जालौन : जालौन जिला न्यायालय ने बुधवार को कड़ा फैसला सुनाते हुए 2010 को उरई जेल के अंदर मुख्तार गैंग के सदस्य प्रिंस और एक बंदी नासिर की हत्या में तत्कालीन जेलर सहित 14 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि मामले कुल 22 लोग दोषी गए हैं. मुकदमा जिला न्यायालय में बीते 13 साल से चल रहा था. दोषियों के खिलाफ एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. सजा के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है.
बता दें, 20 मार्च 2010 को जिला कारागार में मुख्तार गैंग के सदस्य प्रिंस एवं चुर्खी थाना क्षेत्र के ग्राम औंता निवासी नासिर की गैंगवार में हत्या कर दी गई थी. तत्कालीन जेलर नत्थू सिंह सेंगर ने प्रिंस अहमद और उसके साथियों पर जेल में बम विस्फोट करने एवं बंदियों पर ही उसकी हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन 28 मार्च को गैंगवार में मारे गए नासिर के पिता आयूब खान ने 28 मार्च 2010 को जेल कर्मी राजकुमार, नृपेंद्र, राम अवतार, अनिल शर्मा, डिप्टी जेलर मिश्रा, तत्कालीन जेलर नत्थू सिंह, जेल अधीक्षक अविनाश गौतम के विरुद्ध तहरीर दी थी. आरोप लगाया गया कि अवैध वसूली न देने पर उसके पुत्र नासिर और बंदी प्रिंस अहमद को जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर के आदेश से सुघर सिंह, रामनारायण, लला, राजा भैया, मुन्ना, राजू तितरा, राजकुमार, नृपेंद्र, रामऔतार, अनिल शर्मा ने मारपीट कर हत्या की कर दी.
पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना की और सुघर सिंह, सत्यभान उर्फ लाला, राजा भैया, राजू तीतरा, अखिलेश, मुन्ना केवट, रामनारायण, जेलर नत्थू सिंह सेंगर, राममनोरथ, रामशरण, राजकुमार, नृपेंद्र, अनिल शर्मा, शशिकांत तिवारी, जेल अधीक्षक अविनाश गौतम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. 14 साल चले ट्रायल के बाद बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट में चले ट्रायल के बाद बुधवार को जिला जज लल्लू सिंह की कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने बताया कि जिला जज लल्लू सिंह ने सभी आरोपितों को दोषी करार दिया है. मामले में तत्कालीन जेलर नत्थू सिंह समेत 14 लोगों को आजीवन कारावास एवं एक -एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
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