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Jharkhand Election 2024: रेड कॉरिडोर पर नजर, पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ तैयार हुई रणनीति - JHARKHAND VIDHAN SABHA CHUNAV 2024

झारखंड विधानसभा चुनाव में सुरक्षा पर रणनीति तैयार की जा रही है. इसको लेकर प्रदेश पुलिस ने अन्य राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की.

Jharkhand Police meeting with officers of other states regarding security in Jharkhand assembly elections 2024
झारखंड पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 25, 2024, 7:45 PM IST

रांचीः राज्य में होने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. राज्य के भीतर तो सुरक्षा के सभी इंतजाम किए ही जा रहे हैं. साथ ही पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतरीन सुरक्षा का खाका तैयार किया जा रहा है. शुक्रवार को रांची स्थिति झारखंड पुलिस मुख्यालय में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस के साथ सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार की गई.

रेड कॉरिडॉर पर नजर

लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा चुनाव नक्सली संगठन अपनी ताकत का एहसास कराने की अक्सर कोशिश करते हैं. अगले महीने ही झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है. ऐसे में नक्सलियों के हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए झारखंड पुलिस ने कमर कस ली है. ऐसे में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा पुलिस के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर इंटरस्टेट बार्डर पर सुरक्षा को लेकर कदम उठा रही है.

जानकारी देते झारखंड डीजीपी (ETV Bharat)

आपसी समन्वय को बेहतरीन करने के लिए शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में पड़ोसी राज्यों के वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ झारखंड के डीजीपी अजय सिंह ने महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर को ब्लॉक करने पर भी सहमति बनी है.

छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सीमा पर विशेष चौकसी

झारखंड में नक्सलियों को बिहार के साथ-साथ सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ से सपोर्ट मिलता रहा है. वर्तमान समय में भी कोल्हान में डेरा जमाए नक्सलियों में एक बड़ी संख्या छत्तीसगढ़ के रहने वाले नक्सलियों की है. ऐसे में झारखंड पुलिस छत्तीसगढ़ से लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा तक फैले रेड कॉरिडोर पर विशेष नजर रखे हुए है. रेड कॉरिडोर में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है. इस बैठक में सभी राज्यों ने हार्डकोर नक्सलियों को लेकर सूचना का आदान-प्रदान भी किया.

बाहरी मदद न मिले इसका रखा जा रहा ध्यान

चुनाव के दौरान दूसरे राज्यों के नक्सली झारखंड की सीमा में प्रवेश न कर पाए और ना ही झारखंड के नक्सली दूसरे राज्यों की सीमा पर प्रवेश कर पाए. इसके लिए बार्डर पर विशेष चौकसी बरतने को लेकर रणनीति तैयार की गई है. नक्सली जिस रेड कॉरिडोर का इस्तेमाल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए करते हैं. वहां पर स्मॉल एक्शन टीम को भी एक्टिव किया गया है. नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिलने पर पूरी तैयारी के साथ स्मॉल एक्शन टीम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड में है.

दरअसल झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में नक्सलियों की स्थिति बेहद कमजोर हुई है. ऐसे में झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई खलल डालकर नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की कोशिश कर सकते हैं. यही वजह है कि शुक्रवार को ही बैठक में डीजीपी ने राज्य के हर बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बढ़ाने की अपनी रणनीति को दूसरे राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ साझा किया. पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने भी झारखंड पुलिस को विश्वास दिलाया है कि उनके बॉर्डर से कोई भी गैरकानूनी कार्य नहीं होने दिया जाएगा. नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए भी संयुक्त अभियान चलाया जाएगा.

अपराधियों की हिट लिस्ट का हुआ है आदान-प्रदान

विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस के द्वारा अपने पड़ोसी राज्यों यूपी, बंगाल, ओडिशा, छतीसगढ़ और बिहार पुलिस की समन्वय बैठक में डीजी रैंक से लेकर एसपी रैंक तक के अधिकारियों के बीच कई तरह की रणनीति तैयार की गई. झारखंड के साथ पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र के कुख्यात और वांटेड नक्सलियों की सूची भी साझा की है. साथ ही उनकी तस्वीर भी साझा की गई है ताकि अगर वह झारखंड में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उन्हें तस्वीर के आधार पर पहचान कर दबोचा जा सके.

बार्डर पर विशेष चौकसी

झारखंड डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि इंटरस्टेट बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सिर्फ नक्सलियों के लिए ही नहीं बल्कि अपराधियों, नशे की तस्करों के साथ-साथ अवैध हथियार को लेकर भी इंटरस्टेट बॉर्डर चेक पोस्ट पर निगरानी रखने की रणनीति बनी है.

