जहानाबादः लोकतंत्र में मताधिकार एक ऐसा हथियार है जिसके दम पर लोग जनप्रतिनिधियों के सिर पर चढ़ी सत्ता की सनक उतार देते हैं. जनप्रतिनिधि भी आखिरकार लोगों का फैसला स्वीकार कर ही लेते हैं, लेकिन बिहार के जहानाबाद में तो एक पूर्व मुखिया ने वोट नहीं देने पर लोगों की आवाजाही ठप कर दी है.
बिहार में पूर्व मुखिया का कारनामा : मामला जहानाबाद जिले के लगरू मई पंचायत का है, जहां वोट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मुखिया ने सरकारी खर्च से बनी सड़क तोड़ डाली. सड़क टूटने के कारण कई गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है. पूर्व मुखिया की इस बेतुकी हरकत की शिकायत लेकर लोग डीएम ऑफिस पहुंचे और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
'वोट नहीं दिया तो तोड़ी सड़क': इधर. डीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों का कहना है कि लगरू मई पंचायत के पूर्व मुखिया को हम लोगों ने पंचायत चुनाव में वोट नहीं दिया. इसी को लेकर उसने सड़क तोड़ दी. सड़क टूट जाने के कारण हम लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने पूर्व मुखिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
"पूर्व मुखिया दबंग प्रवृत्ति का व्यक्ति है. हम लोगों के साथ हमेशा गाली गलौज एवं मारपीट करता रहता है. उसका कहना है कि मैने अपने प्रयास से सड़क का निर्माण कराया था. जब तुम लोगों ने मुझे पंचायत के चुनाव में सपोर्ट नहीं किया तो सड़क पर आने-जाने नहीं देंगे. इसी को लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया है.प्रशासन ने अनुरोध है कि पूर्व मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाय"- ग्रामीण, लगरू मई पंचायत
''यहां 2021 पंचायत चुनाव हुए थे. वो (नागेन्द्र यादव) नाराज था कि ग्रामीणों ने उसे वोट नहीं दिया था. वो अपना आपा खो बैठा और उसके विरोधियों द्वारा जो सड़क बनाया गया था, उसे उसने खोद डाला.'' - अनिल मिस्त्री, बीडीओ