पटना: राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में 6 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए डॉ. मनोज झा के अलावे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार को अपना कैंडिडेट बनाया है. स्थानीय कार्यकर्ता की बजाय दूसरे राज्य के रहने वाले व्यक्ति को राज्यसभा भेजने के फैसले पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि वैसे तो यह आरजेडी का आंतरिक मामला है लेकिन ये जरूर है कि स्थानीय कार्यकर्ता की जगह 'हरियाणा के राजनीतिक नस्ल' पर भरोसा किया गया है, जो चिंतानजक है.
पहले 'साला राज' अब 'निजी सहायक राज': जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हकमारी की गई है. उन्होंने कहा कि पहले लालू प्रसाद यादव ने बिहार में 'साला राज' की परंपरा की शुरुआत की थी, अब उनके बेटे तेजस्वी यादव ने 'निजी सहायक राज' की शुरुआत कर दी है.
"पिता माननीय लालू प्रसाद यादव जी ने राजनीति में चलाया साला राज, बेटा का मौका मिला तो चलाया निजी सहायक राज. बिहार के कार्यकर्ता पर भरोसा नहीं, हरियाणा के राजनीतिक नस्ल पर भरोसा किया. श्याम रजक, उदय नारायण चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दीकी और शिवानंद तिवारी जैसे नेता मुंह देखते रह गए."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जनता दल यूनाइटेड
कौन हैं संजय यादव?: मनोज झा के साथ जिन संजय यादव को आरजेडी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है, वह तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले संजय की तेजस्वी यादव से मुलाकात क्रिकेट खेलने के दौरान हुई थी. संजय को तेजस्वी की पॉलिटिकल मीटिंग से लेकर सरकार में रहने के दौरान विभागीय बैठक तक में देखा जाता है. हालांकि कभी तेजप्रताप यादव ने उनको मोर्चा खोल रखा था लेकिन फिर भी तेजस्वी ने उनका साथ नहीं छोड़ा.
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