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कंगना रनौत ने क्यों कहा- "मुझे खेद है अपने शब्द वापस लेती हूं", पार्टी के किनारा करने के बाद आया बयान - Kangana Ranaut

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Kangana Ranaut withdraws remarks on her Farm Laws Statement: कंगना रनौत ने अपने एक बयान को लेकर खेद जताया है और कहा है कि वो अपने शब्द वापस लेती है. कंगना का ये बयान तब आया है जब बीजेपी ने उनसे एक महीने में दूसरी बार किनारा किया है और उन्हें हिदायत भी दी है. आखिर क्या है पूरा मामला, पढ़ें

कंगना रनौत
कंगना रनौत (File Photo)

शिमला: "अगर मैंने अपने शब्दों और सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं". ये बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत का सबसे ताजा बयान है. सवाल है कि आखिर कंगना ने ऐसा क्या कहा था कि उन्हें अपने शब्द वापस लेने के साथ-साथ खेद जताना पड़ रहा है. हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत बैकफुट पर क्यों हैं ?

बीजेपी ने फिर किया कंगना से किनारा

गौरतलब है बीते एक महीने में दूसरी बार कंगना रनौत के बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है. दरअसल बीते दिनों कंगना ने कृषि कानूनों को फिर से वापस लाने की वकालत करते हुए कहा था कि "किसानों के हित के लिए कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. इसके लिए किसानों को ही आगे आना पड़ेगा."

कंगना के इस बयान को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि ये बयान कंगना रनौत का व्यक्तिगत बयान है और भारतीय जनता पार्टी की ओर से ना कंगना रनौत ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत हैं और ना ही उनका बयान जो पार्टी की सोच है तीन कृषि कानूनों को लेकर उसको दर्शाता है. इसलिये उस बयान का हम खंडन करते हैं"

कंगना ने जताई थी विवाद होने की आशंका

दरअसल कृषि कानून वापस लाने की पैरवी करते हुए कंगना ने कहा था कि "हो सकता है ये विवादित बयान हो लेकिन किसान हमारे देश के विकास का प्रमुख हिस्सा हैं. केवल कुछ एक राज्यों ने इन कृषि कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी. मैं किसानों से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि इन कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए वह खुद आगे आएं और इनकी मांग करें."

पार्टी ने किया किनारा तो कंगना ने जताया खेद

पार्टी के किनारा करने के बाद कंगना रनौत ने बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया के बयान को लेकर अपने X हैंडल पर लिखा कि "बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं"

इसके बाद कंगना रनौत ने 1 मिनट 8 सेकेंड का वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि "बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर कुछ सवाल किए थे. मैंने ये सुझाव दिए कि किसानों को कृषि कानून वापस लाने का पीएम मोदी से निवेदन करना चाहिए. मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं. जब कृषि कानून लाए गए थे तो बहुत सारे लोगों ने उनका समर्थन किया था लेकिन बड़ी ही संवेदनशीलता और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री ने वो कानून वापस ले लिये थे. ये हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें. मुझे ये बात भी ध्यान रखनी होगी कि मैं अब एक कलाकार नहीं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरे ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए. अगर मैंने अपने शब्दों और सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं."

कंगना रनौत ने कहा मुझे खेद है, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं
कंगना रनौत ने कहा मुझे खेद है, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं (Kangana Ranaut)

पार्टी पहले भी कर चुकी है किनारा

दरअसल ये पहली बार नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सांसद कंगना रनौत के बयान से किनारा किया हो. करीब एक महीने पहले भी कृषि कानूनों को लेकर दिए गए एक बयान पर बीजेपी ने उनके बयान से असहमति जताई थी और नीतिगत विषयों पर ना बोलने और इस तरह के बयान ना देने की हिदायत भी दी थी.

बीजेपी ने पहले भी किया था कंगना रनौत से किनारा
बीजेपी ने पहले भी किया था कंगना रनौत से किनारा (BJP)

तब कंगना ने क्या कहा था ?

करीब एक महीने पहले कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था. कंगना ने कहा था कि "जैसा बांग्लादेश में हुआ, वैसा यहां भी (भारत) में भी होते देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर इतना सशक्त नहीं होता. यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे और जब किसानों की हितकारी बिल को वापस लिया गया था, तब पूरा देश चौक गया था. वो किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि बिल वापस होगा. ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ. इस तरह की षड्यंत्र के पीछे चीन और अमेरिका जैसी विदेशी ताकतें हैं, जो यहां काम कर रही है".

