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पूर्णिया लोकसभा के बाद अब रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय के हाथों JDU-RJD ने खाई मात, गठबंधन को तगड़ा झटका - Rupauli By poll Results

Rupauli By poll Results : बिहार विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं. रूपाली विधानसभा सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला था. निर्दलीय शंकर सिंह ने इंडिया और एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका दिया है. 1 महीने के दौरान ही जदयू का ग्राफ गिरा है तो तेजस्वी और पप्पू भी नाकाम हुए हैं.

साख पर संकट
साख पर संकट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 13, 2024, 8:17 PM IST

जेडीयू आरजेडी की साख पर संकट (ETV Bharat)

पटना : रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे ने राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है. बाहुबली नेता शंकर सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं. जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को 59824 वोट तो निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को 68070 वोट मिले जबकि आरजेडी की बीमा भारती को 30619 वोट हासिल हुए. राष्ट्रीय जनता दल उम्मीदवार बीमा भारती, शंकर सिंह से 37451 वोटों से पीछे रहीं. राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी बीमा भारती इस बार भी तीसरे स्थान पर रहीं.

पहले लोकसभा और अब विधानसभा उपचुनाव में हार : लोकसभा चुनाव की अगर बात कर लें तो लोकसभा चुनाव के दौरान जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा को 543709 वोट हासिल हुए, जबकि पप्पू यादव को 567556 वोट मिले. वहीं बीमा भारती 27120 वोटों पर सिमट गईं. जदयू को 23847 वोटों की बढ़त हासिल हुई थी, लेकिन एक महीना होते-होते स्थितियां बदल गईं और निर्दलीय शंकर सिंह ने रुपौली विधानसभा क्षेत्र में जदयू को 8246 वोटों से जीत हासिल की.

शंकर सिंह ने दी बीमा भारती को पटखनी : 2020 विधानसभा चुनाव कि अगर बात कर लें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्हें 44994 वोट हासिल हुए थे. जबकि बीमा भारती को 64324 वोट हासिल हुए थे. बीमा भारती 19330 वोटों से चुनाव जीती थीं.

रुपौली में जीत मिलने के बाद शंकर सिंह को बधाई देते लोग
रुपौली में जीत मिलने के बाद शंकर सिंह को बधाई देते समर्थक (ETV Bharat)

आरजेडी और जेडीयू की साख पर संकट : विधानसभा उपचुनाव के संकेत साफ हैं. एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए आने वाले दिन चुनौती भरे हो सकते हैं. खासतौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. जनता दल यूनाइटेड भले ही चुनाव हारी हो लेकिन साख बचाने में कामयाब रही. चिंता की बात यह रही की एक महीने के दौरान जदयू का वोट शेयर सिर्फ रुपौली विधानसभा क्षेत्र में 37901 वोट जदयू उम्मीदवार को कम मिले.

फिर तीसरे स्थान पर बीमा भारती : राष्ट्रीय जनता दल के नजरिए से अगर बात करें तो बीमा भारती फिर से तीसरे स्थान पर रहीं. भले ही लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में बीमा भारती को अधिक वोट हासिल हुआ, पप्पू यादव का साथ मिला, बावजूद देश के बीमा भारती महज 30108 वोट हासिल कर सके.

राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता अरुण कुमार ने कहा है कि ''हम चुनाव हारे हैं इसकी समीक्षा करेंगे, लेकिन भाजपा और जदयू में वहां गतिरोध देखने को मिला. स्थानीय मंत्री की वजह से जदयू उम्मीदवार चुनाव हारे हैं. हम संगठन को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं.''

भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि ''हमारे उम्मीदवार चुनाव हारे हैं, यह हमारे लिए चिंता का विषय है. बड़े नेता चिंता भी करेंगे. हम लड़ाई में रहे, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल तीसरे स्थान पर आ गई. पप्पू यादव का साथ भी काम नहीं आया.''

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सुनील कुमार का मानना है कि उपचुनाव के नतीजे इंडिया और एनडीए दोनों ही गठबंधन के लिए चिंता का सबब है. जनता निराश और हताश है और वह तीसरा विकल्प ढूंढ रही है. जनता के प्रति अगर राजनीतिक दलों की प्रतिबद्धता आने वाले दिनों में नहीं दिखाई तो विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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पहले लोकसभा और अब विधानसभा उपचुनाव में हार : लोकसभा चुनाव की अगर बात कर लें तो लोकसभा चुनाव के दौरान जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा को 543709 वोट हासिल हुए, जबकि पप्पू यादव को 567556 वोट मिले. वहीं बीमा भारती 27120 वोटों पर सिमट गईं. जदयू को 23847 वोटों की बढ़त हासिल हुई थी, लेकिन एक महीना होते-होते स्थितियां बदल गईं और निर्दलीय शंकर सिंह ने रुपौली विधानसभा क्षेत्र में जदयू को 8246 वोटों से जीत हासिल की.

शंकर सिंह ने दी बीमा भारती को पटखनी : 2020 विधानसभा चुनाव कि अगर बात कर लें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्हें 44994 वोट हासिल हुए थे. जबकि बीमा भारती को 64324 वोट हासिल हुए थे. बीमा भारती 19330 वोटों से चुनाव जीती थीं.

रुपौली में जीत मिलने के बाद शंकर सिंह को बधाई देते लोग
रुपौली में जीत मिलने के बाद शंकर सिंह को बधाई देते समर्थक (ETV Bharat)

आरजेडी और जेडीयू की साख पर संकट : विधानसभा उपचुनाव के संकेत साफ हैं. एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए आने वाले दिन चुनौती भरे हो सकते हैं. खासतौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. जनता दल यूनाइटेड भले ही चुनाव हारी हो लेकिन साख बचाने में कामयाब रही. चिंता की बात यह रही की एक महीने के दौरान जदयू का वोट शेयर सिर्फ रुपौली विधानसभा क्षेत्र में 37901 वोट जदयू उम्मीदवार को कम मिले.

फिर तीसरे स्थान पर बीमा भारती : राष्ट्रीय जनता दल के नजरिए से अगर बात करें तो बीमा भारती फिर से तीसरे स्थान पर रहीं. भले ही लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में बीमा भारती को अधिक वोट हासिल हुआ, पप्पू यादव का साथ मिला, बावजूद देश के बीमा भारती महज 30108 वोट हासिल कर सके.

राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता अरुण कुमार ने कहा है कि ''हम चुनाव हारे हैं इसकी समीक्षा करेंगे, लेकिन भाजपा और जदयू में वहां गतिरोध देखने को मिला. स्थानीय मंत्री की वजह से जदयू उम्मीदवार चुनाव हारे हैं. हम संगठन को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं.''

भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि ''हमारे उम्मीदवार चुनाव हारे हैं, यह हमारे लिए चिंता का विषय है. बड़े नेता चिंता भी करेंगे. हम लड़ाई में रहे, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल तीसरे स्थान पर आ गई. पप्पू यादव का साथ भी काम नहीं आया.''

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सुनील कुमार का मानना है कि उपचुनाव के नतीजे इंडिया और एनडीए दोनों ही गठबंधन के लिए चिंता का सबब है. जनता निराश और हताश है और वह तीसरा विकल्प ढूंढ रही है. जनता के प्रति अगर राजनीतिक दलों की प्रतिबद्धता आने वाले दिनों में नहीं दिखाई तो विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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