रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का 88 स्थापना दिवस अधिकारियों और कर्मचारियों ने केट काटकर मनाया. इसी बीच कई वन्यजीवों पर किए गए शोध पर चर्चा हुई. साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया. इसके अलावा फसल और पालतू जानवरों के मारे जाने पर 68 लोगों को 20 लाख रुपये से ज्यादा के चेक वितरित किए गए.
कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर साकेत बडोला ने बताया कि 1936 में कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना हुई थी और उस समय यह देश का प्रथम नेशनल पार्क था. यहीं से प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई और संरक्षण के क्षेत्र में भी कॉर्बेट नेशनल पार्क अग्रणी स्थान रखता है. उन्होंने कहा कि आज हम 88 वां स्थापना दिवस मना रहे हैं, तो हमें यह भी देखना है कि कौन सी समस्याएं हैं, जिनका हमको निदान करना है और कौन से ऐसे प्लान हैं, जो हमें आने वाले समय के लिए प्लान करने हैं.
साकेत बडोला ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ही बाघों का गढ़ नहीं है.आसपास के क्षेत्र में भी बाघों की लगातार मूवमेंट देखी जा रही है. कैसे इन क्षेत्रों में भी टाइगर कंजर्वेशन किया जाए, इन सबके बारे में भी विचार-विमर्श किया गया. उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व केवल बाघों का ही वास स्थल नहीं है, यहां पर कई अन्य वन्य जीव पाए जाते हैं.
कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर ने कहा कि हाथियों पर रिसर्च की जाएगी कि वह कौन से एरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही रेप्टर प्रजातियों पर भी रिसर्च की जाएगी, कि उनकी आबादी को कैसे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि पार्क में छोटी बिल्लियों पर भी शोध किया जाएगा. साथ ही जलीय जीव जंतु घड़ियाल पर भी रिसर्च किया जा रहा है.
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