कांकेर : कांकेर के एक राइस मिल में झारखंड के युवक ने वहां की एक नाबालिग युवती को हवस का शिकार बनाया था.जिसके बाद आरोपी को पुलिस ने 10 मई को गिरफ्तार किया. तब से सवाल उठने लगे थे कि आखिर राइस मिल में नाबालिक युवती से काम कैसे लिया जा रहा था. प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग का संयुक्त जांच टीम गठित की.
राइस मिल में नहीं है कोई सुविधा : महिला एवं बाल विकास और श्रम विभाग की टीम जांच के लिए राइस मिल पहुंची. जहां जांच टीम के अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों को रहने के लिए कोई सुविधा नही है. प्रसाधन के कोई साधन मौजूद नही हैं. एक ही कमरे में महिला- पुरुष मजदूरों को रहना पड़ता है. जांच टीम में शामिल महिला एवं बाल विभाग के जांच अधिकारी राकेश कौशिक ने बताया कि राइस मिल में जांच के लिए आए हैं. यहां काम बंद है और राइस मिल के मालिक भी मौजूद नही हैं. जहां मजदूरों को रखा जाता है उसकी व्यवस्था देखी यहां पर किसी प्रकार की व्यवस्था नही है.किसी प्रकार का कोई रजिस्टर नही है.इस संबंध में जांच कर पंचनामा बनाया जा रहा है.आ
''14 से 18 साल के बीच के बच्चों से काम नहीं लिया जाना है. 14 से कम वालों से भी काम नहीं कराना है. जो काम कराता है उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही किया जाता है. इस पूरे प्रकरण में न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत कर न्यायालय कार्रवाई करेगा.'' तोषण तिवारी,अधिकारी श्रम विभाग
नाबालिग के साथ हुआ था दुष्कर्म : आपको बता दें कि कांकेर स्थित एक राइस मिल में काम करने पहुंची नाबालिग से आधी रात को मिल के एक कमरे में दुष्कर्म की घटना हुई थी. नाबालिग आदिवासी लड़की को बहला-फुसला कर काम में रखा गया था. इस मामले के बाद जिले के अधिकांश राइस मिल के अलावा ईट भट्टे, होटल, टेंट हाऊस, गैरेज और अन्य संस्थानों में सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं. बड़े पैमाने पर इसी तरह नाबालिग काम कर रहे हैं. संस्थानों में बाल मजदूर नहीं होने का जरूर बोर्ड चस्पा किया गया है, लेकिन वहां बाल मजदूरी कराई जा रही है.