किशनगंज: बिहार के किशनगंज संसदीय क्षेत्र के लिए नामांकन शुरू हो गया. यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है. शनिवार 30 मार्च को किशनगंज लोकसभा सीट से एनडीए के लिए जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम ने पर्चा दाखिल किया. मुजाहिद आलम का नामांकन कराने के लिए बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान पहुंचे थे.
भाईचारा कायम रहेगाः मुजाहिद आलम ने खुद को सीमांचल के वरिष्ठ नेता तस्लीम उद्दीन का शिष्य बताया. कहा कि उनसे प्रेरणा लेकर सरकारी शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर लोगों की सेवा और क्षेत्र की विकास के लिए राजनीति को अपना करियर चुना. उन्होंने कहा कि किशनगंज में विधानसभा चुनाव भी जीता. कभी भी जिले की गंगा जमुनी तहजीब को बिगाड़ने नहीं दी. आगे भी भाईचारा कायम रहेगा.
"चाहे चुनाव जीतूं या हार जाऊं, कभी भी जिले की गंगा जमुनी तहजीब को बिगाड़ने नहीं दी. हमारे नेता नीतीश कुमार इंसाफ के साथ विकास करके सबके चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है."- मुजाहिद आलम, जदयू प्रत्याशी
कांग्रेस और एआईएमआईएम के पास मुद्दा नहीं: राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस और एआईएमआईएम के पास कोई मुद्दा नहीं है. इनके पास एक ही मुद्दा है हिन्दू और मुस्लिम के बीच वोट को बंटवारा करने का. लेकिन इस बार किशनगंज की जनता विकास चाहती है. जात और मजहब से ऊपर उठकर जनता विकास के नाम पर वोट करने जा रही है.
विकास कार्य के लिए वोटः अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि यहां लोगों के अंदर जो उत्साह का माहौल है जो आनेवाले चुनाव में वोट में परिवर्तन होने जा है. सीएम नीतीश कुमार का क्षेत्र में काम के नाम पर जनता जदयू उम्मीदवार मुजाहिद आलम को मजदूरी देने जा रही है. उन्होंने अपने प्रत्याशी की जीत के दावे किये.
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