रांची: लैंड स्कैम मामले में मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के खिलाफ झामुमो कार्यकर्ताओं का आक्रोशपूर्ण मार्च दूसरे दिन भी जारी रहा. सोमवार को रांची, खूंटी, सिमडेगा, गढ़वा और रामगढ़ के इन पांच जिला कमेटी के झामुमो कार्यकर्ताओं ने रांची के मोरहाबादी मैदान से राजभवन तक आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला और राजभवन के सामने धरना दिया.
जेएमएम के विरोध मार्च में शामिल रीना तिर्की ने कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जेएमएम नेता और कार्यकर्ता इसके खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.
इस दौरान रांची जिला अध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि केंद्र की तानाशाही सरकार के खिलाफ राज्य की जनता, पार्टी कार्यकर्ता और आदिवासी-मूलवासी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झामुमो कार्यकर्ता पूरी तरह से अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से केंद्र सरकार, भाजपा और ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे निदेशालय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और यह कार्यक्रम कल भी जारी रहेगा.
'भाजपा की साजिश नहीं होने देंगे सफल': झामुमो के रांची जिला सचिव डॉ हेमलाल मेहता ने कहा कि जिस तरह से ईडी की मदद से राज्य की एक लोकप्रिय और चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, उसके खिलाफ स्वभाविक गुस्से का प्रकटीकरण रांची की सड़कों पर दिख रहा है. उन्होंने कहा कि झामुमो और राज्य की जनता झारखंड में भाजपा की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगी.
विरोध मार्च के रूट में बदलाव: बता दें कि झामुमो के आक्रोश मार्च का पूर्व निर्धारित रूट में अचानक बदलाव किया गया, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी. बाद में आक्रोश मार्च मोरहाबादी मैदान से कांके रोड मुख्यमंत्री आवास होते हुए राजभवन पहुंचा और वहां आक्रोश मार्च एक आम सभा में तब्दील हो गयी.
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