जामताड़ा: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में जामताड़ा सीट से इंडिया ब्लॉक से कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी हैं तो बीजेपी ने सीता सोरेन को इस सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं.
क्या इरफान लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक?
बता दें कि जामताड़ा विधानसभा में सीता सोरेन के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी के लिए जीत की हैट्रिक लगा पाना चुनौती है. दोनों ही प्रत्याशी जामताड़ा विधानसभा सीट से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं इरफान
जामताड़ा विधानसभा शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. इस सीट से इरफान अंसारी लगातार दो बार से चुनाव जीते हैं और विधायक बने हैं. इरफान अंसारी लगातार तीसरी बार इस सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने एड़ी-चोटी एक कर दिया है. हालांकि बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन के चुनाव मैदान में उतरने से इरफान अंसारी की जीत की राह थोड़ी कठिन हो गई है.
अमर्यादित टिप्पणी मामले में घिरे इरफान
वहीं कथित तौर पर भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन पर अमर्यादित टिप्पणी मामले में इरफान अंसारी विवादों में घिर गए हैं. भाजपा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है, जो इरफान अंसारी की जीत की राह मुश्किल बना सकता है. हालांकि मामले में जांच अभी चल रही है.
जनता का मिलता रहा है स्नेहः इरफान
वहीं जनसंपर्क अभियान के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जामताड़ा के हर वर्ग के लोगों का स्नेह उनको मिलता रहा है. यही कारण है वे लगातार दो बार विधायक बने हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि जनता का प्यार उन्हें तीसरी बार भी मिलेगा और वह चुनाव जीतने में सफल रहेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी में दम नहीं है.
क्या कांग्रेस के किले को ध्वस्त कर पाएंगी सीता?
वहीं सीता सोरेन जामताड़ा के चुनाव मैदान उतरकर कांग्रेस के किले को ध्वस्त कर कमल फूल खिलाना चाहती हैं. इसे लेकर सीता सोरेन दिन-रात मेहनत कर रही हैं. हालांकि जामताड़ा सीट पर कमल फूल खिलाने में सीता सोरेन और भाजपा कितना सफल हो पाएगी यह तो समय ही बताएगा.
जामताड़ा की जनता पर है भरोसाः सीता सोरेन
इस संबंध में बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन ने कहा कि जामताड़ा उनके लिए नई जगह नहीं है. वह किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. जामताड़ा से ही उनके दिवंगत पति दुर्गा सोरेन और उनके ससुर शिबू सोरेन ने अलग राज्य के लिए आंदोलन किया था. इसलिए उन्हें पूर्ण विश्वास है कि यहां की जनता अपना बहू-बेटी और बहन समझ कर उन्हें वोट करेगी और विधायक चुनेगी.
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