नई दिल्ली/नोएडा: कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या की घटना के विरोध में ग्रेटर नोएडा जिम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जिम्स हॉस्पिटल में ओपीडी की सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गई है, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चल रही है. घटना के विरोध में डॉक्टरों ने दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.
हड़ताल के कारण अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, हड़ताल जारी रहेगी. वहीं, आज शाम को डॉक्टरों द्वारा कैंडल मार्च निकाला जाएगा, जिसमें उन्होंने जनता से भी सहयोग की अपील की है. दरअसल, जिम्स हॉस्पिटल में रोजाना की तरह आज भी डॉक्टर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने अस्पताल पहुंचने के बाद कोलकाता में हुई घटना के विरोध में हड़ताल शुरू कर दी.
ओपीडी में जाने की जगह सभी डॉक्टर हड़ताल में शामिल होने के लिए पहुंच गए. अस्पताल में उपचार करने के लिए विभिन्न स्थानों से आए हजारों मरीजों को लगातार परेशान हो रही है. मरीज अस्पताल में ओपीडी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन ओपीडी न शुरू होने के कारण उन्हें इलाज के लिए दूसरी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है.
जिम्स के डॉ राजन ने बताया कि 9 अगस्त की घटना के बाद उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. लेकिन, ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं और ऑपरेशन थियेटर चल रहे है. लेकिन 14 अगस्त की घटना ने पूरे देश को झंझोर दिया है. जिसके बाद अब विचार किया गया है कि इस प्रोटेस्ट को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन जनता के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पीड़िता को जल्द न्याय मिले, उसके लिए इस मामले को फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाया जाए.
प्रदर्शन कर रही मुस्कान रावल ने बताया कि देश में जब भी अपराध होता है तो उसका विरोध होता है. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक डॉक्टर का नहीं है. आज भी देश में आजादी के इतने दिनों बाद भी महिला को अकेले घर से निकालने में डर लगता है.
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बता दें, कोलकाता के आर के जी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद से ही पूरे देश के डॉक्टरों में नाराजगी है. वहां के डॉक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल की घोषणा की और देश के सभी डॉक्टरों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया था. जिसके बाद हड़ताल कर काला दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. डॉक्टर द्वारा मांग की जा रही है कि केंद्रीय सुरक्षा कानून लागू हो, कार्यस्थल पर डॉक्टर को हिंसा से बचने के लिए कानून बने. साथ ही इस घटना में शामिल आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिले.