रांची: विवादों के बीच राज्य में पिछले साल झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित हुए पीजीटी परीक्षा के चार विषयों का रिजल्ट जारी होने के बाद सफल हुए 1250 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र तो मिल गया. मगर बड़ा सवाल यह है कि इस परीक्षा में दूसरे विषय से परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों का रिजल्ट कब आयेगा. इन सब सवालों के बीच छात्र आंदोलन पर हैं और उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
राजभवन के समक्ष लगातार आंदोलन कर रहे इन अभ्यर्थियों का सब्र का बांध गुरुवार को टूट गया और हाथों में कैंडल लेकर राजधानी की सड़कों पर सरकार से न्याय मांगने के लिए ये परीक्षार्थी निकल पड़े. इन छात्रों को आशंका है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से आचार संहिता लागू होते ही उनकी नियुक्ति प्रक्रिया लटक जाएगी जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा.
कचहरी चौक से शहीद चौक तक कैंडल मार्च निकाल रही पीजीटी शिक्षक अभ्यर्थी पूर्णिमा कुमारी कहती है कि सरकार ने चार विषयों के रिजल्ट प्रकाशित कर उन्हें नियुक्ति पत्र भी दे दिया है और हम सात विषयों के परीक्षार्थी रिजल्ट की आस में सड़क पर मारे-मारे फिर रहे हैं. पीजीटी अंग्रेजी के परीक्षार्थी अरुण कुमार गुप्ता कहते हैं कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द शेष बचे सात विषयों के परीक्षा फल भी प्रकाशित करें नहीं तो आचार संहिता लागू होते ही नियुक्ति प्रक्रिया अगले दो महीना तक बाधित हो जाएगी.
जेएसएससी पीजीटी छात्रों के बीच कहीं खुशी तो कहीं गम की स्थिति
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के द्वारा जेएसएससी पीजीटी के चार विषयों में सफल रहे अभ्यर्थियों को सौंपे जाने के बाद उनकी खुशी शहीद मैदान में देखते ही बन रही थी. वहीं दूसरी ओर इसी परीक्षा में शामिल हुए सात अन्य विषयों के परीक्षार्थियों के चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी. जिन विषयों के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है उसमें भौतिकी, रसायन, बायोलॉजी और भूगोल विषय शामिल है. जबकि हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, वाणिज्य सहित सात विषयों के रिजल्ट आने अभी बाकी हैं.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा प्लस टू शिक्षकों के 3120 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था जिसके तहत पिछले साल 18 अगस्त से 10 सितंबर तक ऑनलाइन परीक्षा आयोजित किया गया था. बहरहाल आंदोलनरत पीजीटी शिक्षक अभ्यर्थी सरकार के उदासीन रवैया से खासे नाराज चल रहे हैं और इसका इजहार राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन आंदोलन के जरिए करने में जुटे हैं.
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