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हे भगवान.. ये बिहार में ही हो सकता है, सरकार ने 200 घरों के लिए बनवाया चचरी पुल, आफत में फंसी जान - CHACHARI BRIDGE

Chachari Bridge in Kaimur: बिहार में आए दिन पानी में डूबने से मौत की खबर आ रही है. ऐसे में हम आपको कैमूर जिले के मोहनिया वार्ड 15 स्थित इस्लामगंज मोहल्ला की कहानी बता रहे हैं. यह चचरी पुल नदी पर नहीं बना है. जबकि जलजमाव के कारण लोग अपने घर तक सही सलामत पहुंच जाए इस लिए चचरी का निर्माण कराया गया है. दुख की बात यह है कि इलाके के लोग चंदा जमा कर खुद से इस चचरी पुल को बनाते हैं.

कैमूर में चचरी पुल
कैमूर में चचरी पुल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 25, 2024, 5:06 PM IST

Updated : Aug 25, 2024, 5:40 PM IST

चचरी पुल से आर पार होते लोग (ETV Bharat)

कैमूर: भभुआ : बिहार भी कमाल है, कहीं खेतों में पुल बना दिए जाते हैं तो कहीं बिना सड़क के ही पुल खड़ा कर दिया जाता है. लेकिन बिहार का कैमूर उतना खुशनसीब नहीं है. यहां के एक मोहल्ले के 200 घरों के लोग आवागमन को लेकर परेशान हैं. नदी में पानी बढ़ते ही या बारिश की वजह से वाटर लॉगिंग होने के चलते पूरा मोहल्ला पानी से भर जाता है. लोगों को लगभग कई महीने इसी हाल में गुजारना पड़ता है. पिछले 10 साल से ये लोग टायर और ट्यूब के सहारे अपने ही मोहल्ले को आर-पार करते थे लेकिन अब नगर पंचायत की 'रहमदिली' है कि उन्होंने यहां पर एक चचरी पुल बनवा दिया है.

चचरी पुल पारकर घर जाते है लोग: भले ही मोहनिया शहर को नगर पंचायत का दर्जा मिले 10 वर्ष से अधिक हो गया है, लेकिन आज भी मोहनिया शहर में स्थित कई वार्डों की व्यवस्था गांव से भी बदतर है. सबसे हैरान करनेवाली तस्वीर मोहनिया वार्ड 15 स्थित इस्लामगंज की है. जहां सड़क के अभाव व जलजमाव को लेकर लोग बांस के बने चचरी से होकर घरों तक जाते है. वार्डों में 10 वर्ष बाद भी किस कदर का विकास किया जा गया है. इसकी बानगी बांस का बने चचरी पुल ही बयां कर रहा है.

"मोहनिया के वार्ड नं 15 में सही रास्ता नहीं होने के कारण लोग बांस से पाने पुल पर से होकर के जाते हैं. अगर कोइ बीमार पड़ गया तो उसे चारपाई पर लादकर लोग इलाज कराने के लिए जाते हैं. सबसे ज्यादा तखलीफ पढ़ने वाले बच्चों को होता है जो इसी पुल से होकर पढ़ने जाते हैं. जिससे परिजनों मे डर बना रहता है कि कहीं बच्चें गिर ना जाएं, यही नहीं यह पुल बिच से टूट गया है जिसके कारण लोग गिर जाते हैं जिसने हाथ पैर भी टूट जाता है."- डॉक्टर जावेद अख्तर

कुछ इस तरह घर से आते जाते है लोग
कुछ इस तरह घर से आते जाते है लोग (ETV Bharat)

200 घरों के लोग रोज करते हैं पुल को पार: सबसे अधिक परेशानी बाइक एवं चार चक्कावाले लोगों को होती है, जो लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पाता है. नगर पंचायत के गठन होने के 10 वर्ष बाद भी 200 घरों के लोग चचरी पुल के सहारे अपने घरों तक जाने को मजबूर है. बता दें कि मोहनिया भभुआ रोड के पश्चिम वार्ड नंबर 15 इसलामगंज मोहल्ला स्थित है जिसकी आबादी करीब 4000 है.लेकिन आज भी मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है.