ये भी पढ़ें: "50-50 साल तक चल रहा प्रियंका और राहुल गांधी का बचपन, हमारा 15 साल में भी नहीं था"

ये भी पढ़ें: "हम आपदा फंड देते हैं, तो यह सीएम राहत कोष में नहीं, सोनिया गांधी के खाते में जाता है"

ये भी पढ़ें: "2014 में आजादी मिली, देश के पहले पीएम सुभाष चंद्र बोस थे, कोई अनपढ़ ही ऐसी बातें कर सकता है", कंगना पर कांग्रेस का हमला

शिमला: "अगर मैंने अपने शब्दों और सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं". ये बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत का सबसे ताजा बयान है. सवाल है कि आखिर कंगना ने ऐसा क्या कहा था कि उन्हें अपने शब्द वापस लेने के साथ-साथ खेद जताना पड़ रहा है. हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत बैकफुट पर क्यों हैं ?

बीजेपी ने फिर किया कंगना से किनारा

गौरतलब है बीते एक महीने में दूसरी बार कंगना रनौत के बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है. दरअसल बीते दिनों कंगना ने कृषि कानूनों को फिर से वापस लाने की वकालत करते हुए कहा था कि "किसानों के हित के लिए कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. इसके लिए किसानों को ही आगे आना पड़ेगा."

कंगना के इस बयान को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि ये बयान कंगना रनौत का व्यक्तिगत बयान है और भारतीय जनता पार्टी की ओर से ना कंगना रनौत ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत हैं और ना ही उनका बयान जो पार्टी की सोच है तीन कृषि कानूनों को लेकर उसको दर्शाता है. इसलिये उस बयान का हम खंडन करते हैं"

कंगना ने जताई थी विवाद होने की आशंका

दरअसल कृषि कानून वापस लाने की पैरवी करते हुए कंगना ने कहा था कि "हो सकता है ये विवादित बयान हो लेकिन किसान हमारे देश के विकास का प्रमुख हिस्सा हैं. केवल कुछ एक राज्यों ने इन कृषि कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी. मैं किसानों से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि इन कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए वह खुद आगे आएं और इनकी मांग करें."

पार्टी ने किया किनारा तो कंगना ने जताया खेद

पार्टी के किनारा करने के बाद कंगना रनौत ने बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया के बयान को लेकर अपने X हैंडल पर लिखा कि "बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं"

इसके बाद कंगना रनौत ने 1 मिनट 8 सेकेंड का वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि "बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर कुछ सवाल किए थे. मैंने ये सुझाव दिए कि किसानों को कृषि कानून वापस लाने का पीएम मोदी से निवेदन करना चाहिए. मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं. जब कृषि कानून लाए गए थे तो बहुत सारे लोगों ने उनका समर्थन किया था लेकिन बड़ी ही संवेदनशीलता और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री ने वो कानून वापस ले लिये थे. ये हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें. मुझे ये बात भी ध्यान रखनी होगी कि मैं अब एक कलाकार नहीं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरे ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए. अगर मैंने अपने शब्दों और सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं."

कंगना रनौत ने कहा मुझे खेद है, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं
कंगना रनौत ने कहा मुझे खेद है, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं (Kangana Ranaut)

पार्टी पहले भी कर चुकी है किनारा

दरअसल ये पहली बार नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सांसद कंगना रनौत के बयान से किनारा किया हो. करीब एक महीने पहले भी कृषि कानूनों को लेकर दिए गए एक बयान पर बीजेपी ने उनके बयान से असहमति जताई थी और नीतिगत विषयों पर ना बोलने और इस तरह के बयान ना देने की हिदायत भी दी थी.

बीजेपी ने पहले भी किया था कंगना रनौत से किनारा
बीजेपी ने पहले भी किया था कंगना रनौत से किनारा (BJP)

तब कंगना ने क्या कहा था ?

करीब एक महीने पहले कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था. कंगना ने कहा था कि "जैसा बांग्लादेश में हुआ, वैसा यहां भी (भारत) में भी होते देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर इतना सशक्त नहीं होता. यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे और जब किसानों की हितकारी बिल को वापस लिया गया था, तब पूरा देश चौक गया था. वो किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि बिल वापस होगा. ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ. इस तरह की षड्यंत्र के पीछे चीन और अमेरिका जैसी विदेशी ताकतें हैं, जो यहां काम कर रही है".

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