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ट्रेन में यात्री के सामान की चोरी के लिए रेलवे जिम्मेदार, डेढ़ लाख का दे हर्जाना - District Consumer Commission - DISTRICT CONSUMER COMMISSION

जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग ने ट्रेन में यात्री के सामान की चोरी के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है. आयोग ने रेलवे प्रशासन पर डेढ़ लाख रुपये का हर्जाना लगाया है.

Jaipur District Consumer Commission
जिला उपभोक्ता आयोग
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 29, 2024, 8:30 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग ने चलती ट्रेन में यात्री के सामान की चोरी के लिए रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार माना है. इसके साथ ही आयोग ने उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को कहा है कि मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर डेढ लाख रुपए परिवादी को अदा करे. इसके अलावा चोरी हुए एक लाख सत्तर हजार रुपए व अस्सी हजार रुपए की अंगूठी की कीमत भी परिवाद पेश करने की तिथि से 9 फीसदी ब्याज सहित अदा करे.

आयोग अध्यक्ष अशोक शर्मा और सदस्य विनोद कुमार सैनी ने यह आदेश रश्मि शाह के परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी एसी कोच में यात्रा कर रही थी और इस दौरान उसके सामान की रक्षा करने की जिम्मेदारी रेलवे के कर्मचारियों की थी. कर्मचारियों की लापरवाही के कारण परिवादी का सामान चोरी हो गया. परिवाद में कहा गया कि परिवादी 10 अगस्त, 2022 को साबरमती एक्सप्रेस के एसी कोच में बैठकर मोहाली से जयपुर आ रही थी. रेवाड़ी स्टेशन पर कई लोग बिना टिकट और जनरल कोच के यात्री उसके एसी कोच में आ गए. लोगों की शिकायत के बावजूद न तो मौके पर टीटी और कोच अटेंडेंट आया और ना ही रेलवे पुलिस का कर्मचारी आया.

पढ़ें : भूखंड का कब्जा नहीं देने पर जेडीए पर लगाया 25 हजार रुपए का हर्जाना - District Consumer Commission

इसके अलावा कोच में सुरक्षा का कोई इंतजाम भी नहीं था. इस दौरान एक व्यक्ति ने उसका पर्स लेकर ट्रेन से कूद गया. उसके पर्स में 1.70 लाख रुपए नकद और अस्सी हजार रुपए की अंगूठी सहित अन्य सामान था. परिवादी ने जनरल कोच के स्थान पर अधिक रुपए देकर एसी कोच का टिकट खरीदा था. ऐसे में उसके सामान की रक्षा करने की जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की थी.

इसलिए उसे क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. जिसके जवाब में रेलवे प्रशासन की ओर से कहा गया कि रेलवे नियमों के अनुसार सवारी डिब्बों में ले जाने वाली वस्तुएं मालिक की स्वयं की जोखिम पर ले जाई जाती है. रेलवे अधिनियम की धारा 100 के तहत अनबुक्ड लगेज के नुकसान के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग ने रेलवे पर हर्जाना व चोरी गई संपत्ति का मुआवजा देने को कहा है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग ने चलती ट्रेन में यात्री के सामान की चोरी के लिए रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार माना है. इसके साथ ही आयोग ने उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को कहा है कि मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर डेढ लाख रुपए परिवादी को अदा करे. इसके अलावा चोरी हुए एक लाख सत्तर हजार रुपए व अस्सी हजार रुपए की अंगूठी की कीमत भी परिवाद पेश करने की तिथि से 9 फीसदी ब्याज सहित अदा करे.

आयोग अध्यक्ष अशोक शर्मा और सदस्य विनोद कुमार सैनी ने यह आदेश रश्मि शाह के परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी एसी कोच में यात्रा कर रही थी और इस दौरान उसके सामान की रक्षा करने की जिम्मेदारी रेलवे के कर्मचारियों की थी. कर्मचारियों की लापरवाही के कारण परिवादी का सामान चोरी हो गया. परिवाद में कहा गया कि परिवादी 10 अगस्त, 2022 को साबरमती एक्सप्रेस के एसी कोच में बैठकर मोहाली से जयपुर आ रही थी. रेवाड़ी स्टेशन पर कई लोग बिना टिकट और जनरल कोच के यात्री उसके एसी कोच में आ गए. लोगों की शिकायत के बावजूद न तो मौके पर टीटी और कोच अटेंडेंट आया और ना ही रेलवे पुलिस का कर्मचारी आया.

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इसके अलावा कोच में सुरक्षा का कोई इंतजाम भी नहीं था. इस दौरान एक व्यक्ति ने उसका पर्स लेकर ट्रेन से कूद गया. उसके पर्स में 1.70 लाख रुपए नकद और अस्सी हजार रुपए की अंगूठी सहित अन्य सामान था. परिवादी ने जनरल कोच के स्थान पर अधिक रुपए देकर एसी कोच का टिकट खरीदा था. ऐसे में उसके सामान की रक्षा करने की जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की थी.

इसलिए उसे क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. जिसके जवाब में रेलवे प्रशासन की ओर से कहा गया कि रेलवे नियमों के अनुसार सवारी डिब्बों में ले जाने वाली वस्तुएं मालिक की स्वयं की जोखिम पर ले जाई जाती है. रेलवे अधिनियम की धारा 100 के तहत अनबुक्ड लगेज के नुकसान के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग ने रेलवे पर हर्जाना व चोरी गई संपत्ति का मुआवजा देने को कहा है.

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