"पहले लोग नाव के सहारे घर जाते थे. नगर पंचायत मोहनिया के द्वारा बांस के चचरी का पुल बनाया गया है, फिल्हाल बोर्ड के बैठक में यह रास्ता पास हो गया है जैसे ही बरसात खत्म होगा तो उसपर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया जायेगा." -सुधांशु कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत मोहनिया

कार और बाइक लेकर नहीं पहुंच पाते हैं लोग: वहीं वार्ड 15 के प्रतिनिधि इम्तियाज अंसारी ने बताया कि हर साल बारिश के दिनों में यहां जलजमाव हो जाता है. किसको लेकर काफी परेशानी होती है. पानी की निकासी करने में कई दिन लग जाता है. इस समस्या के निदान को लेकर कई बार नगर पंचायत की बोर्ड की बैठक में किया गया है. लेकिन अभी तक इसका कोई निदान नहीं निकला. जिसके कारण घर तक वाहन नहीं आ पाता है. सड़क पर ही गाड़ी को खड़ा करना पड़ता है.

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चचरी पुल पारकर घर जाते है लोग: भले ही मोहनिया शहर को नगर पंचायत का दर्जा मिले 10 वर्ष से अधिक हो गया है, लेकिन आज भी मोहनिया शहर में स्थित कई वार्डों की व्यवस्था गांव से भी बदतर है. सबसे हैरान करनेवाली तस्वीर मोहनिया वार्ड 15 स्थित इस्लामगंज की है. जहां सड़क के अभाव व जलजमाव को लेकर लोग बांस के बने चचरी से होकर घरों तक जाते है. वार्डों में 10 वर्ष बाद भी किस कदर का विकास किया जा गया है. इसकी बानगी बांस का बने चचरी पुल ही बयां कर रहा है.

"मोहनिया के वार्ड नं 15 में सही रास्ता नहीं होने के कारण लोग बांस से पाने पुल पर से होकर के जाते हैं. अगर कोइ बीमार पड़ गया तो उसे चारपाई पर लादकर लोग इलाज कराने के लिए जाते हैं. सबसे ज्यादा तखलीफ पढ़ने वाले बच्चों को होता है जो इसी पुल से होकर पढ़ने जाते हैं. जिससे परिजनों मे डर बना रहता है कि कहीं बच्चें गिर ना जाएं, यही नहीं यह पुल बिच से टूट गया है जिसके कारण लोग गिर जाते हैं जिसने हाथ पैर भी टूट जाता है."- डॉक्टर जावेद अख्तर

कुछ इस तरह घर से आते जाते है लोग
कुछ इस तरह घर से आते जाते है लोग (ETV Bharat)

200 घरों के लोग रोज करते हैं पुल को पार: सबसे अधिक परेशानी बाइक एवं चार चक्कावाले लोगों को होती है, जो लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पाता है. नगर पंचायत के गठन होने के 10 वर्ष बाद भी 200 घरों के लोग चचरी पुल के सहारे अपने घरों तक जाने को मजबूर है. बता दें कि मोहनिया भभुआ रोड के पश्चिम वार्ड नंबर 15 इसलामगंज मोहल्ला स्थित है जिसकी आबादी करीब 4000 है.लेकिन आज भी मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है.

"पहले लोग नाव के सहारे घर जाते थे. नगर पंचायत मोहनिया के द्वारा बांस के चचरी का पुल बनाया गया है, फिल्हाल बोर्ड के बैठक में यह रास्ता पास हो गया है जैसे ही बरसात खत्म होगा तो उसपर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया जायेगा." -सुधांशु कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत मोहनिया

कार और बाइक लेकर नहीं पहुंच पाते हैं लोग: वहीं वार्ड 15 के प्रतिनिधि इम्तियाज अंसारी ने बताया कि हर साल बारिश के दिनों में यहां जलजमाव हो जाता है. किसको लेकर काफी परेशानी होती है. पानी की निकासी करने में कई दिन लग जाता है. इस समस्या के निदान को लेकर कई बार नगर पंचायत की बोर्ड की बैठक में किया गया है. लेकिन अभी तक इसका कोई निदान नहीं निकला. जिसके कारण घर तक वाहन नहीं आ पाता है. सड़क पर ही गाड़ी को खड़ा करना पड़ता है.

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Last Updated : Aug 25, 2024, 5:40 PM IST
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