनों पहले ही बात हुई थी. उसने खिचड़ी (मकरसंक्रांति) पर घर आने का वादा किया था. परिवार के लोग उसके आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उसकी शहादत की खबर पहुंची. बहू और पोता-पोती प्रयागराज में रह रहे थे. इस समय वह भी गांव पहुंचे हैं. हंसी-खुशी रह रहे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

दोपहर में चकेरी एयरपोर्ट पर पहुंचेगा पार्थिव शरीर : शहीद जवान के भाई पारस ने बताया कि कोहरे के चलते जम्मू से फ्लाइट नहीं आ पा रही है. सेना के अधिकारियों से बात हुई है. उन्होंने सोमवार की दोपहर 12 बजे तक विशेष विमान से भाई का पार्थिक शरीर के कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर पहुंचने की बात कही है. इतना बताने के बाद पारस की आंखें नम हो गई. खुद को संभालते हुए आगे उन्होंने बताया कि भाई ने अपना रिटायरमेंट प्लान किया था.

भाई बोला-आंसुओं को छिपाकर भाभी-बच्चों को गांव लेकर पहुंचा : पारस के अनुसार अगले कुछ महीनों में पवन परिवार के साथ ही रहने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. भाभी और भतीजा-भतीजी प्रयागराज में रह रहे थे. कभी वहां बच्चों से मिलने खुशी-खुशी जाया करता था. हादसे के बाद भाई की मौत की खबर लेकर भाभी के पास पहुंचा था, लेकिन वहां पहुंचकर भाभी से कुछ भी बताने की हिम्मत नहीं हो पाई. अपने आंसुओं को किसी तरह रोककर बहाने से भाभी और बच्चों को लेकर गांव पहुंचा.

बेटे का जन्मदिन मनाकर भाई ड्यूटी पर लौटे थे : पारस ने बताया कि गांव पहुंचते ही चीख-पुकार की आवाज भाभी के कानों तक पहुंची तो वह चीख पड़ीं. इसके बाद बच्चे भी रोने लगे. इस पर मैंने भाभी को बताया कि भैया शहीद हो गए. 2 दिसंबर को भाई ने तेजस का जन्मदिन मनाया था. उस दौरान वह छुट्टी पर थे. इसके बाद ही वह ड्यूटी पर लौटे थे.

मां बोली- पवन को हमेशा रहती थी मेरी फिक्र : बेटे की शहादत पर मां गोमती की आंखों से भी आंसू नहीं रुक रहे. वह रो-रोकर बताती हैं कि पवन हमेशा मेरी तबीयत की चिंता करता था. जब भी फोन करता तो मेरी खोज-खबर जरूर लेता था. अब बेटा चला गया, बहू और उसके बच्चों का चेहरा देखकर और भी रोना आ रहा है. कुछ कहते नहीं बन रहा है.

गांव में हर तरह पवन की शहादत की चर्चा.
गांव में हर तरह पवन की शहादत की चर्चा. (Photo Credit; ETV Bharat)

वहीं आसपास के सभी समाजसेवी व जनप्रतिनिधि शहीद के घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं. गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है. गांव के लोगों के अनुसार पवन बेहद जिम्मेदार थे. वह परिवार के अलावा देश सेवा के प्रति भी पूरी तरह समर्पित थे. ग्रामीणों को उनकी शहादत पर गर्व है.

अब जानिए घटनाक्रम के बारे में : पवन यादव की तैनाती कुछ समय पहले प्रयागराज में थी. यहां के बाद उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में हो गई थी. शनिवार को वह सेना के अन्य जवानों के साथ ट्रक से जा रहे थे. इस दौरान शनिवार की दोपहर बांदीपोरा में बर्फबारी के दौरान ट्रक बेकाबू होकर खाई में गिर गया. हादसे में कुल 4 जवान शहीद हो गए थे. इनमें से एक पवन यादव भी थे. जबकि घायल कई जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया है.

यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में कानपुर का जवान शहीद, खाई में गिरा सेना का ट्रक, आज देर रात गांव पहुंचेगा शव

कानपुर : 'बाबू जी मैं खिचड़ी पर छुट्टी लेकर घर आ रहा हूं, अम्मा की तबीयत ठीक है?, मैं इस समय ड्यूटी पर हूं. मैं बाद में बात करूंगा बाबूजी'. अंतिम बार सेना के जवान पवन यादव की अपने पिता सत्येंद्र यादव से बस इतनी ही बात हो पाई थी. इसे यादकर पिता फफक पड़ते हैं. घर पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव के लोग भी गमगीन हैं. लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले. आज दोपहर में शहीद का पार्थिव शरीर चकेरी एयरपोर्ट पहुंचने की संभावना है. इसके बाद सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

आज एयरपोर्ट पहुंचेगा शहीद का शव. (Video Credit; ETV Bharat)

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में शनिवार की दोपहर हुए हादसे में सेना में तैनात कानपुर का जवान पवन यादव भी शहीद हो गया था. पवन यादव बिल्हौर तहसील क्षेत्र के शिवराजपुर के गांव दुर्गापुर के निवासी थे. परिवार में पत्नी सुषमा के अलावा 2 बच्चे तेजस व तनवी हैं. उनके शहीद होने की खबर गांव में पहुंची तो यहां की हर गली शोक में डूब गई. परिजनों की चीत्कार ने लोगों की आंखों को नम कर दिया.

