जयपुर : राजधानी की परंपरा से जुड़ा तीज फेस्टिवल और इस फेस्टिवल में मिठास घोलने का काम करने वाले घेवर का सोमवार को विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. जयपुर में 20 कारीगरों ने अपने पांचवें प्रयास में सवा 7 फीट व्यास का 455 किलो का घेवर तैयार किया. 800 किलो की कढ़ाई में 1000 किलो घी, 105 किलो मैदा, 125 किलो पनीर, 125 किलो दूध से घेवर तैयार किया गया. इस घेवर को दुनिया का सबसे बड़ा घेवर बताते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने वर्ल्ड रिकॉर्ड का तमगा दिया है. इससे पहले ये वर्ल्ड रिकॉर्ड 6.01 फीट व्यास और 120 किलो वजन के घेवर का था, जो 2018 में तैयार किया गया था.
ग्रेटर निगम की ओर से सोमवार को हरियाली तीज महोत्सव का आयोजन किया गया. मानसरोवर के अभिनंदन बैंक्वेट हॉल में आयोजित ये कार्यक्रम गुलाबी लहरिया थीम पर आयोजित किया गया, जिसमें सावन की तीज को परंपरागत रूप से मनाया गया. यहां सावन का झूला, तीज की सवारी, घूमर के साथ-साथ सबसे बड़ा घेवर भी तैयार किया गया. ग्रेटर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बताया कि तीज महोत्सव हर साल मनाया जाता है. राजस्थान की महिलाओं के लिए इसका विशेष महत्व है. इस बार शहर की सैकड़ों महिलाओं और विभिन्न महिला संगठनों के साथ प्रश्नोत्तरी, घूमर, मेहंदी, थाली मेकिंग, बणी ठणी, घेवर बनाने जैसी कई प्रतियोगिता आयोजित की गई.
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इसके साथ ही सबसे बड़ा घेवर बनाकर एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह बनाई. वहीं तीज महोत्सव में उपहार के रूप में पेड़ दिया गया. ताकि महिला शक्ति इस मुहिम में जुड़कर एक करोड़ पेड़ लगाने के लक्ष्य में बढ़-चढ़ कर भाग ले. इस दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से हैंडमेड प्रोडक्ट की स्टॉल भी लगाई गई.
वहीं, सवा सात फीट के घेवर को तैयार करवाने वाले जोहरी लाल सोढानी ने बताया कि इस घेवर को तैयार करने के लिए मेयर सौम्या गुर्जर ने 20 जुलाई को ऑर्डर दिया था. इसके बाद 20 कारीगरों ने 5वें प्रयास में इस घेवर को बनाया. 1 हजार किलो घी, 105 किलो मैदा, 125 किलो पनीर, 125 किलो दूध से घेवर तैयार किया गया है. ये घेवर 800 किलो की कड़ाई में बनाया गया.
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इस कढ़ाई को तैयार करवाने में ही करीब 2 महीने का समय लगा था. जिसे घाट गेट स्थित लोहारों के खुर्रे के कारीगरों ने तैयार किया था. क्रेन की मदद से इसे ट्रैक्टर ट्रॉली में लोड कर लाया गया. ये घेवर तीज उत्सव में शामिल हुए लोगों को दिखाया भी गया और खिलाया भी गया. वहीं वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम और सैकड़ों महिलाएं इस अनूठे रिकॉर्ड की साक्षी बनी.