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जोधपुर में 'महिला शक्ति' के मेले, धींगा गवर में पूरी रात रहता है महिलाओं का राज - Worship of Women Power

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 6, 2024, 6:32 AM IST

Festivals of Rajasthan, चैत्र मास में जोधपुर में महिला शक्ति के मेलों का शानदार नजारा देखने को मिल रहा है. गणगौर पूजन से इसकी शुरुआत हो चुकी है. वहीं, मतदान के अगले दिन यानी 27 अप्रैल की रात धींगा गवर की धूम रहेगी.

जोधपुर में 'महिला शक्ति' के मेले...
जोधपुर में 'महिला शक्ति' के मेले...

जोधपुर में 'महिला शक्ति' के मेले...

जोधपुर. भारतीय नववर्ष के पहले महीने चैत्र मास में जोधपुर में मेलों की धूम रहेगी. सभी मेले महिला शक्ति को समर्पित होंगे. इसकी शुरुआत हो चुकी है. गणगौर पूजन और घुड़ला से हो चुकी है. इनकी भोलावणी पर मेले होंगे. इसके अलावा फगडा गुड़ला का मेला आयोजित होगा. मतदान के अगले दिन 27 अप्रैल को धींगा गवर का मेला आयोजित होगा. इन सभी मेलों में महिला शक्ति का पूजन और मान को महत्व दिया गया है.

गणगौर पूजन होली के अगले दिन से शुरू होता है. 11 अप्रैल को गणगौर की शोभा यात्रा राखी हाउस से निकलेगी, जो पूरे भीतरी शहर में जाएगी. इसके बाद सोने से लखदख सजी गणगौर को राखी हाउस में विराजमान किया जाएगा, जो 18 अप्रैल केा भोलावणी तक वहीं रहेगी. शीतलाष्टमी से घुड़ला भी शुरू हो गया है.

घुड़ला पूजन में होंगी झांकियां, पुरुष बनेगा स्त्री : गणगौर पूजन के साथ-साथ ही शुक्रवार से घुड]ला पूजन शुरू हो गया है. हर गली-मोहल्ले में इसके आयेाजन शुरू हो गए हैं. महिलाएं व युवतियां घुड़ला लेकर आ चुकी हैं. लगातार इसका पूजन चलेगा. साथ में हर दिन अलग-अलग झांकियां बनाई जाएंगी. जिस तरह से महिलाएं कुम्हार से घुड़ला लेकर आती हैं, उसी तर्ज पर शहर में फगडा घुड़ला कमेटी के पुरुष भी लाते हैं.

पढ़ें : कारीगरी ऐसी कि विदेश में भी डिमांड, जानिए क्यों खास है बीकानेर की 'गणगौर' - Gangaur 2024

कमेटी के प्रीतम शर्मा बताते हैं कि यह क्रम 75 सालों से चल रहा है. 18 अप्रैल को जब भोलावणी होगी तो देर रात को यह मेला होगा, जिसमें विभिन्न झांकियों के साथ एक तरह का कार्निवल निकलता है. इसमें सबसे पीछे एक युवक जो स्त्री का रूप धारण कर चलता है. पुरुष अविवाहित होता है. वह तीन से चार किलो सोने के आभूषण पहने हुए होता है.

धींगा गवर की दिलचस्प कहानी : गणगौर पर्व समाप्त होने के साथ ही भीतरी शहर में पुष्करणा ब्राह्मणों की गणगौर जिसे धींगा गवर कहते हैं, उसका पूजन शुरू होगा. इस पर्व के अंतिम दिन भीतरी शहर में पूरी रात महिलाओं का ही राज रहता हैं. पूरे शहर में महिलाएं अलग-अलग रूप व वेश में निकलती हैंं. हाथ में छड़ी होती है. मान्यता है कि किसी कुंवारे युवक केा अगर छड़ी लग जाए तो उसका जल्द विवाह होता है. इस बार 27 अप्रैल की रात यह मेला आयोजित होगा.

