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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: जामताड़ा वेब सीरीज फेम प्रदीप मंडल एंड फैमिली को पांच-पांच साल की सजा - money laundering case - MONEY LAUNDERING CASE

Cyber Crime. जामताड़ा वेब सीरीज फेम प्रदीप मंडल और उनके परिवार के सदस्यों को पीएमएलए की विशेष अदालत ने पांच-पांच साल की जेल और 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. 20 जुलाई को स्पेशल कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत) (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 23, 2024, 10:46 PM IST

जामताड़ा: जामताड़ा वेब सीरिज फेम प्रदीप मंडल समेत उनके परिवार के पांच सदस्यों को पीएमएलए की विशेष अदालत ने पांच-पांच साल की जेल और ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इनमें गणेश मंडल, प्रदीप मंडल, संतोष मंडल, पिंटू मंडल और अंकुश मंडल के नाम शामिल हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 20 जुलाई को स्पेशल कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. बताया जाता है कि 'प्रदीप मंडल' ही वो शख्स है, जिसकी वजह से पूरे देश में जामताड़ा जिला बदनाम हुआ. यह एक ऐसा जिला है, जहां देश के ज्यादातर राज्यों की पुलिस साइबर क्राइम जांच के सिलसिले में पहुंच चुकी है.

साइबर अपराधी की क्राइम कहानी

जब लोग साइबर क्राइम शब्द को ठीक से जानते भी नहीं थे, तब यह शख्स नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के खेत-खलिहानों में बैठकर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ाया करता था. इस खेल में उनका पूरा परिवार शामिल थे. कभी बैंक मैनेजर बनकर तो कभी किसी कंपनी का अधिकारी बनकर. ये लोग सभी भोले-भाले लोगों को गुमराह कर बैंक के खातों से पैसे उड़ा लिया करते थे. कभी पुरस्कार के नाम पर तो कभी एटीएम कार्ड ब्लॉक होने के नाम पर. देखते ही देखते जामताड़ा के कई युवा इस अपराध में शामिल होते चले गए. साइबर क्राइम कनेक्शन की वजह से जामताड़ा जिला इस कदर चर्चा में आया कि इस नाम से वेब सीरिज बन गई, जो खूब पोपुलर हुई. उनके अपराध की कब्र तब तैयार हो गई थी जब ईडी ने इस केस को टेक ओवर कर जांच शुरू की थी. ट्रायल के दौरान ईडी ने 24 गवाह पेश किए थे.

विदेशों तक फैल चुका है साइबर क्राइम का नेटवर्क

20 जुलाई को स्पेशल कोर्ट ने जब प्रदीप मंडल एंड फैमिली को दोषी करार दिया था तब इनमें से चार जमानत पर जेल से बाहर थे. जबकि अंकुश मंडल देवघर जेल में बंद था. दोषी करार दिए जाने के साथ ही सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. चिंता की बात है कि झारखंड के कई जिलों में साइबर अपराधियों का जाल फैल चुका है. जामताड़ा के बाद देवघर और गिरिडीह से सबसे ज्यादा साइबर अपराधी पकड़े गए हैं. हालत यह हो गई है कि इनकी गिरफ्तारी की वजह से जेल की व्यवस्था भी गड़बड़ा रही है. साइबर अपराधी ऐसे नए-नए हथकंडे अपनाते हैं कि कोई ना कोई इनके झांसे में आ ही जाते हैं. इन अपराधियों से निपटने के लिए साइबर थाने बनाए गए हैं. हाल के दिनों में झारखंड के कई प्रबुद्ध इनके खौफ के शिकार हो चुके हैं. अब इनका नेटवर्क चीन समेत कई देशों से जुड़ चुका है.

ये भी पढ़ें: जामताड़ा में साइबर अपराध पर नकेसः छापेमारी में पकड़े गये सात अपराधी, फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बन करते थे ठगी

ये भी पढ़ें: जामताड़ा वेब सीरीज फेम प्रदीप मंडल समेत पांच दोषी करार, मनी लांड्रिंग मामले में मंगलवार को स्पेशल कोर्ट सुनाएगी सजा

जामताड़ा: जामताड़ा वेब सीरिज फेम प्रदीप मंडल समेत उनके परिवार के पांच सदस्यों को पीएमएलए की विशेष अदालत ने पांच-पांच साल की जेल और ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इनमें गणेश मंडल, प्रदीप मंडल, संतोष मंडल, पिंटू मंडल और अंकुश मंडल के नाम शामिल हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 20 जुलाई को स्पेशल कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. बताया जाता है कि 'प्रदीप मंडल' ही वो शख्स है, जिसकी वजह से पूरे देश में जामताड़ा जिला बदनाम हुआ. यह एक ऐसा जिला है, जहां देश के ज्यादातर राज्यों की पुलिस साइबर क्राइम जांच के सिलसिले में पहुंच चुकी है.

साइबर अपराधी की क्राइम कहानी

जब लोग साइबर क्राइम शब्द को ठीक से जानते भी नहीं थे, तब यह शख्स नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के खेत-खलिहानों में बैठकर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ाया करता था. इस खेल में उनका पूरा परिवार शामिल थे. कभी बैंक मैनेजर बनकर तो कभी किसी कंपनी का अधिकारी बनकर. ये लोग सभी भोले-भाले लोगों को गुमराह कर बैंक के खातों से पैसे उड़ा लिया करते थे. कभी पुरस्कार के नाम पर तो कभी एटीएम कार्ड ब्लॉक होने के नाम पर. देखते ही देखते जामताड़ा के कई युवा इस अपराध में शामिल होते चले गए. साइबर क्राइम कनेक्शन की वजह से जामताड़ा जिला इस कदर चर्चा में आया कि इस नाम से वेब सीरिज बन गई, जो खूब पोपुलर हुई. उनके अपराध की कब्र तब तैयार हो गई थी जब ईडी ने इस केस को टेक ओवर कर जांच शुरू की थी. ट्रायल के दौरान ईडी ने 24 गवाह पेश किए थे.

विदेशों तक फैल चुका है साइबर क्राइम का नेटवर्क

20 जुलाई को स्पेशल कोर्ट ने जब प्रदीप मंडल एंड फैमिली को दोषी करार दिया था तब इनमें से चार जमानत पर जेल से बाहर थे. जबकि अंकुश मंडल देवघर जेल में बंद था. दोषी करार दिए जाने के साथ ही सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. चिंता की बात है कि झारखंड के कई जिलों में साइबर अपराधियों का जाल फैल चुका है. जामताड़ा के बाद देवघर और गिरिडीह से सबसे ज्यादा साइबर अपराधी पकड़े गए हैं. हालत यह हो गई है कि इनकी गिरफ्तारी की वजह से जेल की व्यवस्था भी गड़बड़ा रही है. साइबर अपराधी ऐसे नए-नए हथकंडे अपनाते हैं कि कोई ना कोई इनके झांसे में आ ही जाते हैं. इन अपराधियों से निपटने के लिए साइबर थाने बनाए गए हैं. हाल के दिनों में झारखंड के कई प्रबुद्ध इनके खौफ के शिकार हो चुके हैं. अब इनका नेटवर्क चीन समेत कई देशों से जुड़ चुका है.

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