रांचीः राज्य सरकार ने कई आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है. अविनाश कुमार को मुख्यमंत्री का अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री के सचिव के पद पर पदस्थापित अरवा राजकमल को अगले आदेश तक सचिव गृह कार्य आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. आईएएस अधिकारियों के तबादले को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
जानिए, कौन कहां गयाः
झारखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग के पद पर पदस्थापित अविनाश कुमार को अगले आदेश तक मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव का अतरिक्त प्रभार दिया गया है. मुख्यमंत्री के सचिव के पद पर पदस्थापित अरवा राजकमल को अगले आदेश तक सचिव गृह कर एवं आपदा प्रबंधन का अतिरिक्त प्रभार दिया है. झारखंड सरकार के प्रधान सचिव ग्रामीण कार्य विभाग के पद पर पदस्थापित अजय कुमार सिंह को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक प्रधान सचिव स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के पद पर नियुक्त किया गया है.
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर पदस्थापित विनय कुमार चौबे को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक प्रधान सचिव पंचायती राज विभाग रांची के पद पर पदस्थापित किया गया है. सचिव कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के पद पर पदस्थापित अबू बकर सिद्दीकी को सचिव खान एवं भूतत्व विभाग के पद पर पदस्थापित किया गया है. अबू बकर सिद्दीकी झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड के एमडी के अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगे. सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के पद पर पदस्थापित प्रवीण कुमार टोप्पो को सचिव उद्योग विभाग का अधिक प्रभार दिया गया है. सचिव ग्रामीण विकास विभाग के पद पर पदस्थापित चंद्रशेखर अगले आदेश तक अपने कार्यों के साथ-साथ सचिव ग्रामीण कार्य विभाग रांची के अतरिक्त प्रभार में रहेंगे. सचिव उद्योग विभाग के पद पर पदस्थापित जितेंद्र कुमार सिंह को अगले आदेश तक सचिव कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के पद पर पदस्थापित किया गया है.
तबादले को लेकर बाबूलाल मरांडी का सरकार पर निशानाः
झारखंड सरकार द्वारा आईएएस अधिकारियों का तबादला करने को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चंपाई सरकार को निशाने पर लिया है. सोशल मीडिया X हैंडल पर पोस्ट करते हुए बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि 'झारखंड को अजायबघर बना दिया गया है, समझ में नहीं आ रहा ये सरकार है या सर्कस? 2008 बैच के आईएएस अरवा राजकमल को गृह विभाग का प्रभार दिया गया है. झारखंड में डीजीपी 1989 बैच के हैं. इतने (बीस साल) जूनियर अफसर को जो सचिव/कमिश्नर रैंक में भी नहीं है, उसे गृह विभाग का सचिव बना देना हास्यास्पद है. इतने सीनियर आईपीएस अपने से इतने जूनियर आईएएस को रिपोर्ट करेंगे? आईपीएस अधिकारियों की मनोदशा समझिए सीएम साहब. वैसे अरवा राजकमल दो साल सेवा से कहां गायब रहे, ये भी जरूर पूछिएगा, आगे आपकी मर्जी! जो कुछ हो रहा है वो सबको समझ में आने लगा है और पूत के पांव पालने में दिखने लगे हैं'.
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झारखंड को अजायबघर बना दिया गया है। समझ में नहीं आ रहा ये सरकार है या सर्कस?
— Babulal Marandi (Modi Ka Parivar ) (@yourBabulal) March 5, 2024
2008 बैच के आईएएस अरवा राजकमल को गृह विभाग का प्रभार दिया गया है। झारखंड में डीजीपी 1989 बैच के हैं। इतने (बीस साल) जूनियर अफसर को जो सचिव/कमिश्नर रैंक में भी नहीं है, उसे गृह विभाग का सचिव बना देना…
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