झाबुआ। अपनी बहू को देर रात तक ससुर मोबाइल पर किसी से बात करते देखता था. कई दिन तक जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो एक दिन उसने उसे टोका लेकिन दोनों में विवाद हो गया और फिर उसने पत्थर पटकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसने हत्या का राज छिपाने के लिए दृश्यम फिल्म की तरह ऐसी कहानी रची की पुलिस भी गुमराह हो गई. लेकिन कहते हैं कि जुर्म करने वाला एक ना एक दिन पुलिस के हत्थे जरूर चढ़ता है. हत्यारा ससुर अब जेल की हवा खा रहा है.
ससुर ने पुलिस में लिखाई ये रिपोर्ट
घटना 15 मार्च की रात की है. ग्राम ढेकल बड़ी के रहने वाले सुरतान डामोर ने झाबुआ कोतवाली में आकर रिपोर्ट दर्ज करवाई कि की वह और उसके परिवार के सदस्य खाना खाकर सो रहे थे. इसी दौरान रात करीब 1 बजे के लगभग कुछ लोग उसके घर के पास आए. आवाज सुनकर वह बैठ गया और बीड़ी पीने लगा. तभी सभी लोग चिल्लाने लगे कि बेरी को पकड़ लो. ऐसे में वह तो चोर समझ कर भागा, उसके परिवार वाले भी साथ में भागे. सुरतान के अनुसार बहू सन्नू भी वहां से बचने के लिए भागी तो चोरों ने उसे पकड़कर उसकी हत्या कर दी. सुरतान ने पुलिस को यह भी बताया कि मारने वालों में एक की आवाज गांव के चौकीदार नरसिंह डामोर जैसी थी. ऐसे में पुलिस ने चौकीदार नरसिंह डामोर के साथ ही अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302, 34 में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की.
पुलिस जांच से पहले गढ़ी फिल्मी कहानी
गांव में रहने वाले सुरतान ने दृश्यम फिल्म भले ही नहीं देखी होगी लेकिन उसने जो ताना बाना बुना वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. जब सुरतान को लगा कि उससे बहु सन्नू की हत्या हो गई है तो उसने एक कहानी गढ़ी. इसके लिए उसने अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को भी इसमें शामिल किया. फिर जोर-जोर से शोर मचाते हुए कुछ पत्थर अपने घर पर भी फेंके, ताकि सबको यही लगे कि हत्या चोरों ने ही की है. शोर मचने के बाद तब तक आसपास के ग्रामीण भी इकठ्ठे हो गए.
सुरतान के घर से लगकर ही चौकीदार नरसिंह की जमीन थी इसलिए हत्या का आरोप उस पर लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी. जिससे हत्या का कारण जमीन विवाद को बताया जा सके. खास बात ये है कि सुरतान ने अपनी पत्नी, दोनों बेटियों और तीनों पोते-पोतियों को भी इस तरह से सिखा दिया था कि पुलिस ने जब सभी से अलग-अलग पूछताछ की तो भी वे सभी एक जैसी कहानी सुना रहे थे, लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही थी.
पुलिस ने मामले का ऐसे किया खुलासा
सबसे पहले पुलिस ने संदिग्ध आरोपी गांव के चौकीदार नरसिंह डामोर को उठाया. जिस वक्त पुलिस टीम उसके घर पहुंची वह सो रहा था. ऐसे में पुलिस को शंका हुई कि कोई हत्या करने के बाद इस तरह इत्मीनान से नहीं सो सकता. पूछताछ में भी यह बात सामने आई की नरसिंह और सुरतान के बीच कोई बड़ा विवाद नहीं था. पुलिस ने जब घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तो यह तथ्य भी पता चला कि परिवार के सभी सदस्य एक दिशा में भाग रहे थे जबकि बहू सन्नू उसी दिशा में भागी जिस तरफ से सुरतान ने चोरों के आने की बात कही थी. यह संभव नहीं था कि जिस तरफ से पथराव हो रहा है, कोई व्यक्ति उसी दिशा में क्यों भागेगा. लिहाजा पुलिस ने सुरतान को ही हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की. जिसके बाद उसने अपनी बहू की हत्या करना कबूल किया.
'बहू देर रात तक मोबाइल पर करती थी बात'
एसपी पद्म विलोचन शुक्ल ने बताया कि सुरतान के बयान के मुताबिक " उसका बेटा कमलेश मजदूरी करने गुजरात गया है और उसकी बहू सन्नू खाना खाने के बाद से ही रात में मोबाइल पर बात करती थी. घटना वाली रात भी जब सन्नू मोबाइल पर बात कर रही थी तो सुरतान ने उसे टोकते हुए कहा-मेरा बेटा मजदूरी करने गुजरात गया है और तू दूसरे आदमी से बात कर रही है. इसके बाद दोनों के बीच में कहा सुनी हुई. ऐसे में गुस्से में आकर ससुर सुरतान ने बहू सन्नू को नीचे गिरा दिया और पत्थर से उसके सिर व मुंह पर हमला कर दिया, जिससे सन्नू की मौके पर ही मौत हो गई". इस घटना का खुलासा करने के लिए एसपी ने पूरी टीम को नकद इनाम से पुरस्कृत किया है.