ETV Bharat / state

बच गई जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा की कुर्सी, अब आगे की रणनीति तैयार करने में जुटे विरोधी पार्षद - JIND ZILA PARISHAD

Jind Zila Parishad: जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा की कुर्सी बच गई है. अविश्वास प्रस्ताव की बैठक स्थगित हो गई है.

Jind Zila Parishad
Jind Zila Parishad (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 14, 2024, 12:26 PM IST

जींद: जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा की कुर्सी बच गई है. शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव की बैठक होनी थी. उससे पहले डीसी अचानक छुट्टी पर चले गए. जिसके चलते बैठक को स्थगित करना पड़ा. इससे मनीषा रंधावा को कुछ समय के लिए फिलहाल राहत मिल गई है. बैठक के रद्द होने की सूचना महज बीस मिनट पहले पार्षदों को भेजी गई. खास बात ये भी रही कि जींद जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा डीआरडीए स्थित अपने कार्यालय में पहुंची, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विरोधी पार्षद नहीं पहुंचे. वहीं विरोधी पार्षद मनीषा रंधवा के खिलाफ फिर से सक्रिय हो गए हैं.

जींद जिला परिषद अध्यक्ष को राहत: 25 सदस्यीय जींद जिला परिषद में 18 पार्षदों ने मनीषा रंधवा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. मनीषा रंधावा को सात पार्षदों का समर्थन है. उसे अविश्वास प्रस्ताव से पार पाने के लिए नौ पार्षदों की जरूरत है. अब फिर अगली मिलने वाली नई तारीख का इंतजार है. विरोधी खेमे के पार्षदों का दावा है कि सभी 18 पार्षद एकजुट हैं. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सभी एकजुट होकर गाड़ी से निकले थे.

स्थगित हुई बैठक: सभी को दोपहर को 12 बजे समय पर सदन में पहुंचना था. महज बीस मिनट पहले बैठक के स्थगित होने की सूचना दी गई. जिसके चलते उन्हें फिर वापस जाना पड़ा. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव बैठक की अध्यक्षता डीसी को करनी थी. जो अचानक छुट्टी पर चले गए. फिर भी कुछ ऊपरी स्तर पर हुआ है. अब वे फिर से रणनीति बनाएंगे और जल्द दूसरी तारीख की मांग करेंगे.

धरी रह गई तैयारियां और विरोधी खेमे की रणनीति: अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डीआरडीए हॉल में सभी तैयारियां की गई थी. जिसमें मतदान की प्रक्रिया भी शामिल थी. अविश्वास प्रस्ताव के मध्यनजर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल को तैनात किया गया था. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अन्य अमला भी तैयार था. बैठक से बीस मिनट पहले डीसी के अचानक छुट्टी चले जाने की बात कहते हुए बैठक को स्थगित कर दिया गया. सूत्रों का कहना है कि विरोधी खेमे में घुसपैठ की संभावना थी. उसी विश्वास के साथ जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा अपने कार्यालय में पहुंची थी.

जेजेपी से कांग्रेस, फिर बीजेपी में शामिल होने पर मचा बवाल: मनीषा रंधावा लगभग दो साल पहले जेजेपी के समर्थन से जिला परिषद की अध्यक्ष बनी थी. उन्होंने भाजपा समर्थक को एक मत से हराया था. उस दौरान सूबे में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार थी. गठबंधन टूट जाने के बाद मनीषा रंधावा कांग्रेस में शामिल हो गई. अब अविश्वास प्रस्ताव उनके खिलाफ आया, तो भाजपा में शामिल होने का दावा किया गया. हाल ही में जिला भाजपा कार्यकारिणी ने उनकी सदस्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

छुट्टी पर चले गए थे डीसी: जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव की तारीख के चलते अपने कार्यालय में आई थी. बैठक से कुछ समय पहले उसे डीसी के छुट्टी होने के चलते स्थगित होने की सूचना मिली. विरोधी पार्षद क्यों नहीं आए, इसके बारे में वे कुछ नहीं कह सकती. एडीसी विवेक आर्य ने बताया कि डीसी मोहमद इमरान रजा अचानक छुट्टी पर चले गए. अविश्वास प्रस्ताव की बैठक उनकी देखरेख में होनी थी. जिसके चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया. अगली तारीख भी जल्द दे दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम को मिलेनियम सिटी बताने पर हाईकोर्ट का सवाल; नगर निगम पर लगाया 50 हजार का जुर्माना - PUNJAB AND HARYANA HIGHCOURT

