पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आज 10 अगस्त को दिल्ली से पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर की बात हम नहीं कह रहे थे. कोटा के अंदर कोटे की बात को हम कह रहे है. सबसे बड़ी बात यह था कि अनुसूचित जाति में 21 जाति के लोग हैं उसमें से अभी भी कई जाति के लोग ऐसे हैं जिन्हें आरक्षण का फायदा नहीं मिलता है. इसको लेकर ही हम अपनी बात सबके सामने रखते हैं.
"अभी भी एससी एसटी आरक्षण का लाभ वैसे जातियों को ही मिल रहा है जो समाज में आगे बढ़ चुके हैं जो कि नहीं होना चाहिए. अनुसूचित जाति के अंतर्गत डोम, मुसहर, नट, हलखोर सहित कई जाति के लोग हैं जिन्हें आरक्षण का फायदा अभी तक नहीं मिला है."- जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री
समीक्षा की मांगः जीतन राम मांझी ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने एससी-एसटी आरक्षण को लेकर साफ-साफ कहा है कि हर 10 साल पर इसकी समीक्षा होनी चाहिए. लेकिन इसकी समीक्षा नहीं होती है. अगर बाबा साहब अंबेडकर की बातों को आप मानते हैं तो कहीं ना कहीं एससी एसटी आरक्षण को लेकर भी समीक्षा होनी चाहिए जो कि अब जरूरी है. बता दें कि चिराग पासवान द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की घोषणा पर जीतन राम मांझी ने सवाल उठाया था कि जो बढ़ा है क्या वही बढ़ता रहेगा?
क्या है सुप्रीम कोर्ट के जज का फैसला : एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया. कहा कि एससी एसटी वर्ग के ही ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए राज्य उपवर्गीकरण कर सकते हैं. कोर्ट ने एससी एसटी वर्ग के आरक्षण में से क्रीमीलेयर को चिह्नित कर बाहर किए जाने की जरूरत पर सुझाव दिया है.
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