चुनाव में नेताओं को फायदा : चुनाव के दौरान जब गणगौर की शोभा यात्रा मेला, फगड़ा गुड़ला मेला और धींगा गवर मेले आते हैं तो राजनेताओं को एक साथ हजारों लोगों के बीच जाने का मौका मिल जाता है. इतना ही नहीं, गणगौर पूजन में आने वाले दिनों में चुनाव लड़ रहे नेताओं के परिवार की महिलाएं जनसंपर्क करती नजर आती हैं. धींगा गवर इस बार मतदान के अगले दिन है, लेकिन इसकी तैयारियों में ही नेताओं का जनसंपर्क हो जाएगा.

जोधपुर में 'महिला शक्ति' के मेले...

जोधपुर. भारतीय नववर्ष के पहले महीने चैत्र मास में जोधपुर में मेलों की धूम रहेगी. सभी मेले महिला शक्ति को समर्पित होंगे. इसकी शुरुआत हो चुकी है. गणगौर पूजन और घुड़ला से हो चुकी है. इनकी भोलावणी पर मेले होंगे. इसके अलावा फगडा गुड़ला का मेला आयोजित होगा. मतदान के अगले दिन 27 अप्रैल को धींगा गवर का मेला आयोजित होगा. इन सभी मेलों में महिला शक्ति का पूजन और मान को महत्व दिया गया है.

गणगौर पूजन होली के अगले दिन से शुरू होता है. 11 अप्रैल को गणगौर की शोभा यात्रा राखी हाउस से निकलेगी, जो पूरे भीतरी शहर में जाएगी. इसके बाद सोने से लखदख सजी गणगौर को राखी हाउस में विराजमान किया जाएगा, जो 18 अप्रैल केा भोलावणी तक वहीं रहेगी. शीतलाष्टमी से घुड़ला भी शुरू हो गया है.

घुड़ला पूजन में होंगी झांकियां, पुरुष बनेगा स्त्री : गणगौर पूजन के साथ-साथ ही शुक्रवार से घुड]ला पूजन शुरू हो गया है. हर गली-मोहल्ले में इसके आयेाजन शुरू हो गए हैं. महिलाएं व युवतियां घुड़ला लेकर आ चुकी हैं. लगातार इसका पूजन चलेगा. साथ में हर दिन अलग-अलग झांकियां बनाई जाएंगी. जिस तरह से महिलाएं कुम्हार से घुड़ला लेकर आती हैं, उसी तर्ज पर शहर में फगडा घुड़ला कमेटी के पुरुष भी लाते हैं.

पढ़ें : कारीगरी ऐसी कि विदेश में भी डिमांड, जानिए क्यों खास है बीकानेर की 'गणगौर' - Gangaur 2024

कमेटी के प्रीतम शर्मा बताते हैं कि यह क्रम 75 सालों से चल रहा है. 18 अप्रैल को जब भोलावणी होगी तो देर रात को यह मेला होगा, जिसमें विभिन्न झांकियों के साथ एक तरह का कार्निवल निकलता है. इसमें सबसे पीछे एक युवक जो स्त्री का रूप धारण कर चलता है. पुरुष अविवाहित होता है. वह तीन से चार किलो सोने के आभूषण पहने हुए होता है.

धींगा गवर की दिलचस्प कहानी : गणगौर पर्व समाप्त होने के साथ ही भीतरी शहर में पुष्करणा ब्राह्मणों की गणगौर जिसे धींगा गवर कहते हैं, उसका पूजन शुरू होगा. इस पर्व के अंतिम दिन भीतरी शहर में पूरी रात महिलाओं का ही राज रहता हैं. पूरे शहर में महिलाएं अलग-अलग रूप व वेश में निकलती हैंं. हाथ में छड़ी होती है. मान्यता है कि किसी कुंवारे युवक केा अगर छड़ी लग जाए तो उसका जल्द विवाह होता है. इस बार 27 अप्रैल की रात यह मेला आयोजित होगा.

चुनाव में नेताओं को फायदा : चुनाव के दौरान जब गणगौर की शोभा यात्रा मेला, फगड़ा गुड़ला मेला और धींगा गवर मेले आते हैं तो राजनेताओं को एक साथ हजारों लोगों के बीच जाने का मौका मिल जाता है. इतना ही नहीं, गणगौर पूजन में आने वाले दिनों में चुनाव लड़ रहे नेताओं के परिवार की महिलाएं जनसंपर्क करती नजर आती हैं. धींगा गवर इस बार मतदान के अगले दिन है, लेकिन इसकी तैयारियों में ही नेताओं का जनसंपर्क हो जाएगा.

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