इसे भी पढे़ं- झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर रांची में निषेधाज्ञा, 23 नवंबर तक रहेगा प्रभावी

इसे भी पढ़ें- निर्भीक होकर करें मतदान, शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने पहुंचे जवान

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Election 2024: सीआरपीएफ का स्वागत! विधानसभा चुनाव में तैनाती के लिए पलामू पहुंची सीआरपीएफ की कंपनियां

रांचीः राज्य में होने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. राज्य के भीतर तो सुरक्षा के सभी इंतजाम किए ही जा रहे हैं. साथ ही पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतरीन सुरक्षा का खाका तैयार किया जा रहा है. शुक्रवार को रांची स्थिति झारखंड पुलिस मुख्यालय में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस के साथ सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार की गई.

रेड कॉरिडॉर पर नजर

लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा चुनाव नक्सली संगठन अपनी ताकत का एहसास कराने की अक्सर कोशिश करते हैं. अगले महीने ही झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है. ऐसे में नक्सलियों के हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए झारखंड पुलिस ने कमर कस ली है. ऐसे में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा पुलिस के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर इंटरस्टेट बार्डर पर सुरक्षा को लेकर कदम उठा रही है.

जानकारी देते झारखंड डीजीपी (ETV Bharat)

आपसी समन्वय को बेहतरीन करने के लिए शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में पड़ोसी राज्यों के वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ झारखंड के डीजीपी अजय सिंह ने महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर को ब्लॉक करने पर भी सहमति बनी है.

छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सीमा पर विशेष चौकसी

झारखंड में नक्सलियों को बिहार के साथ-साथ सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ से सपोर्ट मिलता रहा है. वर्तमान समय में भी कोल्हान में डेरा जमाए नक्सलियों में एक बड़ी संख्या छत्तीसगढ़ के रहने वाले नक्सलियों की है. ऐसे में झारखंड पुलिस छत्तीसगढ़ से लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा तक फैले रेड कॉरिडोर पर विशेष नजर रखे हुए है. रेड कॉरिडोर में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है. इस बैठक में सभी राज्यों ने हार्डकोर नक्सलियों को लेकर सूचना का आदान-प्रदान भी किया.

बाहरी मदद न मिले इसका रखा जा रहा ध्यान

चुनाव के दौरान दूसरे राज्यों के नक्सली झारखंड की सीमा में प्रवेश न कर पाए और ना ही झारखंड के नक्सली दूसरे राज्यों की सीमा पर प्रवेश कर पाए. इसके लिए बार्डर पर विशेष चौकसी बरतने को लेकर रणनीति तैयार की गई है. नक्सली जिस रेड कॉरिडोर का इस्तेमाल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए करते हैं. वहां पर स्मॉल एक्शन टीम को भी एक्टिव किया गया है. नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिलने पर पूरी तैयारी के साथ स्मॉल एक्शन टीम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड में है.

दरअसल झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में नक्सलियों की स्थिति बेहद कमजोर हुई है. ऐसे में झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई खलल डालकर नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की कोशिश कर सकते हैं. यही वजह है कि शुक्रवार को ही बैठक में डीजीपी ने राज्य के हर बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बढ़ाने की अपनी रणनीति को दूसरे राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ साझा किया. पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने भी झारखंड पुलिस को विश्वास दिलाया है कि उनके बॉर्डर से कोई भी गैरकानूनी कार्य नहीं होने दिया जाएगा. नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए भी संयुक्त अभियान चलाया जाएगा.

अपराधियों की हिट लिस्ट का हुआ है आदान-प्रदान

विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस के द्वारा अपने पड़ोसी राज्यों यूपी, बंगाल, ओडिशा, छतीसगढ़ और बिहार पुलिस की समन्वय बैठक में डीजी रैंक से लेकर एसपी रैंक तक के अधिकारियों के बीच कई तरह की रणनीति तैयार की गई. झारखंड के साथ पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र के कुख्यात और वांटेड नक्सलियों की सूची भी साझा की है. साथ ही उनकी तस्वीर भी साझा की गई है ताकि अगर वह झारखंड में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उन्हें तस्वीर के आधार पर पहचान कर दबोचा जा सके.

बार्डर पर विशेष चौकसी

झारखंड डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि इंटरस्टेट बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सिर्फ नक्सलियों के लिए ही नहीं बल्कि अपराधियों, नशे की तस्करों के साथ-साथ अवैध हथियार को लेकर भी इंटरस्टेट बॉर्डर चेक पोस्ट पर निगरानी रखने की रणनीति बनी है.

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