बेटे के आने का था इंतजार, पहुंची मौत की खबर : पिता मोबाइल पर बेटे की तस्वीर देखकर दहाड़े मारकर रो पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि बेटे से कुछ दिनों पहले ही बात हुई थी. उसने खिचड़ी (मकरसंक्रांति) पर घर आने का वादा किया था. परिवार के लोग उसके आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उसकी शहादत की खबर पहुंची. बहू और पोता-पोती प्रयागराज में रह रहे थे. इस समय वह भी गांव पहुंचे हैं. हंसी-खुशी रह रहे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

दोपहर में चकेरी एयरपोर्ट पर पहुंचेगा पार्थिव शरीर : शहीद जवान के भाई पारस ने बताया कि कोहरे के चलते जम्मू से फ्लाइट नहीं आ पा रही है. सेना के अधिकारियों से बात हुई है. उन्होंने सोमवार की दोपहर 12 बजे तक विशेष विमान से भाई का पार्थिक शरीर के कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर पहुंचने की बात कही है. इतना बताने के बाद पारस की आंखें नम हो गई. खुद को संभालते हुए आगे उन्होंने बताया कि भाई ने अपना रिटायरमेंट प्लान किया था.

भाई बोला-आंसुओं को छिपाकर भाभी-बच्चों को गांव लेकर पहुंचा : पारस के अनुसार अगले कुछ महीनों में पवन परिवार के साथ ही रहने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. भाभी और भतीजा-भतीजी प्रयागराज में रह रहे थे. कभी वहां बच्चों से मिलने खुशी-खुशी जाया करता था. हादसे के बाद भाई की मौत की खबर लेकर भाभी के पास पहुंचा था, लेकिन वहां पहुंचकर भाभी से कुछ भी बताने की हिम्मत नहीं हो पाई. अपने आंसुओं को किसी तरह रोककर बहाने से भाभी और बच्चों को लेकर गांव पहुंचा.

बेटे का जन्मदिन मनाकर भाई ड्यूटी पर लौटे थे : पारस ने बताया कि गांव पहुंचते ही चीख-पुकार की आवाज भाभी के कानों तक पहुंची तो वह चीख पड़ीं. इसके बाद बच्चे भी रोने लगे. इस पर मैंने भाभी को बताया कि भैया शहीद हो गए. 2 दिसंबर को भाई ने तेजस का जन्मदिन मनाया था. उस दौरान वह छुट्टी पर थे. इसके बाद ही वह ड्यूटी पर लौटे थे.

मां बोली- पवन को हमेशा रहती थी मेरी फिक्र : बेटे की शहादत पर मां गोमती की आंखों से भी आंसू नहीं रुक रहे. वह रो-रोकर बताती हैं कि पवन हमेशा मेरी तबीयत की चिंता करता था. जब भी फोन करता तो मेरी खोज-खबर जरूर लेता था. अब बेटा चला गया, बहू और उसके बच्चों का चेहरा देखकर और भी रोना आ रहा है. कुछ कहते नहीं बन रहा है.

गांव में हर तरह पवन की शहादत की चर्चा.
गांव में हर तरह पवन की शहादत की चर्चा. (Photo Credit; ETV Bharat)

वहीं आसपास के सभी समाजसेवी व जनप्रतिनिधि शहीद के घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं. गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है. गांव के लोगों के अनुसार पवन बेहद जिम्मेदार थे. वह परिवार के अलावा देश सेवा के प्रति भी पूरी तरह समर्पित थे. ग्रामीणों को उनकी शहादत पर गर्व है.

अब जानिए घटनाक्रम के बारे में : पवन यादव की तैनाती कुछ समय पहले प्रयागराज में थी. यहां के बाद उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में हो गई थी. शनिवार को वह सेना के अन्य जवानों के साथ ट्रक से जा रहे थे. इस दौरान शनिवार की दोपहर बांदीपोरा में बर्फबारी के दौरान ट्रक बेकाबू होकर खाई में गिर गया. हादसे में कुल 4 जवान शहीद हो गए थे. इनमें से एक पवन यादव भी थे. जबकि घायल कई जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया है.

यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में कानपुर का जवान शहीद, खाई में गिरा सेना का ट्रक, आज देर रात गांव पहुंचेगा शव

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