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पत्नी को 3 लाख रुपए गुजारा भत्ता नहीं दिया, अब पति की जमीन नीलाम करके होगी वसूली - ORDER FOR PAYMENT OF ALIMONY

जयपुर में अदालत ने पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं देने पर पति की जमीन नीलाम कर गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए.

पति की जमीन होगी नीलाम
पति की जमीन नीलाम कर पत्नी को गुजारा भत्ता देने के आदेश (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 16, 2024, 9:17 PM IST

जयपुर : पारिवारिक न्यायालय क्रम-2 महानगर द्वितीय ने पत्नी को कई महीने से बकाया चल रही गुजारा भत्ते की राशि 3 लाख रुपए नहीं देने पर जमवारामगढ तहसीलदार को पति की जमीन को कुर्क कर बकाया राशि को वसूलने के आदेश दिए हैं. इसके बाद तहसीलदार ने पति की ग्राम ताला में खातेदारी जमीन को कुर्क कर भू अभिलेख निरीक्षक को इसकी 5 नवंबर को नीलामी करने को कहा है.

अधिवक्ता डीएस शेखावत ने बताया कि 5 जून 2012 को प्रार्थिया की शादी अप्रार्थी पति के साथ सामूहिक विवाह सम्मेलन में हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल वालों ने प्रार्थिया को दहेज के लिए प्रताड़ित किया और गाली-गलौच की. पति आए दिन उससे मारपीट करता और पीहर से रुपए लेकर आने के लिए दबाव डालता. उसने जब पति व ससुराल वालों का विरोध किया तो उसे मारपीट कर घर बाहर निकाल दिया, लेकिन घरवालों से समझाकर उसे वापस ससुराल भेज दिया. इस दौरान 18 मई 2018 को उसे कार की मांग पूरी नहीं करने पर उसे मारपीट कर वापस निकाल दिया.

इसे भी पढ़ें- एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के आधार पर गुजारा भत्ता दिलाने से इनकार - Jaipur city Family Court

प्रार्थिया ने पति से गुजारा भत्ता दिलवाए जाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि वह 60-70 हजार रुपए हर महीने कमाता है. इसलिए उसे भी दैनिक खर्च के लिए 20 हजार रुपए गुजारा भत्ता दिलवाया जाए. इस पर कोर्ट ने 10 जनवरी 2021 को आदेश जारी कर प्रार्थिया को हर महीने 8000 रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिए, लेकिन पति ने आदेश का पालन नहीं किया.

जयपुर : पारिवारिक न्यायालय क्रम-2 महानगर द्वितीय ने पत्नी को कई महीने से बकाया चल रही गुजारा भत्ते की राशि 3 लाख रुपए नहीं देने पर जमवारामगढ तहसीलदार को पति की जमीन को कुर्क कर बकाया राशि को वसूलने के आदेश दिए हैं. इसके बाद तहसीलदार ने पति की ग्राम ताला में खातेदारी जमीन को कुर्क कर भू अभिलेख निरीक्षक को इसकी 5 नवंबर को नीलामी करने को कहा है.

अधिवक्ता डीएस शेखावत ने बताया कि 5 जून 2012 को प्रार्थिया की शादी अप्रार्थी पति के साथ सामूहिक विवाह सम्मेलन में हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल वालों ने प्रार्थिया को दहेज के लिए प्रताड़ित किया और गाली-गलौच की. पति आए दिन उससे मारपीट करता और पीहर से रुपए लेकर आने के लिए दबाव डालता. उसने जब पति व ससुराल वालों का विरोध किया तो उसे मारपीट कर घर बाहर निकाल दिया, लेकिन घरवालों से समझाकर उसे वापस ससुराल भेज दिया. इस दौरान 18 मई 2018 को उसे कार की मांग पूरी नहीं करने पर उसे मारपीट कर वापस निकाल दिया.

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प्रार्थिया ने पति से गुजारा भत्ता दिलवाए जाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि वह 60-70 हजार रुपए हर महीने कमाता है. इसलिए उसे भी दैनिक खर्च के लिए 20 हजार रुपए गुजारा भत्ता दिलवाया जाए. इस पर कोर्ट ने 10 जनवरी 2021 को आदेश जारी कर प्रार्थिया को हर महीने 8000 रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिए, लेकिन पति ने आदेश का पालन नहीं किया.

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