भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया है. मुख्यमंत्री निवास में आयोजित नगरीय महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने नगर निगम से लेकर नगर परिषद तक के सभी जनप्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने का ऐलान किया है. जन प्रतिनिधियों को अगले माह से बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा. नगर निगम की महापौर को अब 22 हजार के स्थान पर 26 हजार रुपए मानदेय प्राप्त होगा.
LIVE: मुख्यमंत्री निवास में आयोजित 'देवी अहिल्या बाई होल्कर नगरीय महिला जन-प्रतिनिधि सम्मेलन एवं रक्षाबंधन कार्यक्रम'https://t.co/bZdNEOSHRt
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 12, 2024
अब इतना मिलेगा जनप्रतिनिधियों को मानदेय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 'महिला जनप्रतिनिधि यहां आईं हैं, उन्हें खाली हाथ नहीं जाने देंगे. सरकार ने तय किया है कि नगरीय निकायों के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाए. यह बढ़ोत्तरी सितंबर माह से लागू की जाएगी. इसके तहत नगर निगम से लेकर नगर परिषद तक के जनप्रतिनिधियों को लाभ होगा.
किसकी कितनी हो गई सैलरी यहां देखें:
नगर निगम
- महापौर- अब 22 हजार के स्थान पर 26 हजार रुपए मानदेय मिलेगा.
- उपाध्यक्ष- 18 हजार रुपए के स्थान पर 21600 रुपए मानदेय मिलेगा.
- पार्षद- 12 हजार के स्थान पर 14400 रुपए मानदेय मिलेगा.
नगर पालिका
- नगर पालिका अध्यक्ष- 6000 से 7200 मानदेय किया गया.
- उपाध्यक्ष- 4800 से 5760 रुपए मानदेय किया गया.
- पार्षद- 3600 से 4320 रुपए मानदेय किया गया.
नगर परिषद
- अध्यक्ष- 4800 से 5760 हुआ मानदेय.
- उपाध्यक्ष- 4200 से 5040 किया गया मानदेय.
- पार्षद - 2800 से 3060 मानदेय किया गया.
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आय बढ़ाने पर निकायों को मिलेगा इनाम
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में ऐलान किया कि अब नगरीय निकाय अपनी आय बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होंगे. नगर निगम यदि सबसे ज्यादा आय में बढ़ोत्तरी करती है, तो प्रदेश सरकार द्वारा 5 करोड़ का इनाम दिया जाएगा. इसी तरह नगर पालिका संभाग में सबसे ज्यादा आय में बढ़ोत्तरी करती है, तो उस निकाय को 5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. वहीं नगर परिषद को 2 करोड़ रुपए मिलेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'जेंडर बजट के तहत बजट में अलग से प्रावधान किया जा रहे हैं. इसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी, स्थानीय परिवहन में अलग से महिलाओं के लिए व्यवस्था, महिला उद्यमियों को अलग से प्राथमिकता दी जा रही है. प्रदेश सरकार 2025 को उद्योग आधारित साल मनाने जा रही है. इसमें सरकार प्रदेश में उद्योगों को आगे बढ़ाने की दिशा में आगे बढे़ेंगे. इसके लिए अभी से प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार महिला स्व सहायता समूह, एमएसएमई और महिला उद्यम को एक साथ जोड़कर आगे बढ़ेंगे.