धर्मशाला: धौलाधार की तलहटी में बसे धर्मशाला की शांत वादियों में बीते पांच दिनों से चल रहा उत्सव का शोर कांगड़ा वैली कार्निवल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या के साथ बुधवार को थम गया. अंतिम सांस्कृतिक संध्या में देश-प्रदेश के नामी कलाकारों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी और दर्शकों को आजीवन न भूलने वाली सुनहरी यादें दे गए.
कार्निवल में सतिंदर सरताज का चला जादू
वहीं, लास्ट स्टार नाइट सुरों के सरताज और पंजाब के मशहूर गायक सतिंदर सरताज के नाम रही. सतिंदर सरताज की मखमली आवाज ने कांगड़ा वैली कार्निवल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या को सबके लिए यादगार बना दिया. सरताज के गीतों ने माहौल को खुशनुमा बना दिया. इस दौरान दर्शकों में भी भारी उत्साह देखने को मिला. बड़ी संख्या में दर्शक सतिंदर सरताज को सुनने के लिए कार्निवल में इकट्ठा हुए. सतिंदर सरताज ने भी कार्निवल में अपनी आवाज के जादू का बखूबी जलवा बिखेरा.
दिव्यांग कलाकारों ने दी बेहतरीन प्रस्तुति
वहीं, कांगड़ा वैली कार्निवल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में भारत और हिमाचल के भव्य दर्शन कराता ड्रोन शो आकर्षण का केंद्र रहा. अंतिम सांस्कृतिक संध्या में हिमाचल के विख्यात हास्य कलाकार विशाल शर्मा (इनसेन कॉमिक) ने अपने देसी पहाड़ी स्टाइल से सबको खिलखिलाकर हंसने पर मजबूर कर दिया. इसके अलावा दिव्यांग कलाकारों का ग्रुप ‘वी आर वन’ द्वारा ‘डांसिंग व्हील्स’ की उम्दा प्रस्तुति दी गई. जिसने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया.
केरल के बैंड की परफॉर्मेंस हुई कैंसिल
कार्निवल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में केरल के थाईक्कुडम ब्रिज बैंड की प्रस्तुति होनी थी, जो कि नहीं हो पाई, क्योंकि बैंड के मुख्य गायक को रिहर्सल करते हुए माइक से करंट लग गया और वो बेहोश हो गया. जिसके बाद कलाकार को अस्पताल पहुंचाया गया. इन सबके बीच बैंड की परमार्मेंस कार्निवल में नहीं हो पाई.
अंतिम दिन कुलदीप पठानिया पहुंचे बतौर मुख्यातिथि
कांगड़ा वैली कार्निवल की पांचवीं व अंतिम सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कार्निवल के भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि कांगड़ा घाटी और यहां की असीम सुंदरता विश्वभर के पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है. कांगड़ा के धार्मिक स्थल, सुंदर वादियां और शांत पहाड़ सभी पर्यटक को आकर्षित करते हैं.
'उभरती प्रतिभाओं के लिए बेहतरीन अवसर'
कुलदीप पठानिया ने कहा, "प्रदेश सरकार ने जिला कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की है. इस प्रकार के आयोजनों से यहां पर्यटन की ओर संभावना विकसित होंगी. इसके अलावा कांगड़ा वैली कार्निवल प्रदेश की उभरती प्रतिभाओं के लिए एक सुंदर अवसर लेकर आया है. प्रदेश भर से आए सैंकड़ों युवाओं ने यहां अपनी कला और प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इन युवाओं को अपने राज्य में ही इतना बड़ा मंच मिलने से एक नई पहचान मिली है." पठानिया ने कहा कि यहां कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलने के साथ कार्निवल ने अनेक लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध करवाए हैं.