ETV Bharat / state

21 साल बाद इंसाफ, छात्र नेता की हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा - kanpur court latest decision

21 साल बाद छात्र नेता की हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला सामने आया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

etv bharat
etv bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 1:16 PM IST

कानपुर: छात्रसंघ चुनाव की रंजिश में 21 साल पहले बर्रा थाना क्षेत्र में डीबीएस कालेज के छात्रनेता टोनी यादव की सरेआम हत्या कर दी गई थी. उस मामले में 21 साल बाद अपर जिला जज प्रथम राजेश चौधरी ने आरोपी सत्यप्रकाश द्विवेदी को उम्रकैद व 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. आदेश में यह भी कहा गया है कि जुर्माने की रकम से 10 हजार रुपये मृतक के भाई को मिलेंगे. कोर्ट ने 21 मार्च को सत्यप्रकाश को दोषी करार दिया था, जबकि आरोपी प्रतिद्वंदी छात्रनेता, उसके भाई व पिता को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया था. कानपुर में इस मामले की चर्चा जोरों पर थी. दरअसल, जब छात्रनेता टोनी यादव की हत्या हुई थी, तो चश्मदीद बताते हैं कि खुलेआम छात्रों व अराजक तत्वों ने गोलियां व बम चलाए थे. इसके बाद कानपुर में स्थिति नियंत्रित करने के लिए छात्र कर्फ्यू भी लगाया गया था। भाजपा नेता मनोज सिंह ने बताया कि 26 अगस्त 2002 को छात्रनेता टोनी यादव की हत्या हुई थी.

अचानक झगड़ा शुरू हो गया था: 2002 में डीबीएस कालेज छात्रसंघ चुनाव के दौरान भाजपा नेता मनोज सिंह व संदीप ठाकुर चुनाव लड़ रहे थे. बर्रा के चर्चित गुंजन स्वीट हाउस के सामने अचानक ही दोनों गुट आमने-सामने हो गए थे. इसके बाद दोनों गुटों की ओर से छात्र नेताओं ने पत्थरबाजी शुरू की फिर, थोड़ी देर में छात्र नेता टोनी यादव का विवाद संदीप के गनर एसपी द्विवेदी से हो गया. आपसी खींचतान में एसपी द्विवेदी से गोली चली और उस गोली से टोनी यादव की मौत हो गई थी. इसके बाद तो छात्रों ने आक्रोशित होकर जमकर गोलियां व बम चलाए थे. पूरे मामले की जानकारी तत्कालीन सीएम तक भेजी गई थी जबकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव व सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने टोनी यादव के घर पहुंचकर परिजनों के बीच शोक जताया था.

कानपुर: छात्रसंघ चुनाव की रंजिश में 21 साल पहले बर्रा थाना क्षेत्र में डीबीएस कालेज के छात्रनेता टोनी यादव की सरेआम हत्या कर दी गई थी. उस मामले में 21 साल बाद अपर जिला जज प्रथम राजेश चौधरी ने आरोपी सत्यप्रकाश द्विवेदी को उम्रकैद व 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. आदेश में यह भी कहा गया है कि जुर्माने की रकम से 10 हजार रुपये मृतक के भाई को मिलेंगे. कोर्ट ने 21 मार्च को सत्यप्रकाश को दोषी करार दिया था, जबकि आरोपी प्रतिद्वंदी छात्रनेता, उसके भाई व पिता को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया था. कानपुर में इस मामले की चर्चा जोरों पर थी. दरअसल, जब छात्रनेता टोनी यादव की हत्या हुई थी, तो चश्मदीद बताते हैं कि खुलेआम छात्रों व अराजक तत्वों ने गोलियां व बम चलाए थे. इसके बाद कानपुर में स्थिति नियंत्रित करने के लिए छात्र कर्फ्यू भी लगाया गया था। भाजपा नेता मनोज सिंह ने बताया कि 26 अगस्त 2002 को छात्रनेता टोनी यादव की हत्या हुई थी.

अचानक झगड़ा शुरू हो गया था: 2002 में डीबीएस कालेज छात्रसंघ चुनाव के दौरान भाजपा नेता मनोज सिंह व संदीप ठाकुर चुनाव लड़ रहे थे. बर्रा के चर्चित गुंजन स्वीट हाउस के सामने अचानक ही दोनों गुट आमने-सामने हो गए थे. इसके बाद दोनों गुटों की ओर से छात्र नेताओं ने पत्थरबाजी शुरू की फिर, थोड़ी देर में छात्र नेता टोनी यादव का विवाद संदीप के गनर एसपी द्विवेदी से हो गया. आपसी खींचतान में एसपी द्विवेदी से गोली चली और उस गोली से टोनी यादव की मौत हो गई थी. इसके बाद तो छात्रों ने आक्रोशित होकर जमकर गोलियां व बम चलाए थे. पूरे मामले की जानकारी तत्कालीन सीएम तक भेजी गई थी जबकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव व सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने टोनी यादव के घर पहुंचकर परिजनों के बीच शोक जताया था.

ये भी पढ़ेंः जोश में गड़बड़ी कर बैठे भाजपा कार्यकर्ता, प्रत्याशी की जगह दूसरे को पहना दी फूल-माला, देखें VIDEO

ये भी पढ़ेंः 2024 का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण अप्रैल में; 50 साल बाद बना अद्भुत योग, 5 मिनट तक दिखाई देगा - Solar Eclipse 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.