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हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय पर दोहरी मार, सरकारी इंसेटिव बंद, घरेलू बाजार में 18 प्रतिशत जीएसटी - JODHPURS HANDICRAFT

जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय दोहरी मार से गुजर रहा है. एक तो विदेशों में मंदी चल रही है, दूसरा सरकार ने जीएसटी लगा दिया.

Jodhpur's handicraft
जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 25, 2025, 3:25 PM IST

जोधपुर: कोरोना के बाद से धीमी गति से चल रहे हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट को बूस्ट करने और एक्सपोर्ट आइटम को आमजन तक पहुंचाने के लिए पहली बार ईपीसीएच ने एक्सपो को आयोजन किया है. हालांकि, इससे इस उद्योग को राहत मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है. इसकी वजह है स्थानीय खरीददार के लिए इस पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स. व्यापारियों को लगता है कि इस टैक्स से एक्सपोर्ट होने वाले आइटम की कीमत बढ़ जाती है, जिससे अधिकांश घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इसे खरीदना आसान नहीं हैं. यही कारण है कि इसका घरेलू बाजार तैयार नहीं हो पाया.

इधर, हैंडीक्राफ्टस निर्यातक इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि सरकार से मिलने वाले इंसेटिव बंद हो गए. इससे दुनिया के बाजार में प्रतिस्पर्धा करना और ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है. यूरोपीय व अमेरिकी देशों में मंदी के हालात के चलते एक साल में एक्सपोर्ट में कमी भी आई है. निर्यातकों का कहना है कि अभी कुछ समय तक ऐसे ही हालात रहेंगे. वर्ष 2022-23 में जहां जोधपुर से 4700 करोड़ रुपए का हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट हुआ था, वहीं 2023-24 में 4500 करोड़ हुआ है.

जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय (ETV Bharat Jodhpur)

पढ़ें: जोधपुर में शुरू हुआ चार दिवसीय एक्सपो, स्थानीय लोग खरीद सकेंगे पहली बार एक्सपोर्ट होने वाला हैंडीक्राफ्ट

पहले जीरो था, अब 18 प्रतिशत टैक्स: निर्यातक करण सिंह राठौड़ ने बताया कि घरेलू बाजार में पहले टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब 18 प्रतिशत हो गया है. ऐसे में प्रोडक्ट की लागत बहुत ज्यादा बढ़ रही है. ट्रांसपोर्ट लागत में कोई इंसेटिव भी नहीं हैं. हम इस एक्सपो में भी एक्सपोर्ट के आर्डर का प्रयास कर रहे हैं. एक अन्य निर्यातक जिनेश कोठारी ने बताया कि अभी हमारा मार्केट काफी धीमा है. सरकार से उम्मीद है कि वह हमारी मदद करे. इससे कुछ रिलीफ मिलेगी. पहले मिलने वाले सारे इंसेटिव बंद हो गए है. उन्हें सरकार ​​यदि चालू कर दें तो कुछ फायदा हो सकता है.

यह भी पढ़ें:जोधपुर में बनेगा हैंडीक्राफ्ट पार्क, जवाई नहर का होगा जीर्णोद्धार

अब ब्याज पर राहत भी बंद हुई: एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार पहले प्रत्येक कंटेनर पर एक्सपोर्टर को इंसेटिव देती थी. यह योजना बीते सालों में मोदी सरकार ने बंद कर दी थी. अब हाल ही दिसंबर में सरकार ने इंटरेस्ट इक्वाइलेशन स्कीम भी बंद कर दी. इस स्कीम में एक्सपोर्टर को प्री व पोस्ट शिपमेंट एक्सपोर्ट लोन पर ब्याज दर में तीन फीसदी का फायदा होता था. बैंक को यह राशि सरकार रिफंड करती थी, लेकिन 31 दिसंबर से यह योजना बंद कर दी गई. इस छूट से एक्सपोर्टर को काफी फायदा होता था. जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ भरत दिनेश का कहना है कि हमने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को इस स्कीम को वापस बहाल करने की मांग की है.

