रामपुर बुशहर: 31 जुलाई की रात को समेज गांव में बादल फटने के बाद हर तरफ तबाही के निशान थे. धरती पर आया सैलाब तो धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन लोगों की आंखों से आंसुओं का सैलाब अब भी नहीं थम रहा है. बादल फटने के बाद आए सैलाब में पूरे पूरे परिवारों को मलबा एक पल में निगल गया. हसंती खेलती जिंदगियां एक दम से खामोश हो गईं. खूबसूरत सा दिखने वाले समेज गांव में अब नदियों के पानी और लोगों की सिसकियों का शोर है.
रामपुर के कांदरी गांव के जयसिंह की पत्नी कल्पना भी अपने दो बच्चों के साथ समेज गांव में रहती थी. कल्पना यहां पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में काम करती थी. कल्पना के दो बच्चे भी उनके साथ रहते थे, 31 जुलाई के बाद कल्पना भी अपनी सात साल की बेटी और तीन साल के बेटे के साथ लापता है. कल्पना का पति कुछ कार्य से घर से बाहर गए थे, जिस कारण उनकी जान बच गई.
कल्पना ने इस घटना के एक दिन पहले ही इंस्टाग्राम पर वीडियो सोशल मीडिया पर डाली थी. इस वीडियो पर कल्पना कुछ ऐसी बात कह दी जो सच हो गई. कल्पना ने इंस्टाग्राम वीडियो में बैकग्राउंड ऑडियो के साथ लिपसिंग करते हुए कहा, 'मैं अपनी जान के साथ इतना बड़ा रिस्क नहीं ले सकती अगर कहीं मौत आ गई तो! मैंने अभी तो जिंदगी में कुछ नहीं देखा.' कल्पना ने ये वीडियो हादसे के कुछ घंटे पहले ही इंस्टाग्राम पर डाला था.
कुदरत के कहर ने हंसते खेलते इस परिवार को उजाड़ कर रख दिया है. कल्पना के पति जयसिंह अब अकेले इस दुनिया मे रह गए हैं. उनके पास अब सिवाय यादों के कुछ नहीं बचा है. वह रामपुर में ठेकेदार का कार्य करते हैं और कल्पना हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत थी. दोनों परिवार के साथ खुश थे, लेकिन अचानक प्राकृतिक आपदा ने एक रात में ही सबकुछ खत्म कर दिया.