ये भी पढ़ें- हरियाणा में राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गईं रेखा शर्मा, जांगड़ा के बयान पर बोलीं- महिलाओं के गायब होने की बात पहली बार सुनी - REKHA SHARMA ELECTED

जींद: जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा की कुर्सी बच गई है. शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव की बैठक होनी थी. उससे पहले डीसी अचानक छुट्टी पर चले गए. जिसके चलते बैठक को स्थगित करना पड़ा. इससे मनीषा रंधावा को कुछ समय के लिए फिलहाल राहत मिल गई है. बैठक के रद्द होने की सूचना महज बीस मिनट पहले पार्षदों को भेजी गई. खास बात ये भी रही कि जींद जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा डीआरडीए स्थित अपने कार्यालय में पहुंची, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विरोधी पार्षद नहीं पहुंचे. वहीं विरोधी पार्षद मनीषा रंधवा के खिलाफ फिर से सक्रिय हो गए हैं.

जींद जिला परिषद अध्यक्ष को राहत: 25 सदस्यीय जींद जिला परिषद में 18 पार्षदों ने मनीषा रंधवा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. मनीषा रंधावा को सात पार्षदों का समर्थन है. उसे अविश्वास प्रस्ताव से पार पाने के लिए नौ पार्षदों की जरूरत है. अब फिर अगली मिलने वाली नई तारीख का इंतजार है. विरोधी खेमे के पार्षदों का दावा है कि सभी 18 पार्षद एकजुट हैं. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सभी एकजुट होकर गाड़ी से निकले थे.

स्थगित हुई बैठक: सभी को दोपहर को 12 बजे समय पर सदन में पहुंचना था. महज बीस मिनट पहले बैठक के स्थगित होने की सूचना दी गई. जिसके चलते उन्हें फिर वापस जाना पड़ा. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव बैठक की अध्यक्षता डीसी को करनी थी. जो अचानक छुट्टी पर चले गए. फिर भी कुछ ऊपरी स्तर पर हुआ है. अब वे फिर से रणनीति बनाएंगे और जल्द दूसरी तारीख की मांग करेंगे.

धरी रह गई तैयारियां और विरोधी खेमे की रणनीति: अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डीआरडीए हॉल में सभी तैयारियां की गई थी. जिसमें मतदान की प्रक्रिया भी शामिल थी. अविश्वास प्रस्ताव के मध्यनजर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल को तैनात किया गया था. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अन्य अमला भी तैयार था. बैठक से बीस मिनट पहले डीसी के अचानक छुट्टी चले जाने की बात कहते हुए बैठक को स्थगित कर दिया गया. सूत्रों का कहना है कि विरोधी खेमे में घुसपैठ की संभावना थी. उसी विश्वास के साथ जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा अपने कार्यालय में पहुंची थी.

जेजेपी से कांग्रेस, फिर बीजेपी में शामिल होने पर मचा बवाल: मनीषा रंधावा लगभग दो साल पहले जेजेपी के समर्थन से जिला परिषद की अध्यक्ष बनी थी. उन्होंने भाजपा समर्थक को एक मत से हराया था. उस दौरान सूबे में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार थी. गठबंधन टूट जाने के बाद मनीषा रंधावा कांग्रेस में शामिल हो गई. अब अविश्वास प्रस्ताव उनके खिलाफ आया, तो भाजपा में शामिल होने का दावा किया गया. हाल ही में जिला भाजपा कार्यकारिणी ने उनकी सदस्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

छुट्टी पर चले गए थे डीसी: जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव की तारीख के चलते अपने कार्यालय में आई थी. बैठक से कुछ समय पहले उसे डीसी के छुट्टी होने के चलते स्थगित होने की सूचना मिली. विरोधी पार्षद क्यों नहीं आए, इसके बारे में वे कुछ नहीं कह सकती. एडीसी विवेक आर्य ने बताया कि डीसी मोहमद इमरान रजा अचानक छुट्टी पर चले गए. अविश्वास प्रस्ताव की बैठक उनकी देखरेख में होनी थी. जिसके चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया. अगली तारीख भी जल्द दे दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम को मिलेनियम सिटी बताने पर हाईकोर्ट का सवाल; नगर निगम पर लगाया 50 हजार का जुर्माना - PUNJAB AND HARYANA HIGHCOURT

ये भी पढ़ें- हरियाणा में राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गईं रेखा शर्मा, जांगड़ा के बयान पर बोलीं- महिलाओं के गायब होने की बात पहली बार सुनी - REKHA SHARMA ELECTED

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.