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कंगना हाजिर हो! सांसद को बड़बोलापन फिर पड़ा भारी, इस बयान को लेकर MP हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

कंगना रनौत को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. पूर्व में दिए गए उनके बयान को लेकर ये नोटिस जारी किया गया है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 40 minutes ago

कंगना को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से नोटिस
कंगना को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से नोटिस (सोशल मीडिया)

शिमला: अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाली बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनके एक बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा है. अब अपने बयान पर उन्हें अदालत में सफाई देना होगी.

कंगना रनौत ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि 'भारत को 1947 में आजादी संघर्ष नहीं बल्कि भीख में मिली थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एडवोकेट अमित कुमार साहू ने इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए कंगना रनौत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अमित कुमार साहू ने अपनी याचिका में कहा कि, 'कंगना ने जो बयान दिया है वो बेहद आपत्तिजनक है. ये कहीं से भी ठीक नहीं है. भारत की आजादी के लिए लोगों ने बलिदान दिए हैं. हर जाति, धर्म के लोगों ने इसके लिए संघर्ष किया है. भारत की आजादी का लंबा संघर्ष और इतिहास रहा है. ऐसे में कंगना ऐसा कैसे कह सकती हैं कि आजादी भीख में मिली.'

5 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

अमित कुमार साहू की याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. कंगना रनौत को कोर्ट ने रजिस्टर्ड नोटिस जारी किया है. कंगना से जवाब मांगा गया है कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया. अमित कुमार साहू ने कहा कि, 'कंगना रोल मॉडल हैं उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था.' मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.'

'2014 में मिली आजादी'

भाजपा सांसद ने कहा था कि 'असली आज़ादी 2014 में मिली, जो आजादी 1947 मिली वो भीख थी. उसके बाद कांग्रेस सरकार भी अंग्रेजों का ही विस्तार थी. देश को असल आजादी 2014 के बाद मिली.' इस बयान को लेकर 2021 में, एडवोकेट अमित साहू ने 2021 में अधारताल पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत के बाद एक याचिका दायर की, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने मामले को अदालत में ले जाने का फैसला किया.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध

कंगना रनौत के इस बयान के बाद काफी हंगामा हो गया था. कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री नसीम खान ने एक्ट्रेस पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग उठाई थी. तत्कालीन बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी कंगना के इस बयान की आलोचना की थी. कंगना के बयाने के बाद मुंबई में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बयान के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.

फिल्म इमरजेंसी को लेकर हुआ था नोटिस जारी

इस मामले में कंगना रनौत से जवाब मांगा गया है. कंगना रनौत के हिमाचल प्रदेश के पते पर नोटिस भेजा गया है. अब देखना है इस मामले में कंगना रनौत की ओर से क्या जवाब आता है. इसके पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को लेकर नोटिस हुए थे, जिसमें सिख समुदाय ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग की थी.

ये भी पढ़ें: कंगना को पंजाबी गायक जसबीर जस्सी ने दे डाली खुलेआम 'धमकी', मुंह बंद नहीं किया तो...

ये भी पढ़ें: HAS ओशिन शर्मा को नई जिम्मेदारी, सुक्खू सरकार ने 12 अफसरों की ट्रांसफर के साथ की पोस्टिंग

शिमला: अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाली बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनके एक बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा है. अब अपने बयान पर उन्हें अदालत में सफाई देना होगी.

कंगना रनौत ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि 'भारत को 1947 में आजादी संघर्ष नहीं बल्कि भीख में मिली थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एडवोकेट अमित कुमार साहू ने इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए कंगना रनौत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अमित कुमार साहू ने अपनी याचिका में कहा कि, 'कंगना ने जो बयान दिया है वो बेहद आपत्तिजनक है. ये कहीं से भी ठीक नहीं है. भारत की आजादी के लिए लोगों ने बलिदान दिए हैं. हर जाति, धर्म के लोगों ने इसके लिए संघर्ष किया है. भारत की आजादी का लंबा संघर्ष और इतिहास रहा है. ऐसे में कंगना ऐसा कैसे कह सकती हैं कि आजादी भीख में मिली.'

5 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

अमित कुमार साहू की याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. कंगना रनौत को कोर्ट ने रजिस्टर्ड नोटिस जारी किया है. कंगना से जवाब मांगा गया है कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया. अमित कुमार साहू ने कहा कि, 'कंगना रोल मॉडल हैं उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था.' मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.'

'2014 में मिली आजादी'

भाजपा सांसद ने कहा था कि 'असली आज़ादी 2014 में मिली, जो आजादी 1947 मिली वो भीख थी. उसके बाद कांग्रेस सरकार भी अंग्रेजों का ही विस्तार थी. देश को असल आजादी 2014 के बाद मिली.' इस बयान को लेकर 2021 में, एडवोकेट अमित साहू ने 2021 में अधारताल पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत के बाद एक याचिका दायर की, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने मामले को अदालत में ले जाने का फैसला किया.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध

कंगना रनौत के इस बयान के बाद काफी हंगामा हो गया था. कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री नसीम खान ने एक्ट्रेस पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग उठाई थी. तत्कालीन बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी कंगना के इस बयान की आलोचना की थी. कंगना के बयाने के बाद मुंबई में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बयान के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.

फिल्म इमरजेंसी को लेकर हुआ था नोटिस जारी

इस मामले में कंगना रनौत से जवाब मांगा गया है. कंगना रनौत के हिमाचल प्रदेश के पते पर नोटिस भेजा गया है. अब देखना है इस मामले में कंगना रनौत की ओर से क्या जवाब आता है. इसके पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को लेकर नोटिस हुए थे, जिसमें सिख समुदाय ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग की थी.

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