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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की कैद - accused who raped a minor

POCSO court sentenced जयपुर पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थ दंड भी लगाया है.

Jaipur POCSO court,  POCSO court sentenced
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की कैद.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 29, 2024, 8:44 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रमेश चन्द को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर अस्सी हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा की डीएनए जांच रिपोर्ट से साबित है कि अभियुक्त ही जन्म लिए गए शिशु का जैविक पिता है. अभियुक्त ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया है, यदि इसकी पीड़िता की सहमति भी है तो भी यह अपराध की श्रेणी में आएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने बताया की पीड़ित पक्ष की ओर से 29 मार्च 2023 को कोटखावदा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसमें कहा गया कि पीड़िता जंगल में बकरियां चराने के लिए जाती थी. जहां अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. जिसके चलते वह गर्भवती हो गई.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा

रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया की पीड़िता ने मृत शिशु को जन्म दिया, जिसके डीएनए जांच से साबित है कि अभियुक्त ही उसका जैविक पिता है. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीड़िता उसे अपनी उम्र 19 साल बताती थी और दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रमेश चन्द को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर अस्सी हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा की डीएनए जांच रिपोर्ट से साबित है कि अभियुक्त ही जन्म लिए गए शिशु का जैविक पिता है. अभियुक्त ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया है, यदि इसकी पीड़िता की सहमति भी है तो भी यह अपराध की श्रेणी में आएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने बताया की पीड़ित पक्ष की ओर से 29 मार्च 2023 को कोटखावदा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसमें कहा गया कि पीड़िता जंगल में बकरियां चराने के लिए जाती थी. जहां अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. जिसके चलते वह गर्भवती हो गई.

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रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया की पीड़िता ने मृत शिशु को जन्म दिया, जिसके डीएनए जांच से साबित है कि अभियुक्त ही उसका जैविक पिता है. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीड़िता उसे अपनी उम्र 19 साल बताती थी और दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

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