बता दें कि जोधपुर में पहली बार एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) द्वारा चार दिवसीय डॉमेस्टिक फेयर आर्टिफैक्ट्स का आयोजन किया गया. यह एक्सपो खास तौर पर घरेलू बाजार के लिए आयोजित किया गया है, जिसमें न केवल देशभर के बायर, बल्कि स्थानीय लोग भी अपने पसंदीदा हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीद सकेंगे. इससे जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद जो आमतौर पर सिर्फ एक्सपोर्ट होते थे, अब सीधे आम लोगों तक पहुंच पाएंगे.

जोधपुर: कोरोना के बाद से धीमी गति से चल रहे हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट को बूस्ट करने और एक्सपोर्ट आइटम को आमजन तक पहुंचाने के लिए पहली बार ईपीसीएच ने एक्सपो को आयोजन किया है. हालांकि, इससे इस उद्योग को राहत मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है. इसकी वजह है स्थानीय खरीददार के लिए इस पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स. व्यापारियों को लगता है कि इस टैक्स से एक्सपोर्ट होने वाले आइटम की कीमत बढ़ जाती है, जिससे अधिकांश घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इसे खरीदना आसान नहीं हैं. यही कारण है कि इसका घरेलू बाजार तैयार नहीं हो पाया.

इधर, हैंडीक्राफ्टस निर्यातक इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि सरकार से मिलने वाले इंसेटिव बंद हो गए. इससे दुनिया के बाजार में प्रतिस्पर्धा करना और ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है. यूरोपीय व अमेरिकी देशों में मंदी के हालात के चलते एक साल में एक्सपोर्ट में कमी भी आई है. निर्यातकों का कहना है कि अभी कुछ समय तक ऐसे ही हालात रहेंगे. वर्ष 2022-23 में जहां जोधपुर से 4700 करोड़ रुपए का हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट हुआ था, वहीं 2023-24 में 4500 करोड़ हुआ है.

जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय (ETV Bharat Jodhpur)

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पहले जीरो था, अब 18 प्रतिशत टैक्स: निर्यातक करण सिंह राठौड़ ने बताया कि घरेलू बाजार में पहले टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब 18 प्रतिशत हो गया है. ऐसे में प्रोडक्ट की लागत बहुत ज्यादा बढ़ रही है. ट्रांसपोर्ट लागत में कोई इंसेटिव भी नहीं हैं. हम इस एक्सपो में भी एक्सपोर्ट के आर्डर का प्रयास कर रहे हैं. एक अन्य निर्यातक जिनेश कोठारी ने बताया कि अभी हमारा मार्केट काफी धीमा है. सरकार से उम्मीद है कि वह हमारी मदद करे. इससे कुछ रिलीफ मिलेगी. पहले मिलने वाले सारे इंसेटिव बंद हो गए है. उन्हें सरकार ​​यदि चालू कर दें तो कुछ फायदा हो सकता है.

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अब ब्याज पर राहत भी बंद हुई: एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार पहले प्रत्येक कंटेनर पर एक्सपोर्टर को इंसेटिव देती थी. यह योजना बीते सालों में मोदी सरकार ने बंद कर दी थी. अब हाल ही दिसंबर में सरकार ने इंटरेस्ट इक्वाइलेशन स्कीम भी बंद कर दी. इस स्कीम में एक्सपोर्टर को प्री व पोस्ट शिपमेंट एक्सपोर्ट लोन पर ब्याज दर में तीन फीसदी का फायदा होता था. बैंक को यह राशि सरकार रिफंड करती थी, लेकिन 31 दिसंबर से यह योजना बंद कर दी गई. इस छूट से एक्सपोर्टर को काफी फायदा होता था. जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ भरत दिनेश का कहना है कि हमने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को इस स्कीम को वापस बहाल करने की मांग की है.

बता दें कि जोधपुर में पहली बार एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) द्वारा चार दिवसीय डॉमेस्टिक फेयर आर्टिफैक्ट्स का आयोजन किया गया. यह एक्सपो खास तौर पर घरेलू बाजार के लिए आयोजित किया गया है, जिसमें न केवल देशभर के बायर, बल्कि स्थानीय लोग भी अपने पसंदीदा हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीद सकेंगे. इससे जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद जो आमतौर पर सिर्फ एक्सपोर्ट होते थे, अब सीधे आम लोगों तक पहुंच पाएंगे.

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